भोपाल

कूनो नेशनल पार्क में अब तक 5 चीतों और 3 शावकों की मौत

भोपाल डेस्क :

कूनो नेशनल पार्क में पहली बार खुले जंगल में छोड़े गए दक्षिण अफ्रीकी चीते की मौत का मामला सामने आया है।पालपुर के जंगलों में मसावनी बीट में नर चीता सूरज मृत मिला। उसकी गर्दन और पीठ पर चोट के निशान हैं। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।

अभी तक जिन 4 चीतों की मौत हुई है, वे सभी बाड़ों में थे। मप्र के पीसीसीएफ वन्यजीव जसबीर सिंह चौहान का कहना है कि चोट का कारण शिकार के दौरान हिंसक झड़प या किसी दूसरे जानवर से संघर्ष भी हो सकता है। पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा। कूनो प्रबंधन के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 6:30 बजे निगरानी दल को पालपुर एरिया में यह चीता सुस्त अवस्था में लेटा मिला। उसके गले पर मक्खियां भिन-भिना रही हैं, निगरानी दल के पास जाने पर चीते ने दौड़ लगा दी थी।

इसके बाद डॉक्टरों के दल को बुलाकर चीते को खोजने का प्रयास किया। करीब 9 इसकी जीपीएस लोकेशन ट्रेस कर खोजा गया तो यह मृत मिला। करीब 5 साल का यह चीता दक्षिण अफ्रीका के स्वालु कालाहारी रिजर्व से 18 फरवरी को भारत लाया गया था। चीता स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. राजेश गोपाल का कहना है कि नामीबियाई चीतों ने कूनो को पूरी तरह एडॉप्ट कर लिया है, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी चीते अभी इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। करीब डेढ़ से 2 साल बीतने पर ही इनकी आबादी स्टेबल हो पाएगी।

कूनों में यह चीते की आठवीं मौत, सभी के कारण अलग
कूनो में अब तक 8 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें दक्षिण अफ्रीका के 3 नर और एक मादा चीता शामिल हैं। नामीबिया के चीतों में एक मादा और एक तीन शावकों की अब तक मौत हुई है। 8 नामीबियाई चीतों को 17 सितंबर को भारत लाया गया था। इनमें से 7 पूरी तरह स्वस्थ हैं और एक मां भी बन चुकी है।

इन्हें कूनो में 9 माह पूरे हाेने वाले हैं। सिर्फ 5 माह पहले 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों में से 4 की मौत हो चुकी है। यह चाराें ही वाइल्ड थे, जिन्हें भारत लाते वक्त और क्वारंटीन के बाद बड़े बाड़ों में रिलीज करते वक्त पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया था।

चर्चा… भैंसों के हमले के बाद हुई चीते की मौत
कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को मृत पड़े मिले चीता सूरज को पार्क प्रबंधन भले ही आज चहल कदमी करता हुआ बता रहा है, पर चर्चा यह भी है कि चीता सूरज कुछ दिन पहले ही भैंसों से हुई भिड़ंत में घायल हो गया था। उस समय मॉनिटरिंग टीम ने भैंसों को तो भगा दिया, पर चीता सूरज के घायल होने पर ध्यान नहीं दिया। पिछले तीन दिन से इसकी लोकेशन एक ही जगह पर मिली, तब इसको देखने के लिए अमला पहुंचा तो चीता उन्हें मृत पड़ा मिला। हालांकि कूनो नेशनल पार्क के कोई अफसर इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।

अब कूनो में सिर्फ 15 चीते
कूनो पार्क में लाए गए 20 चीतों में से सिर्फ 15 ही बचे हैं। इनमें 7 नर और 8 मादाएं हैं। चार शावकों में से सिर्फ 1 शावक ही जीवित है।

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