भोपाल डेस्क :
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में आई डोनेशन नहीं होने से आंख की रोशनी की उम्मीद लगाए लोग मायूस हैं। अभी एम्स में 70, हमीदिया में 15 और बैरागढ़ स्थित सेवा सदन आई हॉस्पिटल में 10 मरीज कॉर्निया ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि कोरोना काल में आई बैंक बंद थे। इस दौरान भी मुश्किल से डोनेशन हो पा रहा था। उसके बाद तो डोनेशन और कम हो गया।
कॉर्निया डोनेशन को बढ़ावा देने अस्पतालों में आने वाले मरीजों की काउंसिलिंग होती है, लेकिन लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। इस कारण लोग परिजन की डेथ के बाद आई डोनेशन नहीं करते। स्वस्थ मरीज को ऐसा कॉर्निया लगाया जाता, जिसका रिजल्ट लंबे समय तक दिखाई दे। कॉर्निया डोनेशन की कमी के चलते दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर और महाराष्ट्र के आई बैंक से कॉर्निया मंगवा रहे हैं।
भोपाल एम्स के नेत्र रोग विभाग की एचओडी डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि हैदराबाद, दिल्ली से कुछ कॉर्निया डोनेशन में मिले थे। सेवा सदन हॉस्पिटल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. प्रेरणा उपाध्याय ने बताया कि भोपाल में आई डोनेशन नहीं होने से सेंट्रल आई बैंक की मदद से बाहर से कॉर्निया मंगवा रहे हैं। आयुष्मान पैकेज से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हमारे यहां साल में 50 से ज्यादा मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।
यह है स्थिति
- 100 कॉर्निया एक साल में बाहर से मंगवा चुके हैं अस्पताल
- 50 से ज्यादा कॉर्निया ट्रांसप्लांट होते हैं एम्स में हर साल
कोई छह महीने से इंतजार कर रहा, तो कोई सालभर से…
केस-1: पुतली में ट्यूमर था
36 साल रोहित कुमार (परिवर्तित नाम) के आंख की पुतली में ट्यूमर हो गया था। सर्जरी के बाद उनको ठीक दिखाई देने लगा था, लेकिन दोबारा ट्यूमर हो गया। इसके चलते उनको दिखना बंद हो गया था। पिछले 6 महीने से वेटिंग लिस्ट में हैं लेकिन कॉर्निया नहीं मिला है। डॉक्टर्स को उम्मीद है कि लोग कॉर्निया डोनेट करें तो उन्हें रोशनी मिल सकती है।
केस-2: छाला होने से परेशानी
42 साल के सौदान सिंह (परिवर्तित नाम) की आंख की पुतली में छाला हो गया हो था। इससे उनको दिखाई देना बंद हो गया था। कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए पिछले एक साल से वेटिंग लिस्ट में थे। नेत्ररोग विभाग को आई डोनेशन के तहत मिला कॉर्निया उनको लगाया गया। अब वो फिर से पहले की तरह देख सकते हैं।
हमीदिया: 15 से ज्यादा मरीजों को कॉर्निया का इंतजार
हमीदिया अस्पताल के नेत्ररोग विभाग में 80 से ज्यादा मरीजों का रजिस्ट्रेशन है। इसमें 15 से ज्यादा ऐसे मरीज हैं जिनको कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत है। शेष 65 मरीजों को कॉर्निया डोनेशन की जरूरत है। इसमें ऐसे मरीज भी हैं, जिनके आंखों में घाव के चलते कॉर्निया ट्रांसप्लांट होना है। आंखों की बनावट भी ऐसी है जिसमें कॉर्निया की जरूरत है। अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को कॉर्निया डोनेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।