नई दिल्ली

राजपथ बना कर्तव्य पथ पीएम नरेंद्र मोदी ने किया है नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण

नई दिल्ली डेस्क :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात 8:00 बजे कर्तव्य पथ का शुभारंभ कर दिया राजपथ बना कर्तव्य पर पीएम नरेंद्र मोदी ने किया शुभारंभ 3 किलो मीटर से अधिक की लंबाई बालेे कर्तव्य पथ का पीएम नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ कर देश की जनता को समर्पित किया इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा राजपथ अंग्रेजों के लिए था जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे। यह उपनिवेशवाद का प्रतीक था। अब इसकी वास्तुकला बदल गई है, और इसकी भावना भी बदल गई है। आज हमने अंग्रेजों के प्रतिको को मिटा दिया है इंडिया गेट पर पहले जॉर्ज पंचम का प्रतीक लगा हुआ था अब इस स्थान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा दिखाई देती है

आज, देश ने विभिन्न कानूनों को बदल दिया है जो अंग्रेजों के समय से थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से अब देश के युवाओं को विदेशी भाषा की मजबूरी से मुक्त किया जा रहा है:। आज भारत अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देने लगा है

नेता जी सुभाष चंद्र बोस को भूला दिया गया

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारे राष्ट्र नायक को सुभाष चंद्र बोस उनको भुला दिया है आज इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। ब्रिटिश शासन के दौरान, यहां अंग्रेजों के एक प्रतिनिधि की एक मूर्ति खड़ी थी। नेताजी की प्रतिमा की स्थापना के साथ, हमने एक सशक्त भारत के लिए एक नया मार्ग स्थापित किया है। सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे महामानव थे उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि उन्हें पूरी दुनिया नेताजी मानती थी नेताजी के पास विजन था द्राण इक्षा शक्ति थी साहस था उनमें से साहस था उनके पास विचार थे नेतृत्व क्षमता की अगर आजादी के बाद हमारा देश सुभाष बाबू जी ने किया पर चला होता तो इतनी ऊंचाइयों पर होता मगर दुर्भाग्य है कि नेताजी को भुला दिया गया

पिछले 8 सालों में हमने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिन पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की छाप थी। वह ‘अखंड भारत’ के पहले प्रमुख थे जिन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक सपना था और कहते थे कि लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने पर कैसा महसूस हुआ वह मैंने लाल किले पर झंडा फहराने से किया है नेताजी से जुड़ी चीजों को नजरअंदाज किया गया है उनके योगदान को भुला दिया गया है लेकिन अब नेताजी से जुड़ी और आजादी के महानायक को की जोड़ी 1- 1 यादों को सहज कर रखा जाएगा।

यह बदलाब प्रतिको तक सीमित नहीं

भारत के संकल्प और लक्ष्य अपने हैं हमारे प्रतीक और पद अपने है आज राजपथ का अस्तित्व खत्म हो गया अब है कर्तव्य पर बन गया है और आने वाले समय में है हमें खुद कर आएगा की गुलामी वाली मानसिकता खत्म हो चुकी है अब यह हमारा कर्तव्य पथ बन चुका है और हमें इसी राह पर चलना है तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा

कर्तव्य पथ को बनाने वाले सभी मजदूर भाई वे (श्रमजीवी) जिन्होंने सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए यहां काम किया है, वे 26 जनवरी को मेरे विशेष अतिथि होंगे।

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