बाउंड्री वॉल के विवाद में रेलवे के इंजीनियर ने खोया आपा: चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की कोशिश, पुलिसकर्मियों ने दौड़कर बचाया
न्यूज़ डेस्क :
मध्यप्रदेश के शुजालपुर में रेलवे के एक जूनियर इंजीनियर ने खुदकुशी की कोशिश की। वह चलती ट्रेन के सामने कूदने लगा, हालांकि पुलिस ने वक्त पर पहुंचकर उसे पकड़ा। ये हाईवोल्टेज ड्रामा उस समय हुआ, जब राजस्व विभाग का अमला रेलवे की ओर से बनाई जा रही बाउंड्री वॉल का काम रुकवाने पहुंचा।
मामला शुजालपुर के भूगोर गांव का है। जहां रेलवे अनाधिकृत रूप से राजस्व विभाग की जमीन पर बाउंड्री वॉल बना रहा है। जिससे वहां रहने वाले किसानों व उनके परिजनों का खेत में आने-जाने का रास्ता बंद हो जाएगा। इसी बात की शिकायत ग्रामीणों ने राजस्व विभाग से कर दी।
शिकायत मिलने पर तहसीलदार राकेश खजूरिया पुलिस बल के साथ ग्राम भूगोर की सीमा में लगने वाली शिवपुरा दरगाह के सामने रेलवे ट्रैक के पास पहुंचे। यहां तहसीलदार ने राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में किए गए सीमांकन के आधार पर रेलवे के अधिकारियों से अपनी भूमि पर ही बाउंड्री वॉल बनाने और किसानों व रहवासियों के लिए पैदल निकलने का रास्ता छोड़ने का अनुरोध किया। इसी दौरान रेलवे के IOW विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत जगदीश बामनिया अचानक अपना आपा खो बैठे और सामने से आ रही बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस (20845) ट्रेन के सामने जाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगे।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तेजी से दौड़कर जूनियर इंजीनियर को पकड़कर ट्रैक से हटाया। इसी दौरान बड़ी संख्या में निर्माण का विरोध कर रहे लोग जूनियर इंजीनियर पर अभद्रता का आरोप भी लगाते देखे गए।
इंजीनियर बोला- मुझे मजबूर किया
उधर, जूनियर इंजीनियर जगदीश बामनिया ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने मेरे साथ मारपीट की कोशिश की। साथ ही मुझे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया, इसलिए मैं रेलवे ट्रैक पर गया था।
समस्या सुलझने तक निर्माण बंद
करीब 2 घंटे तक चले हंगामे के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों को रेलवे के अधिकारियों ने रास्ते की समस्या का निराकरण होने तक निर्माण कार्य बंद करने का आश्वासन दिया। रेलवे के अधिकारी राजस्व विभाग के अधिकारियों के पंचनामा पर लिखित में हस्ताक्षर करने को भी राजी नहीं हुए। मौके पर सिटी पुलिस व रेलवे पुलिस का बल बड़ी संख्या में मौजूद रहा।
यह है रहवासियों की समस्या
ग्राम पंचायत भूगोर के सरपंच मंगल सिंह राठौड़ ने बताया कि 200 से अधिक किसान व उनके परिजन रेलवे ट्रैक को पार कर करीब 1000 बीघा जमीन पर स्थित अपने खेत पर आना-जाना करते हैं। राजस्व विभाग के सीमांकन की जमीन के अतिरिक्त जगह पर कब्जा करते हुए रेलवे बाउंड्री वॉल बनाने के साथ ही पैदल निकलने का रास्ता भी बंद कर रहा है। इसी बात का रहवासी विरोध कर रहे हैं।
रेलवे के अफसर भी जांच करने पहुंचे
बाउंड्री वॉल के निर्माण कार्य के दौरान हुए विवाद के बाद रेलवे के उज्जैन स्थित इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी भी जानकारी लेने के लिए पहुंचे। अधिकारी संदीप कपूर ने स्थानीय लोगों से चर्चा के बाद प्रतिवेदन बनाकर रेलवे के उच्च अधिकारियों को भेजा है। इस संबंध में रेलवे ने अधिकृत बयान देने से इंकार किया है। आत्महत्या की कोशिश करने वाले सब इंजीनियर करीब 18 माह बाद रिटायर होंगे। उनका कहना है कि ब्लड प्रेशर हाई होने व भीड़ देखकर घबराने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया था।
राजस्व- रेलवे में कई बार हो चुकी तनातनी
शुजालपुर में रेलवे और राजस्व विभाग के बीच में तनातनी का यह पहला मामला नहीं है। शहरी क्षेत्र में 56 गुमटी के पीछे नाला निर्माण और बाउंड्री वॉल बनाने के दौरान भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। राजस्व विभाग ने रेलवे की जमीन का कई बार सीमांकन किया है। खास बात ये है कि कुछ साल पहले राजस्व विभाग ने ही रेलवे को इस भूमि का आवंटन किया था। लेकिन अब रेलवे, राजस्व विभाग के नक्शे, नपती व सीमांकन को ही मानने से इनकार कर रहा है।