विदिशा में पट्टे की मांग को लेकर धरना: सड़क पर खाना बना रहे थे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने आग को बुझाया
विदिशा डेस्क :
विदिशा में पिछले तीन दिनों से ग्यारसपुर क्षेत्र के ओलिंजा के आदिवासियों को पट्टे की मांग को लेकर आदिवासी परिवार के साथ अनुसूचित जाति जनजाति कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता नीमताल चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विदिशा के पूर्व विधायक शशांक भार्गव और अन्य पदाधिकारी भी धरना स्थल पर मांगों के समर्थन में पहुंचे थे। आज (शनिवार को) प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नीमताल चौराहे पर मुख्य सड़क पर आग जलाकर खाना बनाने की तैयारी कर रहे थे।
सड़क पर खाना बनाने की जानकारी लगते ही कोतवाली थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझने का प्रयास किया, जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने आग को बुझा दिया। प्रदर्शनकारी फिर भी नहीं माने उन्होंने बुझी हुई आग पर खाना बनाने की कोशिश की और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ग्यारसपुर के ग्राम ओलिंजा में 1998-99 में 42 व्यक्तियों को शासन की तरफ से पट्टे जारी किए गए थे। बीजेपी सरकार आने के बाद उन पट्टों पर भाजपा का कब्जा किए जाने का आरोप लगाया। वहीं इस हंगामा के बीच विदिशा तहसीलदार डॉक्टर अमित ठाकुर भी मौके पर आए उन्होंने आदिवासियों के पट्टे के संबंधित कागजात को देखा और इस संबंध में ग्यारसपुर के तहसीलदार से भी संपर्क किया। मामले की जांच के बाद टीएल बैठक में रखने का आश्वासन दिया, जिसके बाद आदिवासियों ने धरना प्रदर्शन बंद किया। पूर्व विधायक ने पुलिस द्वारा रोटी बनाए जाने के दौरान आग बुझाए जाने पर नाराजगी भी व्यक्त की।
तहसीलदार अमित ठाकुर का कहना है कि मामले के जांच के लिए कागजात मांगे गए हैं। रविवार को अवकाश होने के बाद भी वह वहां बैठकर इन कागजों को जांचेंगे। टीएल बैठक में यह कागजात रखे जाएंगे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद में प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया।