एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज लेकर मप्र के जिन दो छोटे शहरों के विकास की तैयारी: बुदनी में 200, खुरई में 300 करोड़ होंगे खर्च
भोपाल डेस्क :
इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान (आईडीपी) के तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज लेकर मप्र के जिन दो छोटे शहरों के विकास की तैयारी है, उसमें एक सीएम शिवराज सिंह चौहान का क्षेत्र बुदनी और दूसरा नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का क्षेत्र खुरई है।
बुदनी में 200 करोड़ और खुरई में 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार के नगरीय विकास विभाग के पास ही चूंकि शहरों के चयन का अधिकार था। लिहाजा, इन दोनों का चयन पहले चरण के लिए किया गया। बाद में चित्रकूट और नसरुल्लागंज का नंबर आएगा। समग्र विकास के लिए शहरों के चयन की बानगी भी बड़ी रोचक है। आईडीपी पुरानी स्कीम है।
2019-20 में कमलनाथ सरकार के दाैरान शहरों के चयन की बात आई तो तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने अपने क्षेत्र राधौगढ़ और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैतूल का चयन किया था।बैतूल से कमलनाथ के करीबी सुखदेव पांसे पीएचई मंत्री रहे। बहरहाल, नए चुने गए शहरों में विकास के काम शुरू करने के लिए रोड और बिल्डिंग के टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
शेष यह काम मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के तहत होगी। शेष पेज 5 पर एडीबी की एक्सपर्ट टीम ने हाल ही में सर्वे का काम पूरा किया है। बुदनी और खुरई में शार्ट, मीडियम और लांग टर्म प्रोजेक्ट बनेंगे। दो साल में काम पूरा करने का लक्ष्य है।
हाउसिंग के साथ रिवर फ्रंट बनेगा, सोलर प्लांट भी लगेंगे
बुदनी में टेक्सटाइल का काम होने की वजह से लेबर के लिए 15 हजार हाउस बनेंगे। टूरिज्म के लिए रिवर फ्रंट विकसित होगा। खुरई में एग्रीकल्चर की संभावनाएं हैं, इसलिए यहां भी हाउसिंग के प्रोजेक्ट रहेंगे। तालाब के किनारों का सौंदर्यीकरण होगा। खुरई और बुदनी में 4-4 मेगावॉट के सोलर प्लांट लगेंगे। सीएनजी प्लांट की भी संभावनाएं देखी जाएंगी।
70% पैसा राज्य सरकार के खजाने से लगेगा
आईडीपी में पैसों का गणित ऐसा है कि 500 करोड़ में से 70% राशि राज्य सरकार के खजाने से जाएगी। यानी 350 करोड़ रुपए। शेष 30% पैसा एडीबी से लोन लिया जाएगा। लोन के इस एमाउंट में से 75% राज्य सरकार चुकाएगी और शेष 25% नगरीय निकाय को देना होगा। स्पष्ट है कि ज्यादातर पैसा राज्य सरकार ही दे रही है।
इन तरीकों से होगी कमाई
- सीएनजी प्लांट को पीपीपी पर दिया जाएगा।
- टूरिज्म के लिए रिवर फ्रंट को लीज पर देने के प्रावधान होंगे।
- सोलर प्लांट से बचत के रास्ते बनेंगे।
- सड़क, सीवरेज और पानी की निकासी व्यवस्था के बाद निकाय टैक्स लगाएंगे।