जयपुर

सियासी उठापटक जारी, अशोक गहलोत बोले- अमित शाह से लिए 10-15 करोड़ लौटाएं विधायक: खर्च कर दिए तो वो हिस्सा मैं दे दूंगा; पैसा मत रखो

जयपुर डेस्क :

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट कैंप पर बगावत के वक्त बीजेपी से करोड़ों रुपए लेने का आरोप दोहराया है। साथ ही, अमित शाह को पैसा वापस लौटाने की सलाह दी है।

रविवार को धौलपुर के राजाखेड़ा के पास महंगाई राहत कैंप की सभा में गहलोत ने कहा- उस वक्त हमारे विधायकों को 10 से 20 करोड़ बांटा गया। वह पैसा अमित शाह को वापस लौटा देना चाहिए। अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांट दिए। यह लोग पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है, ये वापस पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं?

गहलोत ने कहा- हमारे विधायकों से मैंने यहां तक कह दिया कि जिसने 10-20 करोड़ लिया है। उसमें से कुछ खर्च कर दिया हो तो वह हिस्सा मैं ​दे दूंगा। मैं AICC से दिलवा दूंगा। आप अमित शाह को पैसा वापस दे ​दीजिए।

उन्होंने कहा- 10 करोड़ लिया है तो 10 करोड़, 15 करोड़ लिया तो 15 करोड़ उसे वापस दीजिए। उसका पैसा मत रखो। उसका पैसा रखोगे तो हमेशा आप पर दबाव बनाकर रखेगा। गृहमंत्री भी है, धमकाएगा, डराएगा जैसे वो गुजरात में करता है। महाराष्ट्र में डरा धमकाकर शिवसेना के दो टुकड़े कर दिए। अमित शाह बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं।

विधायकों ने गलती कर दी कोई बात नहीं, भूलो और माफ करो
गहलोत ने कहा- मैंने विधायकों से कहा है, तुमने गलती कर दी कोई बात नहीं। भूलो और माफ करो। उसका पैसा वापस दो ताकि आप इंडिपेंडेंट होकर काम कर सको। मैं पूरा साथ दूंगा।

तुमने गलती कर दी कोई बात नहीं। मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया है। मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं पुरानी बातें भूल कर सबको साथ लेकर चलूं। किसी के भी काम में मैंने कोई कमी नहीं रखी। मैं सबको साथ लेकर चला। आप सबको साथ लेकर चलो और पार्टी को जिता कर लाओ। मैंने कहा है बचपन से मेरा संकल्प है मैं अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करना चाहता हूं।

रोहित बोहरा, चेतन डूडी, दानिश मेरा साथ नहीं देते तो मैं आज सीएम नहीं होता
गहलोत ने कहा- हमारे तीन विधायक रोहित बोहरा (राजाखेड़ा विधायक), डीडवाना विधायक चेतन डूडी और सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार टाइम पर मेरा साथ नहीं देते तो आज मैं आपके सामने मुख्यमंत्री के रूप में खड़ा नहीं मिलता। बीजेपी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सरकार गिरा दी।

बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त करके सरकार गिरा रही है। 10 करोड़, 20 करोड़, 25 करोड़ मिलेंगे तो अच्छे-अच्छे MLA बिक जाते हैं। किस प्रकार 3 सरकारें चली गईं। बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या कर दी। सत्ता में बैठे हुए ये खतरनाक लोग हैं। इनका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है। केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहने हुए हैं।

सीएम गहलोत ने कहा- हमारी सरकार को गिराने के लिए पूरा षड्यंत्र किया गया। करोड़ों रुपए खर्च किया गया। बोहरा, डूडी और दानिश के अलावा दो और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज सिंह मलिंगा भी हमारे साथ थे, तब 102 विधायक इकट्ठे हुए। मुझे यह कहना पड़ा मैं आप सबका आभारी रहूंगा। आप चिंता मत करो।

हम सब लोग मिलकर वापस सरकार लाएंगे। आपको जिताएंगे। अब जीतना हर एमएलए को है। मुझसे जो मांगा वह दिया है। बजट के माध्यम से जो मुझ से मांगा मैंने दिया। मैंने कहा था- तुम मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा।

मैंने भेदभाव नहीं किया, छोड़कर जाने वालों को भी माफ किया
गहलोत ने कहा- मैंने वादा निभाया है। मैंने भेदभाव नहीं किया। भूलो और माफ करो की बात कही। जो हमें छोड़ कर चले गए थे, उनको भी मैंने कहा कोई बात नहीं, पुरानी बातें भूलो और सब मिलकर चलो। मैंने सब बातें भूलने की कोशिश की।

गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा भी हमारे साथ थे। बाद में हो सकता है कोई कारण से वो नाराज हो गए होंगे। राजनीति में नाराजगी चलती रहती है। अभी हम 122 विधायक हैं, निर्दलीय और बसपा से आने वाले साथी हैं। मेरी भावना रहेगी कि सब जीतकर आएं।

तीन विधायकों ने गद्दारी की सूचना दी
गहलोत ने कहा- विधायक रोहित बोहरा कितना खरा आदमी है। टाइम पर मुझे सूचना नहीं देता कि गद्दारी हो रही है, मैं अगर विश्वास में रह जाता तो हमारी सरकारी चली जाती है। कल्पना कीजिए आप, सरकार होने का और नहीं होने का कितना फर्क होता है। सरकार बची हुई है। मैं आपकी सेवा कर रहा हूं। बजट पेश कर रहा हूं। शानदार योजनाएं ला रहा हूं।

मेरा साथ देने वाले 102 विधायक मंत्री बनने के असली हकदार थे
गहलोत ने कहा- इन तीनों विधायकों ने सरकार बचा दी। समझदारी का काम किया। बार-बार मैं कहता हूं आपने वफादारी रखी। पार्टी आपको कभी नहीं भूल सकती। मेरा बस चलता तो इन तीनों नौजवानों को मेरे साथ मंत्री बनाता। मुझे दुख है कि मैं मेरा साथ देने वाले निर्दलियों, बसपा से आने वाले छह विधायकों को मंत्री नहीं बनवा पाया। कई राजनीतिक कारण होते हैं।

जिन 102 विधायकों ने मेरा साथ दिया मंत्री बनने के असली हकदार वे थे। तीन एमएलए ने मुझे सूचित किया टाइमली कि बहुत बड़ी गद्दारी होने जा रही है, वे मंत्री बनने के हकदार थे। जो 13 लोग इंडिपेंडेंट थे, तीन लोग चले भी गए आधे-अधूरे बाकी लोगों ने मेरा साथ दिया तब जाकर सरकार बची है।

वसुंधरा राजे, कैलाश मेघवाल की तारीफ की
गहलोत ने बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाह के साथ वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की तारीफ की। शोभारानी कुशवाह ने राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस का साथ दिया था।

गहलोत ने कहा- शोभारानी कुशवाहा बोल्ड लेडी हैं। शोभारानी ने हमारा साथ दिया तो बीजेपी के सारे लोग देखते रह गए। भाजपा वालों की हवाइयां उड़ गईं। शोभा रानी ने, दूसरा वसुंधरा राजे ने और तीसरा कैलाश मेघवाल ने। कैलाश मेघवाल और वसुंधरा जी को मालूम था कि भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे।

उस वक्त उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे थे। मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था। मेरे पास लोग आए। उस वक्त भी पैसा बंटने लग गया था। जिस तरह अभी बंटा था।

मेरे पास जो लोग आए, मैंने उनसे कहा- भले आदमियों, तुम्हारे नेता भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री हैं। वे बाहर इलाज के लिए गए हुए हैं। तुम पीछे से षड्यंत्र करके सरकार गिरा रहे हो। मैं तुम्हारा साथ नहीं दूंगा। मैं चाहता तो उनके साथ शामिल हो जाता तो सरकार गिर सकती थी।

मैंने उनसे कहा कि तुम अनैतिक काम कर रहे हो। जो आदमी बीमार है, तीन-तीन ऑपरेशन हुए हैं, वहां पर बहुत नाजुक स्थिति हो गई थी उनकी और तुम पीछे से सरकार गिरा रहे हो।

मेरे साथ जो बीती वह घटना जिंदगी में नहीं भूल सकता
गहलोत ने कहा- वही बात कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे ने कही कि हमारे यहां चुनी हुई सरकारों को पैसे के बल पर गिराने की कभी परंपरा नहीं रही है, तो उन्होंने क्या गलत किया? शोभारानी कुशवाह ने वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की सुनी।

इनकी अंतरात्मा ने कहा- मुझे भी ऐसे लोगों का साथ नहीं देना चाहिए तो क्या गलत किया? इसलिए हमारी सरकार बची है। मैं जिंदगी में यह घटना कभी भूल नहीं सकता, जो मेरे साथ बीती थी। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि लोग विधायकों से फोन करके कहते थे चाहे 6 महीने होटलों में रहना पड़े, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए।

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