भोपाल धरने पर बैठे चयनित पटवारियों को पुलिस ने मारे लात-घूंसे: जबरन गाड़ी में बैठाया, कहा-प्रदर्शन की नहीं ली अनुमति
भोपाल डेस्क :
भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठे चयनित पटवारियों को पुलिस जबरन अपनी गाड़ी में भरकर ले गई। इस दौरान का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर लात-घूंसे चलाते नजर आ रहे हैं। पुलिस का कहना है चयनित पटवारियों ने धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। गिरफ्तारी नहीं की गई है।
रविवार को चयनित पटवारी बड़ी संख्या में भोपाल पहुंचे। इनकी प्रमुख मांग नौकरी जॉइन कराने की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उपनिरीक्षक और शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के अनुसार जांच के साथ समानांतर रूप से नियुक्ति प्रक्रिया चलाई जाए। यदि कोई दोषी पाया जाए तो उन्हें चिन्हित करके उन पर कार्रवाई की जाए। उनके स्थान पर प्रतीक्षा सूची में स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए।
सभी चयनित अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लिया जाए। इसमें दोषी पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई भुगतने की सहमति का प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की नियम पुस्तिका के बिंदु 13(3) के अनुसार परिणाम के प्रकाशन से लेकर 90 दिन की अवधि में नियुक्ति देने के प्रावधान पर विचार करते हुए सितंबर माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने लिखा है मुख्यमंत्री को पत्र
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी को जल्द नियुक्ति देने की मांग की है। गोविंद सिंह ने लिखा कि प्रदेश में सितम्बर 2023 में पटवारी चयन परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों कि ग्रुप-2 सब ग्रुप- 4 पटवारी भर्ती परीक्षा में लगभग 8,600 अभ्यर्थी चयनित होकर नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
चयन परीक्षा में आपके द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है। 31 अगस्त 2023 तक रिपोर्ट देने की बात कही थी। लेकिन 31 अगस्त तक रिपोर्ट नहीं आने से सभी मेहनती चयनित छात्रों की नियुक्ति प्रक्रिया नहीं होने से उनके परिवार के लोग काफी तनाव में हैं।
रिजल्ट आने के कुछ दिन बाद रोकी नियुक्ति प्रक्रिया
पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 30 जून को आया था और उन्हें नियुक्ति 15 अगस्त तक देना थी। लेकिन दस्तावेजों की चेकिंग 17 अगस्त से होनी थी। इस बीच कुछ परीक्षार्थियों के बारे में संदेह होने पर यह प्रक्रिया रोक दी गई। जिससे प्रदेश भर के करीब 8 हजार 600 चयनित पटवारी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। जिसके चलते नियुक्तियां नहीं दी जा रही हैं।