विदिशा

जन्म के 18वें दिन जलविहार के लिए निकले भगवान श्री कृष्ण, ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर किया भव्य स्वागत

आनंदपुर डेस्क :

कृष्ण जन्माष्टमी के 18वें दिन जलझूलनी ग्यारस पर भगवान कृष्ण जलविहार करने निकले जगह जगह ग्रामीण जनों ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत जलझूलनी ग्यारस के दिन भगवान श्री कृष्ण सहपरिवार जलविहार करने के लिए अपने घर से निकले जलविहार से लौटते हुए ग्रामीण जनों ने उनका जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत सत्कार किया और डीजे की धुन पर ग्रामीण क्षेत्र के युवा नाचते गाते हुए आगे चल रहे थे

जगह-जगह कान्हा ने फोड़ी मटकी

जलविहार कर जैसे ही भगवान श्री कृष्ण लौट रहे थे तो उनके स्वागत में ग्रामीण जनों ने पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत सत्कार किया और अपने घरों के सामने मटकिया बांध रखी थी कि कान्हा आएगा और हमारी मटकी तोड़ेगा इस पावन बेला पर स्वागत करताओ में रामस्वरूप पाराशर, अमित सोनी, आशीष सोनी, संतोष शर्मा आदि ने अपने घरों के सामने मटकी बांध कर रखे थे और उनमें फूल और दही भरे हुए कान्हा ने मटकी यों को फोड़कर उनका उत्साह वर्धन किया। तत्पश्चात देर रात विमान पहले दिन ग्राम के पटेल के घर रुके और वहीं पर सारी रात भजन संध्या का कार्यक्रम किया गया इस अवसर पर ग्राम के सैकड़ों भक्तजन नाचते गाते हुए चल रहे थे

यह हैं मान्यता
ऐसी मान्यता बताई जाती है कि भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर 16 दिन के मूल पड़े थे और इन मूलो उठने के पश्चात भगवान जलविहार करने यमुना जी के तट पर जाते हैं तभी से यह जलझूलनी ग्यारस के रूप में पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ मनाई जाती है

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