मध्यप्रदेश

ऊर्जा विभाग ने बनाया कटौती का प्लान: कम बारिश से पैदा हुआ संकट

किसानों को सिंचाई के लिए 7 घंटे ही मिलेगी बिजली

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में मानसून की बेरुखी ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। अगस्त में हुई कम बारिश से नदी, तालाब, डैम खाली है। जिसके चलते हाइड्रो पावर जेनरेशन यानी पानी से बिजली बनाने में कमी आई है।

सितंबर के पहले दिन बिजली की डिमांड 14.5 हजार मेगावॉट को पार कर गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग ने बिजली सप्लाई में कटौती का प्लान जारी किया है। इसके लिए जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है।

जिलों में ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली बिजली सप्लाई 7 घंटे तक ही रहेगी। 24 घंटे के अंतराल में 17 घंटे तक कटौती की जाएगी। बिजली कंपनियों अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दे रही थी। लेकिन बारिश के संकट के चलते बने हालातों को देखते हुए कटौती करने का निर्णय लिया गया है। यह प्लान 2 सितंबर से दो-तीन दिन के लिए लागू करने के नाम पर जारी किए गए हैं।

तीन कैटेगरी में बांटे गए जिले

प्लान के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। इसमें ए, बी और सी कैटेगरी बनाकर जिले तय किए गए हैं। विभाग के अनुसार बिजली संकट की स्थिति को देखते हुए इन जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए दी जाने वाली बिजली में कटौती की जाएगी।

सबसे अधिक जिले बी कैटेगरी में

  • A कैटेगरी: मंडला, पन्ना, रीवा, अनूपपुर, दमोह, भिंड, गुना, ग्वालियर, अशोक नगर, दतिया और मुरैना जिले शामिल हैं।
  • B कैटेगरी: सिवनी, शहडोल, भोपाल सिटी, शाजापुर, मंदसौर, बुरहानपुर, जबलपुर सिटी, विदिशा, बालाघाट, सीधी, रायसेन, झाबुआ, रतलाम, छतरपुर, डिंडौरी, कटनी, राजगढ़, सीहोर, टीकमगढ़, नरसिंहगढ़ इंदौर सिटी सागर सतना धार, बड़वानी, देवास, आगर, नीमच, उज्जैन, बैतूल, खंडवा, खरगोन, छिंदवाड़ा, श्योपुर, शिवपुरी होशंगाबाद, हरदा जिले और बुधनी विद्युत संभाग शामिल किए गए हैं।
  • C कैटेगरी: सिंगरौली और उमरिया।

तीनों कैटेगरी के जिलों में अलग-अलग समय पर रहेगी बिजली

ग्रामीण क्षेत्रों में 11 केवी फीडर से की जाने वाली सप्लाई में कटौती को लेकर जो प्लान जारी किया गया है उसमें तीनों‌‌ ही कैटेगरी के जिलों में रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक और इसके बाद सुबह 10 से दोपहर ‌बाद 4 के बीच बिजली सप्लाई का टाइम अलग-अलग शेड्यूल में तय किया गया है।‌ ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इस दौरान बिजली की डिमांड कम होती है। इसके अलावा सुबह 5 से 10 के बीच और शाम 5 से‌ रात 11 बजे के बीच पीक आवर्स के लोड के चलते इस अवधि में जिलों में ग्रामीण क्षेत्र की फीडर सप्लाई बंद रहेगी।

डिमांड बढ़ी है, बाजार से खरीद रहे बिजली

ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि बारिश न होने के कारण गर्मी बढ़ी है। इसके कारण प्रदेश में बिजली की डिमांड 14500 मेगावाट को पार कर गई है। डिमांड को बनाए रखने के लिए बाजार से भी बिजली खरीदी कर रहे हैं।

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