MP के हेल्थ सिस्टम को इलाज की जरूरत: सरकारी अस्पतालों में रेडियोथेरेपी सिर्फ एम्स में, 2 महीने की वेटिंग; जब तक नंबर आता है, तब तक बढ़ जाता है कैंसर
भोपाल डेस्क :
कैंसर और हमारा सरकारी हेल्थ सिस्टम… यह सच्चाई है कि एम्स को छोड़कर शहर के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी रेडियोथेरेपी की सुविधा नहीं है। हमीदिया और बीएमएचआरसी में पहले रेडियोथेरेपी होती थी, लेकिन यहां अब यह सुविधा बंद है।
एम्स और रेडियोथेरेपी… एम्स में भी सिर्फ एक मशीन है। इससे दिनभर में 35-40 मरीजों की ही रेडियोथेरेपी हो पाती है। जबकि रोजाना करीब 150 मरीजों को इसकी जरूरत होती है। यही वजह है कि यहां दो महीने की वेटिंग चल रही है।
एम्स में 750 रुपए तो प्राइवेट सेंटर पर खर्च 1.5 लाख: रेडियोथेरेपी के मरीजों को 30 से 35 सेशन लेने होते हैं।
अगर किसी प्राइवेट सेंटर में रेडियोथेरेपी कराई जाए तो डेढ़ लाख रुपए तक का खर्च आता है। जबकि, एम्स में इन तमाम सेशन के लिए सिर्फ 750 रुपए की रसीद कटानी होती है। ऐसे में जो मरीज प्राइवेट सेंटर में रेडियोथेरेपी करा रहे हैं, उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- ये हैं हालात… एक मशीन से रोज 35-40 मरीजों की रेडियोथेरेपी
- इतनों को जरूरत… एक दिन में शहर के 150 से ज्यादा मरीजों को
- मजबूरी… प्राइवेट अस्पतालों में डेढ़ लाख तक का खर्च होता है
किस कैंसर में कब थेरेपी…
ब्रेस्ट कैंसर… पहले सर्जरी और बाद में मरीज को कीमोथेरेपी देते हंै। आखिर में रेडियोथेरेपी दी जाती है।
मुंह का कैंसर… अगर कैंसर का स्टेट बढ़ जाएं तो मरीज को पहले रेडियोथेरेपी देनी पड़ सकती है।
ब्रेन में कैंसर… यदि ब्रेन में कैंसर फैल गया है तो सर्जरी संभव नहीं है। ऐसे में रेडियोथेरेपी दी जाती है। रेडियोथेरेपी तय अंतराल पर हो तभी इसका लाभ होता है। अगर सर्जरी के बाद या फिर रेडियोथेरेपी दिए जाने के बाद ज्यादा अंतर हो तो कैंसर बढ़ने की आशंका रहती है।
बाहर रेडियोथेरेपी कराना बहुत महंगा…
“मेरे पिता को ब्रेन में कैंसर है। मुंबई-नागपुर तक दिखाया। डॉक्टरों ने सर्जरी करने से इनकार कर दिया है। रेडियोथेरेपी चल रही हैं। एम्स में बात की तो वहां वेटिंग है। प्राइवेट सेंटर में करा रहे हैं। 17 सेशन हो चुके हैं। बहुत महंगा पड़ रहा है।”
-रामहित कुमार, शाहजहांनाबाद
“मेरी बहन को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर है। एम्स में सर्जरी तो हो गई अब रेडियोथेरेपी का चल रही है। लेकिन, वेटिंग इतनी है कि नंबर आने का इंतजार करें तो कैंसर और बढ़ जाएगा। इसलिए प्राइवेट सेंटर से रेडियोथेरेपी करा रहे हैं।”
-राजेश सिंह, कोलार
हमीदिया में जल्द मिलने लगेगी सुविधा
“हम लीनियर एक्सीलेटर मशीन खरीद रहे हैं, इसके लिया प्रक्रिया चल रही है। जल्द मशीन आ जाएगी। तब दोबारा मरीजों को रेडियोथेरेपी की सुविधा मिलने लगेगी।”
-डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया
“मौजूदा व्यवस्था में पहले के मुकाबले अभी ज्यादा मरीजों को रेडियोथेरेपी दी जा रही है। स्टाफ बढ़ाकर अधिक मरीजों को सुविधा दी जाए।”
-डॉ. अजय सिंह, डायरेक्टर, एम्स
पहले यहां भी थी रेडियोथेरेपी की सुविधा
- हमीदिया – कोबाल्ट मशीन पुरानी हो चुकी है। अभी यह लंबे समय से बंद है। जब तक यह मशीन चलती थी, तब हमीदिया में एक दिन 100 से भी ज्यादा कैंसर मरीजाें को रेडियोथेरेपी दी जाती थी।
- बीएमएचआरसी – गैस पीड़ित कैंसर मरीजों को इलाज यहां किया जाता था। करीब 7 साल से यहां भी रेडियोथेरेपी की सुविधा बंद है। गैस पीड़ित कैंसर मरीजों जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल, चिरायु और नवोदय अस्पताल जाते हैं।