मध्यप्रदेश

सिरोंज जिला और आनंदपुर तहसील बनाने बाजार बंद: लटेरी नायब तहसीलदार को परिसीमन अधिकारी के नाम सौंपा ज्ञापन

आनंदपुर डेस्क :                            सीताराम वाघेला 

रविवार को एक दोपहर आनंदपुर का पूरा बाजार बंद रहा इसी दौरान सामाजिक संगठन जन चेतना मंच के कार्यकर्ताओं ने लटेरी नायब तहसीलदार हेमंत अग्रवाल को एक ज्ञापन सोपा है।
शनिवार को जन चेतना मंच आनंदपुर ने आनंदपुर के सभी व्यापारियों से बाजार बंद का आवाहन किया था जिसको लेकर रविवार सुबह से ही सभी व्यापारियों ने सहयोग करते हुए पूरा बाजार बंद रखा कोई भी दुकान नहीं खुली।

नुक्कड़ सभा का आयोजन

सामाजिक संगठन जन चेतना मंच के सभी कार्यकर्ता गण सुबह से ही मुख्य बाजार में पहुंच गए थे एवं बाजार बंद का जायजा किया जो की पूरी तरह से शांतिपूर्ण बंद रहा। संगठन के कार्यकर्ता और ग्राम के गणमान्य नागरिकों सहित आसपास के ग्रामों के सैकड़ो ग्रामीण जन जावती तिराहे पर एकत्रित हुए जहां एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया नुक्कड़ सभा के माध्यम से बताया गया कि सिरोंज की राजस्थान की टोंक रियासत में सिरोंज जिला रहा है। और आनंदपुर आनंदपुर 1987 से 90 तक उप तहसील भी रहा है।
साथ ही बताया गया कि सिरोंज की जिला मुख्यालय से 85 और आनंदपुर के पटेरा चांडू की दूरी जिला मुख्यालय तक लगभग 150 किलोमीटर की है ऐसे में सिरोंज को जिला और आनंदपुर को तहसील बनाई जाए यह दोनों ही जिला और तहसील की पूरी तरह से पात्रता रखते हैं। जिससे क्षेत्र का संपूर्ण तरीके से विकास हो सके।

रैली निकाली

नुक्कड़ सभा के उपरांत जन चेतना मंच के कार्यकर्ता कार्यकर्ताओं सहित सभी गणमन नागरिक बंधुओ ने एक विशाल रैली का भी आयोजन किया जो की जाती चौराहे से शुरू होकर लगभग 1 किलोमीटर दूर थाने में पहुंची जहां सभी लोग नारेबाजी करते हुए चल रहे थे हम सब की यही पुकार सिरोंज जिला बने अबकी बार हम सब ने ठाना है आनंदपुर तहसील बनाना है अभी नहीं तो कभी नहीं, ऐसे नारे लगाते हुए चल रहे थे।

ज्ञापन सौंपा

नुक्कड़ सभा और रैली के उपरांत सभी सामाजिक कार्यकर्ता बंधु थाना प्रमाण पहुंचे, जहां पर लटेरी नायब तहसीलदार हेमंत अग्रवाल को परिसीमन अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंप कर सिरोंज को जिला और आनंदपुर को तहसील बनाने की मांग की गई है।

ये बिंदु हैं ज्ञापन में

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि प्राचीन ऐतिहासिक, धार्मिक व्यापारिक नगर सिरोंज स्वतंत्रता से पूर्व सन 1798 ई तक होलकर राज्य इंदौर में जिला रहा है। वर्ष 1798 के पश्चात सिरोंज राजस्थान की टोंक रियासत में जिला रहा हैं, जिसे आजादी के बाद कोटा में उप जिला बना दिया गया। 1 नवंबर सन 1956 को मध्य प्रदेश राज्य गठन होने पर सिरोंज को राजस्थान से पृथक कर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सम्मिलित कर अनु विभाग उप जिला बना दिया गया। सिरोंज को जिला एवं आनंदपुर कस्बा को तहसील बनाए जाने हेतु 23 नवंबर 1992 से सर्वदलीय संघर्ष समिति एवं वर्ष 2015 से सामाजिक संगठन जन चेतना मंच आनंदपुर और न्याय मंच द्वारा विभिन्न प्रकार से आंदोलन कर प्रभावी रूप से सिरोंज को जिला एवं आनंदपुर को तहसील बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। सिरोंज की जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर एवं लटेरी क्षेत्र के ग्राम पटेरा चांडू की दूरी करीब 150 किलोमीटर है। सिरोंज नगर में दो डी. जे. कोर्ट, नगर पालिका भवन, 100 विस्तार का अस्पताल, बी ग्रेड कृषि मंडी, यूनिवर्सिटी, आईआईटी, कॉलेज सहित चारों ओर से मुख्य मार्ग व आवागमन के साधन से जुड़ा हुआ है। आनंदपुर कस्बा में पुलिस थाना, हायर सेकेंडरी स्कूल, कृषि उपज मंडी, राष्ट्रीयकृत बैंक, उप स्वास्थ्य केंद्र, साप्ताहिक हाट बाजार, विस्तृत हाट बाजार एवं सर्व सुविधा युक्त राष्ट्रीय लेवल का नेत्र चिकित्सालय की व्यवस्था है, वर्ष 1998 तक राजस्व सर्किल एक के अंतर्गत उप तहसील टप्पा भी रहा है इसलिए आनंदपुर तहसील बनाए जाने की पूर्ण पात्रता रखता है।

इस अवसर पर सामाजिक संगठन जन चेतना मंच के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह पाटीदार ने बताया कि सिरोंज को जिला और आनंदपुर को तहसील का दर्जा दिलाने के लिए विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ आज परिसीमन अधिकारी के नाम नायक तहसीलदार को ज्ञापन सोपा है यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो भविष्य में और विस्तृत बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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