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महाशिवरात्रि पर बागेश्वर धाम में 121 जोड़ों का विवाह: शिवराज बोले- नेता हवाला-घोटाला, बेईमानी नहीं करें, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा-हम किसी पार्टी से नहीं

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छतरपुर के गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर सामूहिक विवाह सम्मेलन में 121 जोड़ों ने सात फेरे लिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कूनो से सीधे बागेश्वर धाम पहुंचे। उनकी मौजूदगी में सभी जोड़ों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली। सीएम ने मंच से आशीर्वाद दिया। विदाई के समय पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी बेटियों को उपहार में गृहस्थी का सामान भेंट किया।

सामूहिक विवाह सम्मेलन को लेकर बागेश्वर धाम को फूलों से सजाया गया था। पंडाल में 121 जोड़ों के लिए अलग-अलग मंडप बनाए गए थे। भीड़ इतनी की धाम में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भीड़ को देखते हुए‎ वर और वधु पक्ष के आने के लिए अलग रास्ता तैयार किया गया था। सुबह 7 बजे से वर-वधु परिवारवालों के साथ खजुराहो‎ होते हुए ग्राम कोंड़े मार्ग से बागेश्वर धाम‎ पहुंचना शुरू हो गए थे। दुल्हन के लिबास में 121 लड़कियां पहले मंडप पर पहुंची। कुछ देर बाद बैंड बाजे के साथ दूल्हों ने भी विवाह स्थल पर कदम रखा।

सभी को दिए गए थे पहले से नंबर
सभी को पहले से नंबर दे दिए गए थे। ऐसे में सभी अपने-अपने नंबर के अनुसार मंडप में आकर खड़े हो गए। सुबह 10 बजे से विवाह की रस्में शुरू हुईं। मंच पर नेता-अभिनेता, साधु-संत मौजूद थे। दोपहर ढाई बजे के करीब सीएम भी मंच पर पहुंचे। सीएम सभी से मिले और फिर उन्होंने बेटियों को संबोधित किया। इसके बाद सभी अपने-अपने मंडप पर पहुंचे और फिर फेरे लिए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ मंच पर एक्टर गोविंद नामदेव और सुमन के साथ ही साधु-संतों ने भी शिकरत की। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के वकील ने सीएम शिवराज से बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल बनाने के लिए 500 एकड़ जमीन की मांग की। इसके लिए उन्होंने सीएम को एक मांग पत्र भी सौंपा।

सीएम बोले- मेरी सबसे पहली योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह है


सीएम शिवराज ने कहा- सभी को अपना कर्म करना चाहिए। किसान अन्न का उत्पादन करें। कर्मचारी ईमानदारी से लोगों के काम करें। डॉक्टर इलाज करें। नेता हैं तो हवाला-घोटाला, बेईमानी न करें। ईमानदारी से जनता की सेवा करें। सीएम ने कहा- मैं छोटे से गांव जैत में पैदा हुआ। पढ़ा सरकारी स्कूल में। बचपन में बेटा-बेटी के बीच भेद देखते आया हूं। कई बार तो बेटियों को कोख में मार दिया जाता था, जब मन में वेदना होती थी, सोचता था, वह दिन कब आएगा जब बेटा और बेटी बराबर माने जाएंगे। मैं विधायक बना, पदयात्रा कर रहा था।

एक गांव में गया तो बेटी की शादी थी। वह अनाथ थी। लोग बोले- विधायक हैं आप सरकारी सहायता दिलवा दीजिए। मैंने कहा- शादी कब है। वे बोले परसो है। मैं बोला- सरकारी सहायता में तो बरसों लग जाएंगे। इसके बाद दोस्तों की मदद से उस बेटी की शादी की। उसके बाद हमने अपने क्षेत्र की निर्धन बेटियों की शादी का क्रम शुरू किया। सीएम बनते ही सबसे पहले कोई योजना बनाई तो वह योजना थी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना।

गरीब बहनों के खाते में डाले जाएंगे 12 हजार रुपए
सीएम शिवराज ने आगे कहा-हमने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। आज मप्र में 44 लाख बेटियां लाडली लक्ष्मी हैं। महाशिवरात्रि आज है। मेरे मन में यह भाव आया है कि हमारी बहनें सशक्त होनी चाहिए। मैंने अपनी बहनों को उपहार देने के लिए मैंने लाडली बहना योजना बनाई है। साल में हमारी बहनों के खाते में 12 हजार रुपए डाले जाएंगे।

सीएम शिवराज ने सुनाया रामायण का प्रसंग
सीएम ने रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए कहा, एक बार माता सीता ने हनुमान जी को अयोध्या की सबसे कीमती माला दी। हनुमान जी ने उस मोती की माला को गौर से देखा और उसे तोड़ दिया। फिर मोतियों को एक-एक कर देखने लगे। सब आश्चर्य में थे। यह देखकर माता सीता ने पूछा- बेटा बजरंग क्या हुआ। हनुमान जी बोले- माता आप भी झूठ बोलती हैं। सीता जी ने कहा- मैंने क्या झूठ बोला।

आपने तो कहा- यह अयोध्या की सबसे कीमती माला है। उन्होंने कहा- हां। इस पर हनुमानजी बोले- आप फिर झूठ बोल रही हैं। हनुमान जी बोले- मेरे लिए तो कीमती वह है, जिसमें मेरे राम और माता सीता रहते हों। इस पर दरबार से आवाज आई क्या आप उसी से प्यार करते हो, जिसमें भगवान राम और माता सीता रहती हैं। हनुमान बोले- हां। इस पर वे बोले- शरीर से तो प्यार करते हो, बताओ आपके शरीर में कहां हैं भगवान। इस पर उन्होंने सीना चीरकर दिखा दिया।

पिता नहीं हैं, मां दिव्यांग, बागेश्वर धाम में हुई शादी

दुल्हन बनी मोनिका की भतीजी पूनम बताती है कि हम सभी काफी खुश हैं। हमारी बुआ की शादी बागेश्वर धाम से हुई। शुक्रवार को घर पर ही हल्दी की रस्में निभाई गईं। सुबह शादी के लिए बागेश्वर धाम आए हैं। हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। हमारे पिता नहीं हैं। मां दिव्यांग हैं और दूसरे के घरों का काम करती है। हम सिलाई करते हैं।

मम्मी बोली- सरकार की मदद से शादी करेंगे

दुल्हन प्रतिमा की बहन अंजू बताती हैं कि हम 5 बहनें 1 भाई हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। पापा नहीं रहे, मम्मी भी विकलांग हैं। घर की माली हालत ठीक नहीं है। मम्मी बोली थी कि सरकार की मदद से शादी कर देंगे, लेकिन अब बागेश्वर धाम में हो रहे सामूहिक विवाह में बहन के हाथ पीले हुए।

…बड़े दिलवाले होते हैं, जिनके घर बेटियां होती हैं

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, मुख्यमंत्री के आने से मानो पूरा मप्र यहां शामिल हो गया हाे। बड़े दिलवाले होते हैं, जिनके घर बेटियां होती हैं। बेटियां गरीब और भिखमंगों के घर नहीं होती हैं। बेटियों के विवाह पर जोर इसलिए देता हूं, क्योंकि मैंने अपनी बहन के विवाह के दौरान बहुत भोगा है। कितना कष्ट होता है, जब घर पर धन नहीं हो। मैंने ऐसी परिस्थिति देखी है। बालाजी ने चाहा तो भारत में किसी के भाई के लिए उसकी बहन बोझ नहीं बनेगी।

शास्त्री बोले- हम किसी का महिमा मंडन नहीं कर रहे
हम किसी पार्टी से नहीं हैं। ऐसा कुछ हो तो अपने दिमाग से निकाल देना। हम तो बजरंगबली पार्टी से हैं। सीएम ने हमसे कहा- गुरुजी हमने एक ऐसी योजना अभी शुरू की है, जिसमें हम हर महीने बहनों के खाते में 1 हजार रुपए डाले जाएंगे। हमने सबकी तरफ से कह दिया, थैंक्यू वैरी मच माई डियर। बहुत अच्छा। हम इनकी महिमा मंडन नहीं कर रहे हैं, लेकिन आपने पूरे भारत देश को एक नई लाइन दी है, मुख्यमंत्री कन्या योजना। यह मप्र से ही शुरू हुई है। इसे दूसरे प्रदेशों ने भी फॉलो किया। कोई ऐसा काम करे तो धन्यवाद और आशीर्वाद का पात्र तो वह है ही।

बाल कलाकारों ने दी भजन की प्रस्तुति
बागेश्वर धाम पर कन्या विवाह महोत्सव के अंतर्गत कई रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। टीवी जगत के बाल कलाकार माही सोनी और यज्ञ भसीन यहां पहुंचे गए हैं, जो मंच से अपना रचना पाठ करेंगे। इसके साथ ही शाम के समय देश के प्रख्यात भजन गायक चित्र-विचित्र की भजन संध्या भी आयोजित किया गया।

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