न्यूज़ डेस्क

यू-ट्यूब पर सीखा फिंगर‎ प्रिंट तैयार करने का तरीका; रिटायर कर्मचारी के खाते से भी 90 हजार निकाले, इस खेल में पंचायतों के सरपंच से लेकर पंचायत सचिव तक शामिल

न्यूज़ डेस्क :

मुरैना पुलिस के हाथ बड़ा फ्रॉड लगा है। लोगों की फिंगर प्रिंट की कॉपी कर उनके अकाउंट से पैसे निकाल रहा था। इस खेल में पंचायतों के सरपंच से लेकर पंचायत सचिव तक शामिल हैं। आरोपी ने एक रिटायर कर्मचारी के खाते से भी 90 हजार निकाले। अब तक उसने कुल कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की, पुलिस इसका पता लगा रही है।

आरोपी के पास से 140 लोगों के फिंगर प्रिंट की कॉपी और 500 लोगों के डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए हैं। आरोपी ने यू-ट्यूब पर फिंगर‎ प्रिंट तैयार करने का तरीका सीखा और इसके लिए ऑनलाइन सामान‎ मंगा लिया। वह गांव-गांव जाकर खुद को कियोस्क सेंटर संचालक बताकर लोगों से डॉक्यूमेंट्स और उनके फिंगर प्रिंट लेता था।

आरोपी ने कुछ सरपंच और पंचायत सविचों के नाम भी पुलिस को बताए हैं, जो बाकायदा उसे मनरेगा मजदूरी में हेरफेर करने के लिए हायर करते थे। लोगों को मनरेगा मजदूर बनाकर उनके नाम के खातों में आने वाला पैसे निकाल लेते थे और काम जेसीबी या दूसरी मशीनरीज से करा देते थे।

हम जानेंगे फ्रॉड का पूरा तरीका, पहले मामला जान लेते हैं

मुरैना की रामपुर पुलिस ने शैलेंद्र धाकड़ (23) को रविवार को गिरफ्तार किया है। शैलेंद्र को रामपुर थाना‎ प्रभारी पवन भदौरिया ने वाहन चेकिंग‎ के दौरान पकड़ा। उसके बैग‎ को चेक करने पर थंब इंप्रेशन‎ लेने वाली बायोमेट्रिक मशीन से लेकर‎ ग्लू गन, फेविकॉल पर उतारे 140 फिंगर‎ प्रिंट जब्त किए। एक नोटबुक में आधारकार्ड नंबर लिखे थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में सिमकार्ड, महिला-पुरुषों के फोटो और ग्रामीण बैंक के खाली फॉर्म भी बरामद हुए हैं।

कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी ने लोक निर्माण विभाग के‎ रिटायर कर्मचारी पन्ना लाल जाटव के‎ खाते से 90 हजार रुपए पार करने का‎ जुर्म स्वीकार किया। अब पुलिस पता लगा रही है कि वह अब तक कितने लोगों को ठग चुका है। उसके पीछे कितना बड़ा नेटवर्क है। इस पूरे खेल में कुछ बैंक कर्मियों के शामिल होने की भी आशंका है।

ऐसे लेता था लोगों के फिंगर प्रिंट
शैलेंद्र ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने फिंगर प्रिंट कॉपी करना यू ट्यूब से सीखा। इसके लिए उसने ऑनलाइन ग्लू गन और इसमें लगने वाली ग्लू रॉड मंगवाईं। बायोमेट्रिक मशीन (थंब इम्प्रेशन मशीन) में वह ग्लू गन के जरिए ग्लू चिपका देता था। गांव-गांव जाता। जो भी मनरेगा मजदूर बनना चाहते, उनके डॉक्यूमेंट्स और फोटो ले लेता। इसके बाद उनके थंब इम्प्रेशन मशीन में अंगूठा लगवाता। ग्लू पर लोगों के अंगूठे के निशान आ जाते, फिर इस पर फेविकोल लगा देता। सूखने के बाद वह फेविकोल की परत हटाकर जब ग्लू को हटाता था, तो ग्लू पर साफ फिंगर प्रिंट की कॉपी उभरकर आ जाती थी।

रुपए कैसे निकालता था?
अब आरोपी करता ये था कि इसी फिंगर प्रिंट और लोगों के डॉक्यूमेंट्स, फोटो के जरिए उनके बैंक में अकाउंट खुलवाता था। इसकी लोगों को भनक तक नहीं होती थी कि उनका अकाउंट खुल गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ग्रामीण बैंक में खाते खुलवाता था। इस बैंक के कई खाली अकाउंट ओपनिंग फॉर्म आरोपी के पास से मिले हैं। फिंगर-प्रिंट के जरिए संबंधित व्यक्ति के नाम से नई सिम भी लेता था। यही नंबर खाते में यूज करता था।

जब मनरेगा का पैसा संबंधित मजदूर के खाते में आता, तो उसे निकालने के लिए इसी सिम पर OTP (वन टाइम पासवर्ड) आता। आरोपी ने बताया कि इस तरह से उसने कई सरपंचों और पंचायत सचिवों को मनरेगा का पैसा निकाल कर दिया है।

रामपुर थाना प्रभारी पवन भदौरिया के मुताबिक, आरोपी ने कौन-कौन से पंचायत सरपंचों और पंचायत सचिवों के कहने पर मनरेगा व गरीबों के पैसे गलत तरीके से निकाले हैं, उसने नाम भी पुलिस को बता दिए हैं। पूछताछ अभी जारी है। जल्द खुलासा करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!