विदिशामध्यप्रदेश

जुनून: तीन बार सांप ने काटा फिर क्या?, 2500 से अधिक सांपों का रेस्क्यु कर चुके हैं श्रेयांश जैन

आनंदपुर डेस्क :

लगातार कई दिनों तक बरसात होने के कारण सांपों का बाहर निकलने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है हर साल मानसून के दौरान प्रदेश भर में सांपों के काटने के कई मामले सामने आते हैं सांप के काटने की ज्यादातर घटनाएं गांव में होती हैं बहुत से गांव और देहात में सांप के काटने का इलाज मेजूद ना होने पर लोगों को घरेलू उपचार करने पड़ते हैं।

एमपी में सांपों की प्रजातियां

बताया जाता है कि सांप लोगों को बिना मतलब के नहीं काटते खतरा महसूस होने पर self-defense में काटते हैं भारत में सांपों की 276 प्रजाति पाई जाती हैं इनमें से 36 प्रजाति मध्यप्रदेश में एक्सपर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में पाए जाने वाला रसल वाइपर सबसे जहरीला होता है। यहां पर ब्लैक कोबरा, करैत, स्केल बाइपर सांपों की खतरनाक प्रजातियां पाई जाती हैं।

पारिस्थितिक तंत्र के लिए प्रमुख घटक

सांपों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए हम पहुंचे मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के मुरारिया गांव जहां पर एक सर्प मित्र से हमने जाना की कौन-कौन से सांप जहरीले होते हैं और कौन-कौन से सांप जहरीले नहीं होते। साइंस के शिक्षक श्रेयांश जैन बताते हैं कि सांप पारिस्थितिक तंत्र के प्रमुख घटक होते हैं यह प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के रखना में भी सहायक हैं इसलिए हमें हर प्रकार के सांपों से सावधान तो रहना ही चाहिए लेकिन मारना नहीं चाहिए। इनमें से कई सांप तो किसान मित्र के रुप में भी कार्य करते हैं क्योंकि वह चूहा खाकर एक तरह से किसानों की फसलों की सुरक्षा ही करते हैं जैसे घोड़ा पछाड़ सांप यह बहुत ही सीधा सांप होता है यह किसी को नहीं काटता और काट भी ले तो इसमें जहर बिल्कुल भी नहीं होता। हमें खासकर जहरीले सांपों जैसे ब्लैक कोबरा, रसल वाइपर, करैत, स्कैल वाइपर से बचकर रहने की आवश्यकता है।

25 सौ से अधिक सांपों का रेस्क्यू किया

सर्प मित्र श्रेयांश जैन के त्याग और समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब किसी के घर में सांप निकल आए और उन्हें सूचना मिल जाए तो वह अपने सारे काम छोड़ कर सबसे पहले सांप का रेस्क्यू करने पहुंच जाते हैं और रेस्क्यू किए सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़कर ही आते हैं।

साइंस के शिक्षक श्रेयांश जैन बताते हैं कि उनके पड़ोस के एक घर में सांप निकला था उस समय उनके घर पर कोई नहीं था छोटे-छोटे बच्चे थे वह मुझे बुलाने आए। मैं जैन हूं  और जैनों में परमो धर्मा, अहिंसा पर विश्वास रखते  हैं। मैंने सोचा कि यदि आज मैनें  इस सांप के बच्चें को नहीं पड़ा तो कोई आकर मार डालेगा। तब मैंने एक छोटे चिमटा से उस सांप को पकड़ा और डिब्बे में रखकर जंगल के पास में छोड़ आया।  तब मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी सांप को पकड़ा था। फिर एक बार हमारी दीदी के घर सांप निकल आया जीजा जी ने मुझे बुलाया तो मैं वहां से भी सांप को पकड़ कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया।  धीरे-धीरे यह बात गांव में आपकी फैल गई और धीरे धीरे कर लोग सांप पकड़ने के लिए बुलाने लगे तब मेरा भी हौसला बढ़ा। कि मैं भी सांप को पकड़ सकता हूं। तब से 7 साल में लगभग 25 सौ से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ कर आए हैं।

तीन बार काट चुका है सांप। 

श्रेयांश जैन को अभी तक 3 बार सांप ने काटा है जिसे किसान मित्र भी कहा जाता है। गांव और परिवार के सदस्यों के कहने पर यह सद्गुरु हॉस्पिटल पहुंचे 2 घंटे वहां पर बैठने के पश्चात यह वापस आए लेकिन इन्हें कुछ भी नहीं हुआ और उन्होंने अपने हौसले को कम नहीं होने दिया। जैन बताते हैं कि वह विज्ञान के शिक्षक हैं और उन्होंने पढ़ा है कि घोड़ा पछाड़ सांप बहुत ही सरल और सीधा विषहीन सांप होता है इसके काटने से कुछ भी नहीं होता।

सांप के काटने पर क्या करें

  • यदि सांप हमें धोखे से भी काट ले या किसी भी व्यक्ति को सांप काट ले तो सबसे पहले उसे यह उपाय कर लेनी चाहिए।
  • किसी व्यक्ति को सांप के काटने पर सबसे पहले उसे सीधा लिटा दें,
  • और बिना विलंब किए जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने का प्रयास करें
  • सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें ताकि सांप काट लिया बताने से डॉक्टर को इलाज करने में आसानी हो
  • सांप के काटने पर पीड़ित को शांत रहना चाहिए
  • पैनिक करने पर ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे शहर तेजी से शरीर में फैलता है
  • इसलिए मेडिकल मदद के पहुंचने तक पीड़ित को शांत रहना चाहिए
  •  शरीर के जिस हिस्से पर सांप ने काटा है उसे इस तरह के सांप के काटने के बाद घाव को धोने घरेलू इलाज करने से समय नष्ट करने की वजह उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं।

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