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अयोध्या में रामलला ने पहने 5 किलो सोने के आभूषण पहने: हाथ-पैर में कड़ा, कमर में करधनी; एक हाथ में सोने का धनुष, दूसरे में बाण

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं। 5 साल के बालक रूप में विराजमान रामलला का सोने के आभूषणों से श्रृंगार देख लोग भाव-विभोर हो गए। 200 किलो की प्रतिमा को 5 किलो सोने के जेवरात पहनाए गए हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरातों से सजे हुए हैं।

रामलला ने सिर पर सोने का मुकुट पहना है। मुकुट में लाल और हरे रंग के रत्न जड़े हुए हैं। इसमें किनारे मोतियों की झालर लटकी हुई है। माथे के बीचों-बीच सफेद धातु से बना तिलक बना हुआ है। कमर में करधनी, कान में सोने के कुंडल पहने हुए हैं। गले में हरा-सफेद और लाल मोतियों की माला है। इसका लॉकेट रामलला की नाभि तक लटक रहा है।

दोनों हाथ और पैर में सोने का कड़ा
भगवान के दोनों हाथ और दोनों पैर में सोने का कड़ा है। दाएं हाथ में सोने का बाण और बाएं हाथ में धनुष धारण किए हुए हैं। दाहिने हाथ के अंगूठे में एक अंगुठी है। इसमें माला लटकी हुई है। इसके अलावा, भगवान एक बड़ी माला पहने हुए हैं। गले से पैर तक बड़ा हार लटक रहा है।

इसका वजन करीब दो किलो बताया जा रहा है। रामलला को पितांबर ओढ़ई गई है। धोती का रंग भी पीला है। इसके अलावा रामलला को फूलों की मालाएं भी पहनाई गईं हैं। ज्यादातर जेवरात राजस्थान से आए हैं।

गर्भगृह में तीन मूर्तियां स्थापित
गर्भगृह में तीन मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पहली– मुख्य मूर्ति है, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। दूसरी– चांदी की मूर्ति है। जो चल है। तीसरी- मूर्ति वह है, जो अस्थाई मंदिर में रखी गई थी।

कृष्ण शैली में है रामलला की मूर्ति
रामलला की मूर्ति कृष्ण शैली में बनी हुई है। जिसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। योगीराज ने प्रतिमा को एक ही पत्थर से बनाया है। यानी, पत्थर को कहीं जोड़ा नहीं गया है। मूर्ति में श्रीराम के साथ ही विष्णु जी के दसों अवतारों के भी दर्शन होंगे। मूर्ति के ऊपरी हिस्से में ऊँ, पद्म, चक्र, सूर्य, गदा, शंख और स्वस्तिक के चिह्न भी बनाए गए हैं।

18 जनवरी की शाम को सामने आई थी आधी कवर प्रतिमा
18 जनवरी को गर्भगृह के आसन में रखे जाने के बाद रामलला की पहली तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में भगवान की आधी प्रतिमा कपड़े से कवर की हुई थी। चेहरे पर पीले रंग का कपड़ा बंधा हुआ था। जबकि नीचे सफेद रंग का कपड़ा बंधा हुआ था। इसके बाद 19 जनवरी को रामलला की दूसरी तस्वीर सामने आईं। ये वर्कशाप की तस्वीरें थीं। इस तस्वीर में मूर्ति में धनुष-बाण नहीं लगाया गया था। आंख पर पट्‌टी बंधी हुई थी।

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