भोपाल

आम बजट 2023-24: मध्यप्रदेश को मिला, सागर, विदिशा समेत 9 जिलों को फायदा, करोड़ों रुपए का किया प्रावधान

भोपाल डेस्क :

आम बजट 2023-24 में मध्यप्रदेश को केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 18 साल से कागजों में दौड़ रही इस परियोजना को विधानसभा चुनाव से पहले शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए पन्ना-छतरपुर की 5,480 हेक्टेयर गैर-वन सरकारी जमीन हस्तांरित किए जाने की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। राज्य सरकार नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य को प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लाने की अनुमति पहले ही दे चुकी है।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना पर कुल 46 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें से 1100 करोड़ रुपए केंद्र सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष में दे चुकी है। परियोजना से सबसे ज्यादा फायदा बुंदेलखंड क्षेत्र को होगा। जिसमें मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 13 जिले आते हैं। इनमें मध्यप्रदेश के 9 जिले पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन आते हैं। वहीं, उत्तरप्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले हैं।

केद्र सरकार ने नदियों को जोड़ने के लिए नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान बनाया था। केन-बेतवा लिंक परियोजना प्लान का पहला प्रोजेक्ट है। केन नदी का पानी बेतवा नदी में ट्रांसफर किया जाएगा। दोनों नदियों को जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी।

पिछले महीने भोपाल आए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया था कि इंटर रिवर लिंक परियोजना केन-बेतवा जल्द शुरू की जाएगी। अगले 2 से 3 महीने में परियोजना की शुरुआत होगी। शेखावत के मुताबिक प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जरूरी अनुमति ली जा चुकी हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र UP और MP में फैला हुआ है। केन-बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से बुंदेलखंड में सिंचाई व पीने के पानी की कमी दूर हो सकेगी। मार्च 2021 में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय और मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश सरकार के बीच केन-बेतवा लिंक परियोजना का एग्रीमेंट साइन हुआ था।

पिछले महीने हुई थी बैठक

पिछले महीने 18 जनवरी को केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति की तीसरी बैठक दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। इस दौरान मध्यप्रदेश के नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और उत्तरप्रदेश के रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य को राज्य सरकारों ने प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लाने की अनुमति दी थी।

जानकारी के मुताबिक पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना को पारदर्शी और समय पर पूरा करने की देखरेख करने के लिए पुनर्वास व पुनर्स्थापन समिति के गठन के प्रस्ताव को बैठक के दौरान अंतिम रूप दिया गया। परियोजना के भू-भाग प्रबंधन योजना (एलएमपी) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) के क्रियान्वयन के लिए एक वृहद पन्ना भू-भाग परिषद का भी गठन किया जा रहा है।

2005 में गौर-मुलायम ने किए थे हस्ताक्षर

परियोजना में पानी के बंटवारे को लेकर वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में दोनों प्रदेशों के बीच अनुबंध हुआ था। तब मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। तब परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार नहीं हुआ था।

दोनों राज्यों व केंद्र के बीच यह समझौता हुआ

केन-बेतवा लिंक परियोजना दो राज्यों मप्र और उप्र का संयुक्त प्रोजेक्ट है। संयुक्त परियोजना होने के कारण दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है। इसमें हर साल नवंबर से अप्रैल महीने के बीच (नाॅन मानसून सीजन) में उप्र को 750 एमसीएम तो वहीं मप्र को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा। इन सभी बिंदुओं पर दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता किया गया है। इसी समझौते को एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) कहा जा रहा है।

8500 करोड़ की मिलेगी विशेष पूंजीगत सहायता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों के लिए भी बड़ी घोषणा की है। इसके तहत केंद्र सरकार ने राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया। शिवराज सरकार अब इस योजना के तहत विशेष पूंजीगत सहायता फंड से 8500 करोड़ रुपए देने के लिए प्रस्ताव भेज रही है। यह राशि रोजगार मूलक निर्माण कार्यों के लिए दी जाती है।

वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष पूंजीगत सहायता योजना शुरू की थी। मध्यप्रदेश को 2020-21 में 1,320 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और 2022-23 में 6,280 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसे रिवाइज कर 7500 करोड़ कर दिया गया था। इसमें से 3,140 करोड़ मिल चुके हैं।

7 मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे नर्सिंग कॉलेज

केंद्रीय बजट में मध्य प्रदेश को 7 नर्सिंग कॉलेज मिले हैं। वित्त मंत्री ने 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेजों को स्थापित करने की घोषणा की। मप्र में इस अवधि के बाद प्रदेश में सात मेडिकल कालेज खुले हैं। इनमें खंडवा, दतिया, विदिशा, शहडोल, रतलाम, छिंदवाड़ा और शिवपुरी शामिल हैं। नर्सिंग कालेज खुलने से यहां बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग सब्जेक्ट शुरू हो सकेंगे।

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