खेल स्टेडियम बनने के सात साल बाद भी नहीं हुए खेल: गेट, जंगला चोरी, कमरों में पड़े गाय के कंकाल
आनंदपुर डेस्क :
आनंदपुर से करीब चार किमी दूर ओखलीखेड़ा के पास वर्ष 2017- 18 में आनंदपुर क्षेत्र सहित आसपास के युवाओं को खेलने के उद्देश्य से उनकी प्रतिभा को पहचान दिलाने के लिए तत्कालीन विधायक गोवर्धन उपाध्याय के द्वारा खेल लगभग 81 लाख की लागत से खेल मैदान का निर्माण कराया गया। लेकिन इसके बनने के बाद आज तक इसमें कोई आयोजन ही नहीं हुऐ और यह क्षतिग्रस्त जरूर होने लगा। स्टेडियम में चारों और कटीली झाड़ियां बड़े-बड़े गड्ढे और पत्थरों की भरमार है। साथ ही पवेलियन के नीचे बने दोनों कमरों में मवेशियों के अवशेष (हड्डे) पड़े हुए हैं गोबर भी पड़ा हुआ है। भीषण गंदगी का अंबार भी लगा हुआ है यहां बैठता तो दूर कोई खड़ा भी नहीं हो सकता।
इस खेल परिसर को बेसहारा मवेशियों का कुछ लोगों ने अड्डा बना दिया है जैसे ही गेंहू, चना या सोयाबीन की फसल एक महीने की होती है तो आसपास के ग्रामीण किसान इस खेल परिसर स्टेडियम में आवारा मवेशियों को भर देते हैं जहां ना तो उन्हें कुछ खाने-पीने को है बस मवेशियों यही भूखी तड़प तड़प कर मर जाती हैं। जिस खेल परिसर में भारी गंदगी हो जाती है।
लाइट पानी की कोई व्यवस्था नहीं
कबड्डी खिलाड़ी मणिशंकर करेरिया ने कहा की एक समय आनंदपुर की कबड्डी टीम आसपास सहित जिले तक खेलती थी,लेकिन खेल मैदान न होने से अब युवाओं को जगह नही होने से गाँव के युवा निराश होकर रह गए,एक मैदान के न होने से इस गाँव मे सभी खेलों की प्रतिभाएँ होने के बाद भी उनको अवसर नही मिल पा रहा है। क्रिकेट खिलाड़ी लखन शर्मा, नीरज रघुवंशी ने बताया कि जैसे ही यह स्टेडियम बनकर तैयार हुआ तो सोचा था कि हम जैसे युवाओं को इस खेल मैदान में खेलने का अवसर मिलेगा और इस क्षेत्र की खेल प्रतिभाये अपने खेल के दम पर आगे बढ़ सकेंगे, लेकिन खेल मैदान का विभाग द्वारा ना तो सही तरीके से निर्माण कराया और जिस जगह बनाया है वह काफी दूर है लाइट पानी और छाया किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है।
सामाजिक संगठन जन चेतना मंच की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह पाटीदार ने बताया कि इस खेल परिसर का निर्माण वाकई गलत स्थान पर हुआ है यदि आनंदपुर में जगह का सही स्थान चिन्हित कर खेल स्टेडियम का निर्माण कराया जाता तो गांव सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिमाओ को आगे आने में मदद मिलती लेकिन आनंदपुर का दुर्भाग्य है कि अभी तक ग्राम पंचायत में एक भी कार्य सही तरीके से नहीं हो पाया।
ओखलीखेड़ा के रोजगार सहायक प्रदीप राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2017- 18 में बने इस खेल मैदान का उपयोग आज तक नही हुआ,आर ई एस ने इसका निर्माण कराया था,उस समय लगा था कि स्थानीय युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन लाभ तो दूर इसके बनने के करीब सात वर्षों में इसके गेट सहित कमरे सभी क्षतिग्रस्त होने लगे,सामान चोरी होने लगा।अगर विभाग खेल मैदान को पंचायत हवाले कर दिया होता तो लाखों की लागत से बने मैदान का लाभ मिलता।
आनंदपुर हरिवल्लभ शर्मा ने बताया कि उस समय आर ईएस विभाग ने जिस स्थान पर खेल मैदान बनाया वह आनंदपुर से करीब चार किमी दूर है तो ओखलीखेड़ा से भी करीब 1 किमी से अधिक है,अगर इसका निर्माण आनंदपुर में ही भूमि की तलाश करके किया जाता तो इसका लाभ खेल युवाओं को मिलता,लेकिन विभाग द्वारा अपनी मनमर्जी से इस खेल मैदान को बनाया गया,जिससे सरकार के लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी आज खेलों के लिये युवाओं को मैदान के अभाव में प्रतिभाओं को मौका नही मिल रहा,आनंदपुर से करीब चार किमी दूर कैसे खेलने जाएंगे,पानी की व्यवस्था नही आवागमन का साधन नही इस भूमि का चयन ही खेल मैदान के लिए गलत हुआ है।
जिला कलेक्टर बुद्धेश कुमार वेद ने बताया कि मैं संबंधित विभाग से बात करता हूं।