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प्रदेश में एक बार फिर हेल्थ सिस्टम की शर्मनाक तस्वीरें, ऑपरेशन कराने आई महिलाओं को न बेड नसीब हुए, ना स्ट्रेचर की सुविधा मिली

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एमपी में एक बार फिर हेल्थ सिस्टम की शर्मनाक तस्वीरें सामने आई है। जहां नसबंदी का टारगेट पूरा करने के चक्कर में डॉक्टरों ने लापरवाही की हदें पार कर दी। ऑपरेशन कराने आई महिलाओं को न बेड नसीब हुए, ना स्ट्रेचर की सुविधा मिली। वे कड़ाके की ठंड से रातभर ठिठुरती रही।

मामला श्योपुर के विजयपुर का है। जहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को नसबंदी शिविर लगाया गया था। जिसमें 2 डॉक्टरों ने 24 घंटे के अंदर 94 महिलाओं के ऑपरेशन कर दिए। बदइंतजामी ये नजर आई कि मरीजों के लिए बेड का इंतजाम नहीं किया गया। जमीन पर दरी बिछाकर उन्हें लेटाया गया।

इतना ही नहीं ऑपरेशन थियेटर से बाहर लाने के लिए भी महिलाओं को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराए गए। महिलाओं के परिजन उन्हें गोद में उठाकर बाहर लाए। इस बदइंतजामी पर कुछ महिलाओं को गुस्सा भड़क उठा। शुक्रवार को महिलाओं ने डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी की। 

रातभर ठिठुरती रही महिलाएं
गुरुवार रात श्योपुर में पारा गिरकर 9 डिग्री तक जा पहुंचा। इस कड़कड़ाती ठंड में आयोजित शिविर में महिलाओं को ठंड से बचाने का कोई इंतजाम नहीं था। बेड तो दूर की बात है, जमीन पर सुलाने के लिए गद्दे तक की व्यवस्था नहीं थी। सिर्फ दरी बिछाकर खानापूर्ति कर दी गई। साथ ही ओढ़ने के लिए भी रजाई-कंबल कुछ नहीं था। ऐसे में वे रातभर जमीन पर ठिठुरती रहीं।

2 डॉक्टरों ने 24 घंटे में 94 ऑपरेशन कर दिए
नसबंदी करवाने आई महिलाओं के परिजनों का आरोप है कि टारगेट को पूरा करने के चक्कर में बदइंतजामी के बीच शिविर आयोजित किया गया। 24 घंटे में 94 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन हुआ है, जिसे सिर्फ 2 डॉक्टरों ने किया। इसमें खुद श्योपुर के CMHO भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया और ऑपरेशन में लगे रहे।

शिविर में गुरुवार को 77 महिलाओं की नसबंदी हुई, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक 17 और महिलाओं की नसबंदी हुई। इन सभी महिलाओं का ऑपरेशन सिर्फ दो डॉक्टरों ने किया। यानी एक डॉक्टर ने 47 महिलाओं की नसबंदी की। इन डॉक्टरों के साथ सहायक के रूप में ट्रेनी डॉक्टर भी मौजूद थे। 

महिलाओं को जमीन पर लिटाया
विजयपुर अस्पताल में बेड की व्यवस्था नहीं होने से महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया। इस दौरान उनके लिए गद्दा-रजाई तक के इंतजाम नहीं किए। इस वजह से महिलाएं ठंड से ठिठुरती रहीं, बाद में परेशान परिजन किराए पर कंबल लेकर आए, तब कहीं जाकर महिलाओं को ठंड से राहत मिली।

गोद में उठाकर ले गए परिजन
स्ट्रेचर नहीं होने की वजह से नसबंदी कराने आई महिलाओं को ऑपरेशन थिएटर तक लाने ले जाने का काम उनके परिजनों ने ही किया। उन्होंने गोद में उठाकर महिलाओं को गाड़ियों तक पहुंचाया। परिजनों का कहना है कि जिम्मेदारों को उनकी जान से ज्यादा सिर्फ टारगेट पूरा करने की परवाह है। 

टारगेट पूरा करने के लिए जल्दबाजी
एक महिला के परिजन घनश्याम रावत ने बताया कि नसबंदी शिविर में न तो बेड के इंतजाम हैं और न ही स्ट्रेचर के। श्योपुर से आए 2 डॉक्टर नसबंदी कर रहे हैं। वे लगातार नसबंदी पर नसबंदी कर रहे हैं, कोई महिला चिकित्सक भी नहीं है। टारगेट को पूरा करने के लिए डॉक्टर दिन-रात नसबंदी कर रहे हैं। हमें तो डर है कि इस जल्दबाजी में किसी महिला को कुछ हो न जाए, यहां 4 डॉक्टर चेकअप कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा, शिविर में कोई इंतजाम नहीं है, नसबंदी कराने वाली महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया है। स्ट्रेचर की भी व्यवस्था नहीं है। 

बिजली नहीं होने से रात को अंधेरे में लेटी रहीं महिलाएं
साला गांव से आए पंचम सिंह का कहना है कि वह अपनी पत्नी को नसबंदी के लिए विजयपुर अस्पताल लेकर आए हैं। यहां कोई इंतजाम नहीं है, बहुत परेशानी आ रही है। गुरुवार की रात विजयपुर अस्पताल की बिजली गुल होने की वजह से भी महिलाएं परेशान हुईं।

CMHO बोले- हमारे पास पर्याप्त बेड
विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित नसबंदी शिविर में महिलाओं को जमीन पर लिटाए जाने का मामला तूल पकड़ने के बाद CMHO डॉ. बीएल यादव सफाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी महिला को जमीन पर नहीं लिटाया। हमारे पास पर्याप्त बेड के इंतजाम है, एक महिला के साथ तीन से चार महिलाएं आती हैं, वह लेट गई होंगी। अंधेरे में ऑपरेशन के मामले में उन्होंने कहा कि हमने 5 बजे ही ऑपरेशन बंद कर दिए थे, अंधेरे में महिलाओं को लिटाने का तो सवाल ही नहीं उठता। 

नाराज महिलाओं ने डॉक्टरों के खिलाफ लगाए नारे
विजयपुर के नसबंदी शिविर की भारी अव्यवस्थाओं से नाराज महिलाओं ने शुक्रवार को दोपहर 3 डॉक्टरों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें भेड़-बकरी की तरह जमीन पर लिटाकर छोड़ दिया। बेड तो दूर कंबल और रजाई के भी इंतजाम नहीं किए गए। इधर, से महिलाएं रात भर ठंड से ठिठुरती रही, महिला कलिया रानी बाथम और अन्य महिलाओं का आरोप है कि नसबंदी शिविर में व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं किए। 

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