मध्यप्रदेश

प्रदेश में कम बारिश से बनी सरकार की परेशानी: CM शिवराज बोले- फसलें बचाने डैम से देंगे पानी; कांग्रेस ने कहा- यात्राएं छोड़ खेतों में पहुंचें मंत्री

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में कम बारिश और सूखे की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी बैठक ली। उन्होंने कहा कि अगस्त महीने में बारिश बहुत कम हुई है। जिसके चलते फसलें प्रभावित हो रही हैं। खरीफ की फसलें बचाने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। सीएम ने कहा कि डैम से पानी छोड़कर फसलों को बचाया जाएगा। अभी बिजली की डिमांड बढ़ गई है। इसके लिए बेहतर इंतजाम करेंगे। संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

सीएम ने कहा कि तीन चार दिन से प्रदेश के किसानों से मिल रहा हूं। ऐसी स्थिति में चैन से नहीं बैठ सकता। नींद नहीं आती है। मैं बैठने वालों में से नहीं हूं। प्रार्थना में बड़ी ताकत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भगवान महाकाल से बारिश के लिए प्रार्थना करने सोमवार को उज्जैन जाएंगे।

सिंचाई के लिए डैम से दिया जाएगा पानी

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द जल उपयोगिता समिति की बैठक कर लें। जहां डैम में पानी है, वहां से किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाए। डैमों का निरीक्षण कर इस बात की जानकारी ले लें कि अभी कितना पानी है। सीएम शिवराज सिंह ने जिला प्रशासन को कहा कि किसानों को सिंचाई के संबंध में एडवाइजरी जारी करें। संकट की स्थिति से निपटने के लिए जो वैज्ञानिक तरीके होंगे उससे किसानों को जागरूक करेंगे। मैं खुद किसान भाइयों से अपील करूंगा।

यात्रा निकालने की बजाए खेतों में जाए मंत्री

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, ‘शिवराज जी से आग्रह है कि आप लोग यात्राएं कर रहे हो उसे खत्म करो। आपके मंत्री खेतों में जाए, किसानों से मिले, उनका दर्द पूछे, उनकी फसलों को देखो, उनके यहां बिजली आ रही है कि नहीं आ रही है, उसकी बात करें। खाली, गाड़ी में बैठकर यात्रा निकालने से मध्यप्रदेश का भला नहीं होगा। मैं चाहता हूं कि पूरा मंत्रिमंडल इस वक्त किसानों की तरफ ध्यान दे। जिससे किसानों का कुछ भला हो सके।

किसानों ने कहा, पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है…

किसानों ने कांग्रेस नेताओं को बताया कि उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। मात्र 4 से 5 घंटे बिजली मिलती है। सूखे जैसे हालात बनने और पर्याप्त बिजली नहीं मिलने के चलते सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। कम बिजली आने के चलते सिंचाई का भी कोई उपयुक्त साधन नहीं बन पा रहा है। जिससे सोयाबीन की फसल सूख गई है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा और विधायक कुणाल चौधरी ने शाजापुर के कालापीपल क्षेत्र में खेतों में जाकर फसलें देखी। कांग्रेस नेताओं ने खेतों में पहुंचकर सोयाबीन की खराब हुई फसलों को देखा।

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिर्फ इवेंट की पॉलिटिक्स करते हैं। सूखे के कारण किसान की हालत खराब है। गेहूं में भी यही स्थिति की। जब भाव बढ़ रहे थे तो निर्यात बंद कर दिया। प्याज के भाव बढ़ रह थे तो निर्यात बंद कर दिया।

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