बीजेपी सांसद ने उठाया सराहनीय कदम, बेटी का सरकारी स्कूल में कराया दाखिला: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की सराहना

भोपाल डेस्क :
मध्य प्रदेश के शहडोल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद हिमाद्री सिंह ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए अपनी बेटी गिरिजा कुमारी का दाखिला अपने गृह गांव राजेंद्रग्राम के शासकीय प्राथमिक कन्या शाला में कराया है।
इस फैसले की प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने जमकर तारीफ की है। उमा भारती ने इसे एक आदर्श उदाहरण बताते हुए कहा कि यह कदम सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाएगा और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
‘जागरूकता बढ़ाने में मदद’
हिमाद्री सिंह, जो दिल्ली में पढ़ी-लिखी हैं। शहडोल से दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। इस कदम से न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया है, बल्कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और महत्व को भी रेखांकित किया है। उनकी बेटी गिरिजा कुमारी अब राजेंद्रग्राम के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करेंगी, जहां स्थानीय बच्चों के साथ शिक्षा ग्रहण करेंगी। उमा भारती ने अपने बयान में कहा कि हिमाद्री सिंह ने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाकर एक मिसाल कायम की है। यह कदम न केवल सरकारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
‘अभिभावकों का बढ़ेगा विश्वास’
हिमाद्री सिंह ने अपने इस फैसले के पीछे की प्रेरणा को साझा करते हुए कहा कि वे चाहती हैं कि उनकी बेटी अपनी जड़ों से जुड़े और ग्रामीण परिवेश में शिक्षा प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी को वही शिक्षा और संस्कार मिलें, जो हमारे गांव के बच्चों को मिलते हैं। सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा दी जा रही है, और हमें इस प्रणाली को और मजबूत करना चाहिए। यह कदम सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर भी हिमाद्री सिंह की इस पहल की खूब तारीफ हो रही है। कई लोगों का मानना है कि इससे सरकारी स्कूलों के प्रति नकारात्मक धारणा बदलेगी और अभिभावकों का विश्वास बढ़ेगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कदम का प्रभाव तभी दीर्घकालिक होगा, जब सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की नियुक्ति, और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान दिया जाए। मध्य प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं, जैसे स्कूलों में डिजिटल कक्षाओं की शुरुआत और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम। हिमाद्री सिंह का यह निर्णय न केवल उनकी सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर हो सकता है, बशर्ते समाज और सरकार मिलकर इसे प्राथमिकता दें।



