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बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी मुश्किल में घिरे, हाईकोर्ट ने विधायक के चुनाव को शून्य घोषित करने का आदेश दिया

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मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी मुश्किल में घिर गए हैं। हाईकोर्ट ने विधायक के चुनाव को शून्य घोषित करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि उन्हें विधायक पद की सुविधाएं नहीं दी जाएं। कांग्रेस की पूर्व विधायक चंदा रानी गौर ने उन पर शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। इस संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया।

कांग्रेस की पूर्व विधायक चंदा रानी गौर के वकील राजमणि मिश्रा ने दैनिक भास्कर को बताया कि राहुल सिंह लोधी पर आरोप है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के शपथ पत्र में उन्होंने सटीक जानकारी नहीं दी थी। उन पर एक मामले में हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया था। ये तथ्य भी छुपाया गया। राहुल सिंह लोधी ने MPRRDA के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी नामांकन फाॅर्म में छिपाई थी। इस मामले में तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर वंदना राजपूत का रोल संदिग्ध था। पूर्व विधायक चंदा रानी गौर ने मई 2019 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने राहुल सिंह लोधी का चुनाव निरस्त करने की मांग की थी।इसी मामले में बुधवार को न्यायाधीश नंदिता दुबे की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा है कि राहुल सिंह लोधी को विधायक पद की सुविधाएं नहीं दी जाएं। कोर्ट ने तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर वंदना राजपूत के खिलाफ भी सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि आगे किसी भी निर्वाचन प्रक्रिया में इन्हें नहीं रखा जाए। आगे की कार्रवाई विधानसभा करेगी।

कांग्रेस की पूर्व विधायक बोलीं- रिटर्निंग ऑफिसर ने दिया सत्ता पक्ष के प्रत्याशी को मौका

कांग्रेस की पूर्व विधायक चंदा रानी गौर ने बताया कि राहुल सिंह लोधी ने विधानसभा चुनाव के समय दो फाॅर्म भरे थे। रिटर्निंग ऑफिसर के सामने 7 नवंबर 2018 को भरे फाॅर्म में आरएस कंस्ट्रक्शन को अपनी फर्म बताया था। आरएस कंस्ट्रक्शन के सालाना आय-व्यय का ब्यौरा भी दिया था, लेकिन 8 नवंबर 2018 को दाखिल किए गए नामांकन फाॅर्म में इन्होंने आरएस कंस्ट्रक्शन की जानकारी नहीं दी।

मामले में रिटर्निंग ऑफिसर ने पहले नामांकन फाॅर्म को स्वीकार करने के बजाए नोटिस दिया। इसके बाद राहुल सिंह ने यह जानकारी दी कि मैं आरएस कंस्ट्रक्शन में पार्टनर नहीं हूं। राहुल लोधी ने तथ्य छिपाए हैं। तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर को जब कोर्ट में गवाही के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने गलती स्वीकार की। हाईकोर्ट ने तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

राहुल लोधी बोले- मुझे आदेश की जानकारी नहीं
इस संबंध में खरगापुर विधायक राहुल सिंह लोधी का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी अभी नहीं मिली है। आर्डर कॉपी मिलने के बाद वकील से समझकर ही कुछ बता सकूंगा।

उमा भारती के भतीजे हैं राहुल लोधी
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बड़े भाई हरबल सिंह लोधी के छोटे बेटे राहुल सिंह लोधी खरगापुर से 2018 में पहली बार विधायक बने थे। इससे पहले 2013 में भी वे खरगापुर से ही बीजेपी के ही टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में वे कांग्रेस प्रत्याशी चंदा रानी गौर से हार गए थे। राहुल लोधी की पत्नी उमिता सिंह टीकमगढ़ जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं।

BJP की कूट रचित राजनीति का भंडा फूटा: कांग्रेस
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने खरगापुर विधायक राहुल सिंह लोधी की सदस्यता रद्द की है, कोर्ट ने उनके निर्वाचन फॉर्म में जानकारी छुपाने का मामला प्रमाणित पाया गया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल कार्यवाही करते हुए विधानसभा से सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए। अजय यादव ने कहा कि इस मामले से बीजेपी की कूट रचित राजनीति का भांडा फूट गया है।

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