भोपाल

विधानसभा चुनाव से पहने बीजेपी को बड़ा झटका,पूर्व BJP विधायक के बेटे और समर्थक कांग्रेस में शामिल: 500 गाड़ियों का काफिला साथ आया

भोपाल डेस्क :

विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर संभाग यानी सिंधिया के गढ़ में BJP को झटका लगा है। अशोकनगर की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे स्व. राव देशराज सिंह यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव आज कांग्रेस में शामिल हो गए। PCC (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) कार्यालय भोपाल में कमलनाथ ने उन्हें सदस्यता दिलाई। यादवेंद्र के साथ उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली। वे 500 गाड़ियों का काफिला लेकर आए हैं।

PCC में यादवेंद्र ने कहा, मेरे पिता ने भाजपा को खड़ा करने में बहुत मेहनत की। वर्तमान में मैं, मेरी पत्नी और मां जिला पंचायत सदस्य हैं। हमारे परिवार ने भाजपा की सेवा की, लेकिन जब से सिंधिया भाजपा में आए, पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होने लगी। भ्रष्टाचार बढ़ता गया। अशोकनगर में स्थिति यह हो गई कि एससी, एसटी, आदिवासियों से जमीन छीन ली गईं। डेढ़-दो किलोमीटर की कॉलोनियां काटी जा रही हैं। जिनके पास कभी चुनाव के लिए पैसा नहीं था, आज वे करोड़ों के मालिक हैं। इससे मन व्यथित था। हमसे जुड़े लोगों को केस लगाकर अंदर किया जा रहा था। अंदर से घुट रहा था। समर्थकों से बात की तो बोले- हम कांग्रेस जॉइन कर लेते हैं। भाजपा की विचारधारा अब नहीं बची। सभी अपने पेट भरने में लगे हुए हैं।

भाई अजय यादव के कांग्रेस जॉइन करने के सवाल पर बोले- अजय ही नहीं, मेरे दो लाख भाई-बहन हैं। पूरा मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में मेरे भाई-बहन हैं। सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- जो पार्टी निर्णय करेगी, वो करेंगे।

कमलनाथ बोले- मोदी आए थे, तब भी हम जीते थे

PCC में कमलनाथ ने कहा, मध्यप्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यादवेंद्र कांग्रेस में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला करते हुए कहा- ये कहते हैं कि मैं कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य को गाड़ दूंगा। कहते हैं कि मैं कमलनाथ का अंत करूंगा। मैं भी गाड़ूंगा, लेकिन बेरोजगारी, महिला अत्याचार और भ्रष्टाचार को गाड़ूंगा। इनको अब बहनें याद आई हैं। पहले जब ये किसान के बेटे बने तो सबसे ज्यादा किसानों की हत्या देश भर में मध्यप्रदेश में हुईं। मामा बने तो सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर हुआ। यह मैं केंद्र की रिपोर्ट के आधार पर कह रहा हूं।

अमित शाह के छिंदवाड़ा दौरे को लेकर कमलनाथ ने कहा, पिछले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी आए थे। हम सारी सीट जीते। छिंदवाड़ा में चुनाव जनता और BJP के बीच होता है।

अब यादव परिवार और मुंगावली की राजनीति जान लीजिए

यादवेंद्र के भाई को शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा

यादवेंद्र के पिता देशराज सिंह यादव को ग्वालियर अंचल में BJP के दिग्गज और कद्दावर नेताओं में गिना जाता था। यादवेंद्र के भाई अजय सिंह यादव को शिवराज सरकार ने मप्र पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया है।

अशोकनगर से भोपाल रवाना होने से पहले यादवेंद्र ने कहा, जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथी BJP में आए हैं, तब से मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। दो साल से अपनी और अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा झेलते चले आ रहे हैं। इस कारण वह कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। बता दें, ग्वालियर की राजनीति में यादव परिवार, सिंधिया का धुर विरोधी रहा है।

पिता देशराज की सिंधिया से नहीं बैठी पटरी

यादवेंद्र के पिता राव देशराज की ज्योतिरादित्य सिंधिया से कभी पटरी नहीं बैठी। देशराज, सिंधिया का खुलकर विरोध करते रहे। 2016 में उनका निधन हो गया था। साल 2020 में सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही यादव परिवार के सदस्यों को कांग्रेस अपनी तरफ जोड़ने के प्रयास में लगी थी।

पिता तीन बार विधायक रहे, दो बार सांसद का चुनाव लड़ा

देशराज सिंह यादव अशोकनगर के अमरोद गांव के निवासी थे। वे अविभाजित गुना जिले के दो बार भाजपा जिलाध्यक्ष रहे। तीन बार उन्हें मुंगावली से भाजपा के टिकट पर विधायक चुना गया। 1990 में पहली बार वह विधायक चुने गए थे। 1998 में दूसरी बार विधायक चुने गए। फिर 2008 में उन्हें तीसरी बार विधायक चुना गया। वे 6 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके थे। दो बार उन्हें लोकसभा का चुनाव भी लड़ने का मौका मिला। देशराज सिंह यादव की पत्नी बाईसाहब यादव जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनकी बहू रीना यादव जिला पंचायत की सदस्य रह चुकी हैं। बेटे अजय सिंह यादव कृषि उपज मंडी अशोकनगर के अध्यक्ष रह चुके हैं।

चंदेरी विधायक ने निभाई कांग्रेस में लाने में मुख्य भूमिका

यादव परिवार को कांग्रेस में शामिल कराने के लिए चंदेरी से कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह चौहान (डग्गी राजा) पिछले कई महीने से प्रयास कर रहे थे। हालांकि, गोपाल सिंह और यादव परिवार के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। गोपाल सिंह और देशराज सिंह यादव मुंगावली से एक-दूसरे के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों ही नेता सिंधिया के कट्‌टर विरोधी भी रहे हैं। अब सिंधिया विरोधी दो बडे़ परिवार अपनी राजनीतिक दुश्मनी भूलकर कांग्रेस में साथ काम करेंगे।

ग्वालियर-चंबल अंचल सत्ता की चाबी…

ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटें प्रदेश की सत्ता की चाबी मानी जाती हैं। अशोकनगर की मुंगावली सीट को सिंधिया के प्रभाव वाली सीट माना जाता है। 2018 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। सिंधिया के BJP जॉइन करने पर बृजेंद्र ने इस्तीफा दे दिया था। 2020 में हुए उपचुनाव में BJP से बृजेंद्र सिंह ने कांग्रेस के हेमंत सिंह को 21,469 वोटों के मार्जिन से हराया था। मुंगावली गुना संदसीय क्षेत्र में आता है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र से BJP के केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 125549 वोट से हराया था।

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