भोपाल

MP में एके-47 जैसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी झाड़ू-पोंछा जैसे घरेलू काम में लगी ड्यूटी: 4447 जवानों पर सालाना 176 करोड़ खर्च

भोपाल डेस्क :

ऊपर दिख रहीं तस्वीरों में कुत्ते को नहलाते और साफ-सफाई कर रहे युवक स्पेशल आर्म्ड फोर्स (एसएएफ) के जवान हैं। तस्वीरें भोपाल के चार इमली स्थित आईपीएस अफसरों के घरों की हैं। यहां एसएएफ के जवान हर रोज इसी तरह के घरेलू काम करते दिखते हैं। ऐसे 120 प्रधान आरक्षक और 4,447 आरक्षक आईपीएस अफसरों के घर में अर्दली के तौर पर तैनात हैं। इन जवानों ने सशस्त्र बल की पूरी ट्रेनिंग ली है।

एके-47 जैसे हथियार चलाने में माहिर इन जवानों ने डाकुओं के सफाये में भी अहम भूमिका निभाई। लेकिन, अब इनसे कुत्ते घुमाने, गार्डन और किचन संभालने जैसे काम कराए जा रहे हैं। आरक्षकों को 30 हजार और प्रधान आरक्षक काे 60 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। इस हिसाब से सरकार इन जवानों के वेतन पर हर साल करीब 176 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

डीजी ने भेजा प्रस्ताव
हाल ही में स्पेशल डीजी (पुलिस सुधार) शैलेष सिंह ने शासन को एक प्रस्ताव भेजकर आईपीएस के बंगलों में आउटसोर्स कर्मचारी लगाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि यदि इतनी ही संख्या में प्रति कर्मचारी 15 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर रखे जाएं तो सालाना 82.2 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इससे विभाग अपने जवानों की कमी पूरी कर पाएगा और सालाना 95.17 करोड़ रुपए की बचत होगी।

जानें, एसएएफ में कितनी फोर्स
बटालियन – 22
एक बटालियन में जवान – 700 (औसतन)
कमांडेंट – 1 (आईपीएस रैंक)
डिप्टी कमांडेंट – 1

10 से 12 डीएसपी रैंक के अफसर कमांडेंट को असिस्ट करते हैं।हर बटालियन में 16 स्पेशल आर्म्स फोर्स निरीक्षक (TI), 22 बटालियन के हिसाब से 352 सब इंस्पेक्टर 4 प्रति बटालियन, यानी 22 में 88बाकी हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल होते हैं।

कोर्ट ऐसे काम पर लगा चुका रोक… एडीजी एसएएफ बोले- मालूम नहीं हमारे जवान ऐसा काम करते हैं

सीधी बात- साजिद फरीद शापू एडीजी, एसएएफ

मुझे नहीं मालूम, जांच करवा लेता हूं

एसएएफ का मूल काम क्या है?
– मूल काम लॉ एंड ऑर्डर, वीआईपी मूवमेंट और सुरक्षा का दायित्व संभालना है। दस्यु उन्मूलन में भी एसएएफ की भूमिका रही।

कई जवान आईपीएस के बंगलों पर घरेलू कार्य के साथ ही कुत्ते घुमाने जैसे काम कर रहे हैं?
– मुझे पता नहीं था। जांच करवा लेता हूं।

क्या आउटसोर्स कर्मचारी लगाने का प्लान है?
– मुझे इस प्रपोजल के बारे में नहीं मालूम है।

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