आनंदपुर डेस्क :
आनंदपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के ओखलीखेड़ा और आस पास के गांवों में साठ दिन में कटने वाले सोयाबीन की फसल की कटाई के साथ थ्रेसिंग का काम शुरू हो गया हैं। यानी कटाई के बीच उसका सीड निकाला जा रहा है। ऐसे में अगर दोबारा बारिश हुई तो आनंदपुर, जावती, कालादेव, ओखलीखेड़ा, बंदीपुर, सिराजनगर, कुंडलपुर , लालाटोरा, खैर खेड़ी में सोयाबीन की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचेगा, इन सभी जगह में कटाई और थ्रेसिंग का काम चल रहा है। सोयाबीन उत्पादक किसानों को उम्मीद है कि बारिश रुकेगी। लटेरी क्षेत्र में पिछले साल सूखे से फसल खराब हुई थी और अब तैयार हो गई है तो फिर बारिश उसके लिए काल बन गई है।
सोयाबीन पर पड़ी मौसम की मार
सिराजनगर के किसान निरपाल कुर्मी ने बताया कि कभी सूखे और कभी ज्यादा बारिश से फसलों पर इसका बुरा असर पड़ा है। परिणामस्वरूप उत्पादन में कमी आएगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कुछ इलाकों में आज शुक्रवार को थ्रेसिंग हुई थी, एक एकड़ में एक से डेढ़ क्विंटल सोयाबीन प्राप्त हुई। ओखलीखेड़ा के किसानों का कहना है कि मेहनत, बीज, डीजल, बुवाई, खाद, दवाई, कटाई और अन्य खर्च के मुकाबले पैदावार बहुत कम है ऐसे में इस साल फसल मौसम की भेंट चढ़ गई किसान मौसम की मार से परेशान हैं। थ्रेसिंग के लिए शुष्क, साफ़ वातावरण आवश्यक है। लेकिन, मौसम प्रतिकूल है, इसलिए क्षेत्र के किसान दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
दाम अच्छा नहीं मिलेगा तो होगा घाटा
अब किसानों का सारा ध्यान बाजार पर है. अच्छा दाम मिलेगा तो नुकसान की भरपाई हो जाएगी वरना इस साल घाटा सहना पड़ेगा.
ओखलीखेड़ा के किसान गोपाल सिंह जादौन, झवन शर्मा ने बताया कि बाजार में सोयाबीन के दाम भी सही नहीं मिल रहा है।
अभी ज्यादातर मंडियों में इसका दाम एमएसपी से कम ही है, अगर दाम इसके ऊपर नहीं गया तो किसानों को इस बार इसकी खेती नुकसान दे जाएगी। किसानों का कहना है कि इस साल उन्हें अभी ठीक दाम नहीं मिल रहा है।
सोयाबीन कटाई के लिए मजदूर भी बड़ी ही मुश्किल से मिल रहे हैं क्योंकि इस समय सभी का सोयाबीन खेतों में पूरी तरह पक कर खड़ा हुआ है हर एक किसान चाह रहा है कि पहले मेरा सोयाबीन जल्दी कट जाए ऐसे में मजदूरों का मिलना मुश्किल हो रहा है। सुबह से ही आनंदपुर के एक-एक मोहल्ले में 3- 3, 4- 4 ट्रॉली आकर खड़ी हो जाती हैं। जिससे कुछ किसानों में आपस में झगड़ा भी हो जाता है क्योंकि अपने खेत में सबसे पहले कटाई के लिए वह रेट बढ़ाकर मजदूर ले जाना चाहते हैं।