भोपाल डेस्क:
मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद एमपी पुलिस मुख्यालय ने आगामी परीक्षाओं के भर्ती नियम और प्रक्रिया में ज्वाइनिंग के पहले आधार बायोमैट्रिक का सत्यापन अनिवार्य करने का फैसला किया है।
अभ्यर्थियों की सहमति से यह पता किया जाएगा कि उसने आधार कार्ड को कितनी बार अपडेट कराया है। अभी ऐसी व्यवस्था नहीं है।
बायोमैट्रिक सत्यापन भर्ती नियम में अनिवार्य नहीं
उल्लेखनीय है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में आधार बायोमैट्रिक (फिंगरप्रिंट) अपडेट कराकर अभ्यर्थियों की जगह साल्वरों ने परीक्षा दी थी। ज्वाइनिंग के दौरान अभी तक ऐसे 31 अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं। इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। पिछली परीक्षा में आधार बायोमैट्रिक सत्यापन भर्ती नियम में अनिवार्य नहीं था।
प्रस्ताव कर्मचारी चयन मंडल को भेजा गया
हालांकि, संदेह होने पर अभ्यर्थियों की सहमति से उनके आधार बायोमैट्रिक में किए गए अपडेट की जानकारी निकाली गई। बार-बार आधार कार्ड अपडेट कराने वालों को संदेह के दायरे में लेकर पूछताछ की गई तो अभ्यर्थियों ने अपनी जगह साल्वर बैठाने की बात स्वीकार की। पुलिस मुख्यालय के तरफ से 7500 आरक्षकों और 500 उपनिरीक्षकों के पद भरने का प्रस्ताव कर्मचारी चयन मंडल को भेजा गया है।
पुलिस मुख्यालय भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा
पिछली परीक्षा में गड़बड़ी उजागर होने के बाद पुलिस मुख्यालय भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाहता। इसी कारण आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर वह कमियां बताई गई हैं जिनका लाभ उठाकर अभ्यर्थी अपनी जगह साल्वर बैठाते हैं।
बायोमैट्रिक की हिस्ट्री निकालना अनिवार्य
केंद्र व राज्य सरकारों की अधिकतर परीक्षाओं में अभ्यर्थी का सत्यापन आधार बायोमैट्रिक से ही किया जाता है। ऐसे में दूसरी परीक्षाओं में भी इस तरह के फर्जीवाड़े से इनकार नहीं किया जा सकता। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (चयन) सोनाली मिश्रा ने कहा कि अगली परीक्षाओं में पहले से भर्ती प्रक्रिया के प्रविधानों में आधार बायोमैट्रिक की हिस्ट्री निकालना अनिवार्य किया जाएगा।