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मध्यप्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद होगा मतदान: प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही चरण में 17 नवंबर को वोटिंग, 3 दिसंबर को नतीजे

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद मतदान होगा। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही फेज में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इसके 16 दिन बाद 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। यानी मध्यप्रदेश में आज से 55वें दिन ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि किसकी सरकार बनेगी।

एमपी में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। 21 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 30 अक्टूबर तक नामांकन हो सकेंगे। नामांकन की जांच 31 अक्टूबर को होगी। 2 नवंबर नाम वापसी की आखिरी तारीख है।

2018 में दिवाली के 21 दिन बाद 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर को काउंटिंग हुई थी। 2023 के चुनाव में मध्यप्रदेश में 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 वोटर हैं। 2018 में 5 करोड़ 4 लाख 33 हजार 79 वोटर थे।

3 चुनाव की तुलना में इस बार वोटिंग, नतीजे पहले

मध्यप्रदेश में पिछले 3 चुनाव शेड्यूल पर नजर डाले तो इस बार वोटिंग और काउंटिंग जल्द हो रही है। इस बार 17 नवंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी। जबकि इससे पहले 2013 में 25 नवंबर को वोट डाले गए थे, वहीं 8 दिसंबर को नतीजे आए थे। 2008 के चुनाव में भी 8 दिसंबर को ही नतीजे आए थे।

इस बार प्रत्याशियों के पास प्रचार का समय कम

पिछले तीन चुनाव की तुलना में इस बार प्रत्याशियों को प्रचार करने का कम समय मिलेगा। चुनाव की तारीख के ऐलान से मतदान के पहले प्रचार थमने तक कैंपेनिंग के 37 दिन ही मिलेंगे। 2008 के चुनाव में ये स्थिति 42 दिन, 2013 के चुनाव में 46 दिन और 2018 के चुनाव में 51 दिन थी।

यहां 350 वोटर्स के लिए भी बनेगा पोलिंग बूथ

मध्यप्रदेश में देवगांव और मंडला जिले के बिछिया में 350 वोटर्स के लिए बूथ बनाया जाएगा। ये बूथ SDM हेडक्वॉर्टर्स से 40 किमी दूर है। मध्यप्रदेश में ही नंदिया और नर्मदापुरम के पिपरिया में जिला मुख्यालय में 165 किमी दूर पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। पोलिंग पार्टी को देनवा नदी पार करके जाना होगा। इसके पहले उसे अलग गाड़ी से देनवा के किनारे तक पहुंचाया जाएगा।

आचार संहिता लगते ही CM का कार्यक्रम रद्द

मध्यप्रदेश में चुनावी आचार संहिता लगते ही इसका असर देखने को मिला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जबलपुर के सिहोरा के बघराजी और बरगी का आज का कार्यक्रम रद्द हो गया है। बघराजी में महिला महासम्मेलन और बरगी में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया गया था। यहां कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी हो गई थी। लेकिन चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लगने से सीएम के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए।

प्रत्याशी के 51 हजार रुपए वाले बयान पर चुनाव आयोग ने यह कहा

चुनाव आयोग की दिल्ली में प्रेस कॉफ्रेंस के बाद सवाल-जवाब में भास्कर ने पूछा – मध्य प्रदेश में भाजपा नेता ने कहा है कि यदि किसी बूथ पर कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा तो उस बूथ प्रमुख को 51 हजार रुपए का पुरस्कार देंगे। इस तरह के बयानों का चुनाव आयोग किस श्रेणी में लेता है? मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा – अब बोल के दिखाएं। अब तक जिसने जो कहा, कह लिया।

आचार संहिता में ये बंदिशें लागू रहेंगी

  • नई सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हो सकेंगी
  • मंत्री-विधायक सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
  • सरकारी योजनाओं के बैनर, पोस्टर्स, सरकारी वेबसाइट से मुख्यमंत्री,मंत्रियों व अन्य राजनेताओं के पोस्टर हटाए जाएंगे
  • किसी भी प्रोजेक्ट का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो सकेगा

आचार संहिता का इन कामों पर असर नहीं

  • जो सरकारी योजना शुरू हो चुकी हैं, उनका लाभ मिलता रहेगा
  • सरकार कोई तबादला नहीं कर पाएगी, लेकिन चुनाव आयोग अफसरों के ट्रांसफर कर सकेगा
  • सीएम-मंत्री रूटीन काम ही कर सकेंगे
  • सरकारी दफ्तर में जनता से जुड़े सामान्य काम पहले जैसे ही चलते रहेंगे

सी विजिल ऐप पर शिकायतें कर सकेंगे लोग

आचार संहिता लागू होते ही अब सी विजिल ऐप के जरिए लोग चुनाव संबंधी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। इस ऐप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

 

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