केंत्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भोपाल में बोली – पहले बच्चा गोद लेना हो तो अभिभावक को कोर्ट में पेश होने के लिए मजबूर किया जाता था
भोपाल डेस्क :
केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी आज भोपाल में हैं। वे वत्सल भारत कार्यक्रम में शामिल होने आई हैं। बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर केंद्रित यह कार्यक्रम भोपाल के रविंद्र भवन में हो रहा है। कार्यक्रम में देश के विभिन्न स्थानों पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 7 क्षेत्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।
भोपाल में आयोजित मध्य भारत क्षेत्रीय संगोष्ठी में शामिल होने के लिए केंद्रीय महिला बाल विकास एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी भोपाल पहुंचीं। एयरपोर्ट पर मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नरोलिया ने उनका स्वागत किया।
स्मृति ईरानी ने कहा, पहले बच्चा गोद लेना हो तो अभिभावक को कोर्ट में पेश होने के लिए मजबूर किया जाता था। वहां से ऑर्डर लेना होता था। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार जनता, कार्यकर्ता, प्रशासक से संवाद करने के बाद यह ध्यान में आया कि अभिभावक यह कहने लगा कि हम कोर्ट क्यों जाएं? जहां पर चोर-उचक्के, बलात्कार और कई घटनाओं के निर्णय होते हैं, बच्चे को गोद लेना तो पुण्य का काम है। अगर आप सरकार में हमारी सुविधा बढ़ाना चाहते हैं, तो आप यह अधिकार जिला प्रशासन को दे दें।
कानून में बदलाव से पहले देशभर में 900 अडप्शन के केस कई कोर्ट में लंबित थे। जैसे ही मोदी सरकार ने कानून में तब्दीली कर जिला प्रशासन को दायित्व दिया, तब से लेकर एक साल में 2250 से ज्यादा बच्चों का देशभर में अडॉप्शन हो चुका है।
स्मृति ने कहा, देशभर में हर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का दफ्तर बनाने का जिम्मा भारत सरकार ले रही है। प्रस्ताव भेजिए, हम त्वरित रूप से समाधान देंगे।
विलेज चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी मेंबर्स अपने गांव में जिस बच्चे को सरकार की मदद की दरकार है, उसकी फेहरिस्त बनाएं। बच्चे के लिए विशेष व्यवस्था भारत सरकार आपकी मदद के आधार पर कर सकेगी।
बाल संरक्षण के बजट में 230% की वृद्धि हुई है। आज से 13-14 साल पहले देशभर में 8 से 9 हजार बच्चों को संरक्षित किया जाता था, अब 65 हजार बच्चों का संरक्षण हो रहा है।