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चोर का चोरी का अजब/गजब तरीका: 200 रुपए की साड़ी के बॉक्स में 2500 वाली रखकर देते थे कर्मचारी, बाद में आधा आधा बांट लेते थे पैसे

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गुना में कपड़ों के थोक व्यापारी को 3 कर्मचारियों ने लाखों रुपए की चपत लगा दी। इन्होंने चोरी का ऐसा तरीका अपना रखा था कि काफी समय तक व्यापारी को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। आरोपी 200 रुपए वाली साड़ी के कार्टन में 2000 से 2500 रुपए तक की साड़ी पैक कर देते थे। फिर इसे अपने ही बनाए हुए कस्टमर को डिलीवर कर देते थे।

200 रुपए की साड़ियों वाले एक कार्टन बॉक्स की कीमत 6 हजार होती है। आरोपी इसमें 80 हजार से सवा लाख तक की साड़ियां पैक कर दे देते थे। बाद में कस्टमर के साथ ये रकम आधी-आधी बांट लेते थे। इसी तरह 150 रुपए वाले पैंट-शर्ट के कपड़े के बॉक्स में 1000 से 1200 रुपए वाले पैंट-शर्ट का कपड़ा रख देते। कंबलों के बीच में महंगी साड़ियां रखकर भी सप्लाई कर देते थे।

दुकान से साड़ियां कम होने पर हुआ शक

गढ़ा कॉलोनी के रहने वाले सौरभ जैन (42) ने बताया कि गुना शहर में छोटी मस्जिद वाली गली सदर बाजार में उनकी साड़ी सम्राट नाम से थोक कपड़े की दुकान है। दुकान से दूसरे व्यापारी कपड़ा थोक में खरीदकर ले जाते हैं। वह और उनके पिता राजेंद्र जैन दुकान पर बैठते हैं। 30 कर्मचारी काम पर लगे हैं। इनमें से आरोपी लोकेश लोधा, अजय धाकड़ और आकाश जैन भी हैं।

सौरभ के मुताबिक, दुकान से महंगी साड़ियां लगातार कम हो रही थीं। एक दिन जब मैंने और पिता ने साड़ियों का बंडल चेक किया तो साड़ियां कम मिलीं। इसी से शक हुआ। छानबीन की तो पता चला कि दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी ही चोरियां कर रहे हैं।

ऐसे चुराते थे साड़ियां


दुकान मालिक राजेंद्र जैन ने बताया कि उनका काफी बड़ा कारोबार है। पिछले महीने यह पूरी घटना पकड़ में आई। दुकान पर काम करने वाला अजय धाकड़ इसका मुख्य सरगना था। ये लोग सस्ती साड़ियों के बॉक्स में महंगी साड़ी रख देते थे। जैसे देवरानी साड़ी 200 रुपए की आती है, लेकिन इसके डिब्बे में आरोपी 2000 से 2500 तक वाली साड़ियां पैक कर देते थे। एक डिब्बे में दो-दो साड़ी पैक करते थे।

इन डिब्बों को कार्टन बॉक्स में पैक कर कस्टमर को दे देते थे। ग्राहक भी इनके बनाए हुए ही होते थे। 200 रुपए वाली साड़ी के एक कार्टन बॉक्स की कीमत 6 हजार रुपए होती है, लेकिन ये उसमें जो साड़ी रखते थे, उनकी कीमत सवा लाख तक होती थी। हालांकि, ये राजेंद्र के पुराने ग्राहक थे, लेकिन लालच में आकर उन्होंने दुकान के कर्मचारियों से सेटिंग कर ली। इससे उनको महंगी साड़ियां कम दाम में मिल जाती थीं। इनको बेचकर वे अच्छा मुनाफा कमा लेते थे। इसी में से राजेंद्र के कर्मचारियों को उनका हिस्सा देते थे।

ऐसे आए पकड़ में

कपड़ा कारोबारी राजेंद्र जैन ने बताया कि 20 और 22 नवंबर को मुख्य आरोपी अजय धाकड़ ने साड़ियों की चोरी की। उन्हें दुकान में साड़ियों की संख्या कम होने का शक हुआ। 24 नवंबर को भी उसने इसी तरह चोरी करने की कोशिश की। वह जब एक पार्सल कार्टन बॉक्स को बाहर ले जाने लगा, तो राजेंद्र ने उसे दुकान में ही रखवा लिया। इसके बाद अजय को पहली मंजिल पर भेज दिया। जब उस पार्सल को खोलकर चेक किया तो पूरे मामले का पता चला। अजय धाकड़ को बिठाकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद कोतवाली में चोरी की शिकायत की। पुलिस ने जब तीनों आरोपियों के घर पर दबिश देकर तलाशी ली तो 70 हजार रुपए की 96 साड़ियां मिलीं।

राजेंद्र ने बताया कि उनकी दुकान में CCTV कैमरे भी लगे हैं, लेकिन इनके फुटेज में ये पकड़ पाना मुश्किल है कि कर्मचारी किस डिब्बे में कौन सी साड़ी और पैंट-शर्ट के कपड़े पैक कर रहे हैं। ऐसे में सीसीटीवी से कुछ समझ नहीं आया।

फुटकर विक्रेताओं से करते थे सेटिंग

राजेंद्र के मुताबिक, उनकी दुकान थोक की है। हमारे यहां से छोटे व्यापारियों के यहां बड़ी मात्रा में माल जाता है। इन्हीं छोटे व्यापारियों से अजय धाकड़ सेटिंग कर लेता था। वही इनके ग्राहक होते थे। चूंकि, बड़ी मात्रा में माल जाता था, इसलिए आसानी से पकड़ में नहीं आता। छोटे दुकानदारों को फायदा यह होता कि सस्ती साड़ी की कीमत में उन्हें महंगी साड़ी मिल जाती थी। जो भी अतिरिक्त कमाई होती, उसे आधा-आधा बांट लेते थे। मधुसूदनगढ़, नई सरांय, रुठियाई के छोटे व्यापारियों से इन्होंने सेटिंग की थी।

150 रुपए के पैंट-शर्ट के बॉक्स में ब्रांडेड कपड़े

जिस तरह ये साड़ियों में गड़बड़ी करते थे, उसी तरह पैंट-शर्ट के साथ भी इन्होंने किया। 150 रुपए वाले कपड़े बॉक्स में ये 1000-1500 रुपए वाले पैंट-शर्ट के कपड़े रख देते थे। इसी तरह कंबलों के बीच में ये महंगी साड़ी रख देते थे। पिछले दो साल में इन्होंने लाखों रुपए की चपत अपने मालिक को लगाई। पुलिस ने आरोपी अजय धाकड़, लोकेश लोधा और आकाश जैन को गिरफ्तार कर लिया है।

लॉकडाउन के दौरान दुकान में छिपकर भी की चोरी

जांच में पता चला है कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के टाइम पर भी आरोपियों ने दुकान में छिपकर लाखों रुपए का माल पार किया। अजय धाकड़ दुकान में छिपकर गैलरी से साड़ियों और दूसरे कपड़ों के बॉक्स फेंक देता था। बाहर खड़े होकर आकाश जैन और लोकेश लोधा माल ले जाते थे। अजय दुकान में 6 साल से ताे बाकी दो आरोपी 3-3 साल से काम कर रहे थे।

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