मध्यप्रदेश

फिर 5000 करोड़ का कर्ज लेगी प्रदेश सरकार: एक साल में 42500 करोड़ हुआ कर्ज का आंकड़ा; कांग्रेस बोली-कर्ज लेकर घी पीने की कोशिश

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में एक बार फिर 27 मार्च को 3 अलग-अलग तरीके से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। इसे 20, 21 और 22 साल में चुकाएंगी। इसे मिलाकर जनवरी से अब तक कर्ज के रूप में ली गई राशि 20,500 करोड़ हो जाएगी।

वित्त विभाग ने नए कर्ज के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस भारी भरकम कर्ज से सरकार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, कर्मचारियों-पेंशनर्स को दिए जाने वाले 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की राशि देने के साथ ही अन्य विकास कार्यों को अमली जामा पहनाएगी। इसके अलावा अन्य योजनाओं के खर्च और निर्माण कार्यों के लिए भी कर्ज के रूप में ली गई राशि का उपयोग किया जाएगा।

डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने  कहा- हमारी सरकार नियम प्रक्रिया के तहत कर्ज लेती है। जिससे विकास काम किया जाता है। इस कर्ज की राशि को हम समय पर चुकाते भी हैं। कांग्रेस की तरह कर्जा लेकर घी पीने का काम नहीं करते हैं। वे विचलित हो रहे हैं, इसलिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।

एक साल में 42 हजार 500 करोड़ का कर्ज

27 मार्च को लिए जाने वाले 5 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बाद चालू वित्त वर्ष में कर्ज का आंकड़ा कुल 42 हजार 500 करोड़ रुपए हो जाएगा। इसके पहले 37,500 करोड़ रुपए तक का कर्ज सरकार 29 फरवरी के पहले ले चुकी है।

मोहन सरकार ने पिछली कैबिनेट में ही यह ऐलान किया था कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है और किसी तरह की दिक्कत नहीं है। सरकार जो कर्ज लेती है वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही लेती है और उसका उपयोग अधोसंरचना विकास और जनहित के कामों में किया जाता है।

फरवरी में 3 बार लिया था कर्ज

  • मोहन यादव सरकार ने फरवरी में तीन बार कर्ज लिया था। मार्च में लिए जाने वाले कर्ज से ठीक एक माह पहले 27 फरवरी को पांच हजार करोड़ रुपए का यह कर्ज अलग-अलग तीन स्वरूप में लिया गया था।
  • 27 फरवरी को जो कर्ज लिया गया वह 2000-2000 करोड़ और 1000 करोड़ के रूप में था।
  • इसके पहले 6 फरवरी और 20 फरवरी को सरकार के खर्च की भरपाई के लिए कर्ज लिया गया था।
  • सरकार ने 20 फरवरी को भी 5 हजार करोड़ का लोन लिया था। यह लोन तीन अलग-अलग प्रोसेस से लिया गया था।
  • सरकार 6 फरवरी 2024 को अलग-अलग 1500-1500 करोड़ रुपए के कर्ज ले चुकी है।
  • फरवरी माह में सरकार 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।
  • सरकार ने 23 जनवरी को 2500 करोड़ का कर्ज लिया था।
  • नए साल 2024 के प्रथम 2 माह जनवरी और फरवरी में लिए गए कर्ज की राशि 15500 करोड़ रुपए हो चुकी है।

कांग्रेस ने कहा- कर्ज लेकर घी पीने की कोशिश कर रही सरकार

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा- मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेकर घी पीने की कोशिश कर रही है। जबकि प्रदेश पर पहले से ही 4 लाख 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। यानी आज पैदा हुआ बच्चा करीब 50 रुपए कर्ज के बोझ तले इस प्रदेश में जन्म लेगा। इसके बावजूद वित्त मंत्री कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश सरकार कर्ज लेकर घी नहीं पीती है तो वे बता दें कि जब सरकार कर्ज पर ही चल रही है तो प्रतिदिन लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बोझ आम जनता पर इश्तेहारों के रूप में क्यों डाला जा रहा है। ट्रैवल तक का पैसा सरकार अपने मंत्रियों की छवि के निर्माण में खर्च कर रही है। इस फिजूलखर्ची पर मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री अंकुश क्यों नहीं लगा रहे हैं। उन्हें जनता को जवाब देना होगा।

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