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बाघ ने ली एक की जान, तीन की किया घायल; गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग व पुलिस की 5 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की

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टाइगर स्टेट एमपी में एक बार फिर एक बाघ ने एक ग्रामीण की जान ले ली। इस घटना पर लोग वन विभाग पर भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों पर हमला कर दिया और वाहनों में तोड़फोड़ की। 

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में रविवार को बाघ ने हमला करते हुए एक ग्रामीण की जान ले ली, वहीं तीन अन्य को घायल कर दिया। मृतक का नाम चुन्नीलाल पटले है। घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरघाट में भर्ती कराया गया है। गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग व पुलिस की 5 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी।

मामला जिले के धोबी सर्रा सर्किल के गोडेगांव का है। ग्रामीणों का कहना है कि चुन्नीलाल अपने घर के पीछे खड़ा हुआ था। तभी बाघ ने हमला कर दिया। इसी दौरान जब उनके साथी ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो बाघ ने पंजा मारकर उन्हें भी घायल कर दिया। इसके बाद ग्रामीण तुअर के खेत व झाड़ियों में बाघ के होने का अंदाजा लगाते हुए लाठी-डंडे लेकर दौड़े। हालांकि बाघ ने दो अन्य लोगों पर फिर पंजा मार दिया। जिसके कारण वह भी घायल हो गए।

ग्रामीण की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी वन अमले और पुलिस विभाग को दी। सूचना देने के बाद काफी देर तक टीम मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रशासन पर बाघ को भगाने का आरोप लगाया।

अधिकारी के सिर पर लाठी मारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघ को पकड़ने के लिए घटनास्थल पर अमला भी पहुंचा था और उसे पकड़ने की तैयारी कर रहा था। इसी बीच बाघ को जंगल के करीब जाता देखकर ग्रामीणों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साए लोगों ने मौके पर पहुंचे पेंच टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा के सिर पर लाठी से हमला कर दिया। वहीं एक वनरक्षक सारिक खान से अभद्रता करते हुए वर्दी फाड़ दी। अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई।

कई वाहनों में की तोड़फोड़
गुस्साए लोगों ने पेंच टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, उपसंचालक, एसडीओ, वन परिक्षेत्र अधिकारी सहित गश्ती दल में शामिल कर्मचारियों के वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मोगली अभयारण्य के एसडीओ आशीष पांडे के वाहन को पलटा कर नाले में गिरा दिया। साथ ही अन्य वाहनों को तोड़फोड़ के बाद सड़क पर पलटा दिया। 

रेस्क्यू की जगह जंगल में भगाया बाघ
ग्रामीणों ने बताया कि बाघ सुबह करीब छह बजे घर के पास से ग्रामीण को उठाकर ले गया था। सूचना देने के करीब चार घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बाघ पास ही खेत में बैठा था। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ सकती थी, लेकिन उन्होंने बाघ को जंगल में भगा दिया। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए।

बताने के बाद भी नहीं कराई फेंसिंग
सूचना मिलने पर बरघाट विधायक अर्जुन सिंह ककोडिया भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। समस्या बताने के बाद भी कोई हल नहीं निकला गया। मांग के बावजूद जंगल के आसपास कोई फेंसिग नहीं की गई। बिजली की समस्या से भी लोग परेशान हैं। रात में लोगों ने निकलना बंद कर दिया है। आज दो लोगों को सुबह-सुबह बाघ उठा ले गया। सूचना के बाद भी अफसरों ने लापरवाही की। 

बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
घटना की जानकारी मिलते ही बरघाट पुलिस मौके पर पहुंच गई। उसने आसपास के पुलिस बल को भी मौके पर बुलवा लिया। फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से और मामले को शांत कराने के उद्देश्य बड़ी संख्या में गांव में पुलिस बल मौजूद है।

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