ग्राम पंचायत में 10 साल बाद भी नहीं बना श्मशान घाट: अस्थाई घाट में टीन शेड नहीं होने से लोगों को दाह संस्कार करने में हो रही परेशानी
विदिशा डेस्क :
शहर से सटे ग्राम महागौर पंचायत में श्मशान घाट और अस्थाई श्मशान घाट पर टीन शेड ना होने से ग्रामीणों को बारिश में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। सोमवार को गांव के 60 वर्षीय वृद्ध जगन्नाथ प्रजापति की मृत्यु हो गई। इसी बीच तेज वर्षा ही रही थी।
ग्रामीण शव यात्रा लेकर निर्धारित स्थल पर पहुंचे तो वहां अर्थी को वर्षा से बचाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं था, तब ग्रामीणों ने टीन की चादर लगाकर बड़ी मुश्किल से वृद्ध का अंतिम संस्कार किया। वहीं बारिश से लकड़ियां भीग गई इस कारण डीजल डालकर चिता को जलाया।
गांव के प्रेम प्रजापति और रामबाबू कुशवाहा ने बताया कि तीन हजार की आबादी वाली इस पंचायत में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। श्मशान घाट के लिए जगह चिह्नित है। वर्तमान में जहां दाह संस्कार किया जाता है, वहां तक पहुंचने कोई रास्ता नहीं है। खेतों में कीचड़ में से होकर जाना पड़ता है।
जबकि पिछले 10 साल से ग्रामीण शेड सहित श्मशान घाट बनाने की मांग करते आ रहे हैं। पंचायत सचिव अमर सिंह ने बताया कि पंचायत ने प्रस्ताव भेजा था। जगह चिह्नित हो गई। निर्माण के लिए जनपद ने एक प्रस्ताव निरस्त कर दिया था। इसके बाद दूसरा प्रस्ताव भी भेजा गया। उसे भी 6 माह हो चुके हैं लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है जिससे श्मशान घाट निर्माण का कार्य अटका हुआ है।
प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी
सरपंच मुकेश अहिरवार का कहना है कि पूर्व में एस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव भेजा था लेकिन जनपद पंचायत के अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। जिससे श्मशान घाट का निर्माण नहीं हो पा रहा है। बनवा जागीर और महागौर पंचायत में बताया कि जमीन उपलब्ध हो गई है, लेकिन अभी तक बनवा जागीर में श्मशान घाट का निर्माण नहीं हो पाया है।
गांव के महेश कुशवाह, श्याम लाल प्रजापति, बाबू कुशवाह का कहना है कि एक माह के अंदर श्मशान घाट का निर्माण महागौर पंचायत और बनवा जागीर में नहीं हुआ तो मजबूर होकर ग्रामीणों को धरना आंदोलन प्रदर्शन करना पड़ेगा। जनपद पंचायत सीइओ अरविंद शर्मा का कहना है कि सरपंच सचिव को निर्देश दिए है। शीघ्र ही शमशान घाट का निर्माण महागौर और बनवा जागीर में किया जाएगा।