विदिशा

उदयपुर के राज महल में चोरी करने की नीयत से तस्करों ने की पत्थरों पर मार्किंग

विदिशा डेस्क :

10वीं शताब्दी के परमार कालीन राजा भोज के वंशज राजा उदयादित्य के उदयपुर स्थित राजमहल में बहुमूल्य सामग्री पर तस्करों की टेढ़ी नजर थी। यही कारण है कि राजमहल में दीवारों में छिपे और जमीन में गड़े खजाने की तलाश में कई विशाल कक्षों और दीवारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

कई कलाकृतियों, मूर्तियों, खिड़कियों और दरवाजों सहित कई बड़ी मात्रा में बहुमूल्य सामग्री को निकाल कर बेच दिया गया। विशाल कक्षों और सभागारों की दीवारों में जो तराशे हुए पत्थर लगे हैं, उनमें पेंट से एक जैसी सीक्वेंस में मार्किंग दिखाई देती है।

जैसी ए-1 से लेकर 2, 3 4 और उससे आगे की सीरीज में नंबरिंग मिलती है। इसी तरह बी-1 की सीरीज में उससे आगे 2, 3 और 4 की नंबरिंग दिखाई देती है। इसके अलावा सी-1 से आगे और डी-1 से आगे के नंबर दिखाई देते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!