भोपालमध्यप्रदेश

प्रदेश के अस्पतालों में ‘बीमार’ व्यवस्था: डॉक्टरों के चैंबर खाली मिले, नर्सिंग स्टाफ भी अटेंडेंस लगाकर वापस घर लौट गए… मरीज करते रहे इंतजार

भोपाल डेस्क :

सरकारी अस्पतालों के खुलने का समय सुबह 9 बजे तय है, लेकिन डॉक्टर 10 बजे तक पहुंचते हैं। देरी के पीछे तर्क होता है कि वे राउंड पर थे या किसी इमरजेंसी के लिए गए थे। इधर, नर्सिंग समेत अन्य स्टाफ भी मनमानी कर रहा है। इसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संवाददाता ने जेपी अस्पताल और कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का जायजा लिया। पेश है दोनों अस्पतालों की ग्राउंड रिपोर्ट…

दोनाें मुख्यद्वार से अंदर की ओर जाने वाले मरीजों की भरमार है। तीन ओपीडी काउंटर पर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। गायनकॉलोजी डिपार्टमेंट, नेत्ररोग विभाग, अस्थि रोग विभाग, दंत रोग विभाग, मेडिसिन डिपार्टमेंट में अधिकांश चैंबर खाली हैं। जबकि सभी चैंबरों के सामने मरीजों की कतारें लगी हैं। यहां मरीजों से पूछने पर पता चला कि किसी को पेट दर्द तो किसी को रीढ़ की हड्‌डी में दर्द है और वे 9 बजे से पहले कतार में आकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं।

यहां मौजूद मिले डॉक्टर और कर्मचारी: जहां अधिकांश चैंबर में डॉक्टर नहीं थे, वहीं आई डिपार्टमेंट में डॉ. सीमा सिंह मरीज देख रही थीं। सामने एनसीडी क्लीनिक में महिला कर्मचारी मरीज का बीपी नाप रही थीं। फर्स्ट फ्लोर पर डॉ. नीलिमा सोनी के चैंबर में डॉक्टर मरीज के दांत में प्रोसीजर कर रही थी। नीचे इमरजेंसी में भी डॉक्टर मरीज देख रहे थे।

बहाना… राउंड लेकर आने में होती है देरी: इस संबंध में जब देर से आने वाले डॉक्टरों से बात की गई तो अधिकांश का एक वहीं पुराना बहाना था कि वार्डों में राउंड लेकर आने में देर हो जाती है। उनका कहना यह भी है कि जिस मरीज को जिस डॉक्टर ने भर्ती किया है उसकी छुट्‌टी होने तक की जिम्मेदारी उसी की होती है। ऐसे में सुबह शाम आते-जाते वार्डों में राउंड लेना होता है।

कार्रवाई के बाद भी नहीं बदले हालात… कलेक्टर आशीष सिंह जुलाई में जेपी अस्पताल पहुंचे थे। तब 20 डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले थे। इनमें दो डॉक्टर बिना किसी सूचना के गायब पाए गए थे। इनमें एक संविदा डॉक्टर की सेवाएं समाप्त की गई थीं। जबकि, एक नियमित डॉक्टर को निलंबित किया गया था वे अभी बहाल नहीं हुए हैं। बाकी 18 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी हुए थे, इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सार्थक एप समाधान… जेपी में बीते साल सार्थक एप की व्यवस्था की गई है। इसमें डॉक्टरों को कार्यस्थल पर ही ड्यूटी पर आते और जाते वक्त पंच करना होगा। इसकी उपस्थिति सर्वर के माध्यम से सीधे विभाग के पास दर्ज होगी। लेकिन डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई।

बायोमेट्रिक बंद… जेपी में बायोमेट्रिक सिस्टम उपलब्ध होने के बाद भी उसे खराब बताकर उपयोग बंद कर दिया जाता है। इसके बाद उपस्थिति के लिए वर्षाें पुरानी व्यवस्था रजिस्टर में साइन कराए जा रहे हैं। रजिस्टर सिविल सर्जन कार्यालय में रहता है। डॉक्टर मर्जी से जब आते हैं, साइन करके उपस्थिति दर्ज करते हैं।

10 बजे आएंगे डॉक्टर…

रीढ़ की हड्‌डी और पैर में दर्द है। सुबह पौने नौ बजे से आकर बैठे हैं। साढ़े नौ से ज्यादा वक्त हो गया है। एक भी डॉक्टर नहीं आए हैं। पूछने पर बताया 10 बजे आएंगे। -रईस खान, करोंद

मां की सोनोग्राफी करानी है। करीब नौ बजे आए थे, आधा घंटे से लाइन में लगे हैं। पर्ची काटने वाला कोई अभी तक आया ही नहीं है। उनके आने का इंतजार कर रहे हैं। -भीमलाल, शिवाजी नगर

गैर जिम्मेदाराना जवाब

डॉक्टर समेत स्टाफ टाइम पर आता है। हो सकता है डॉक्टर राउंड पर हों। संभव है कर्मचारी थोड़ी देर के लिए उठकर टॉयलेट के लिए गया हो। -डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी 

बायोमेट्रिक में अंगूठा लगाया और घर वापस चली गई…

मेन गेट पर महिला कर्मचारी मोबाइल में गाने सुन रही है। ओपीडी काउंटर खाली है। सफाई कर रही महिला कर्मचारी से डॉक्टर के आने का टाइम पूछा तो सिक्यूरिटी गार्ड आया और बोला डॉक्टर के आने में टाइम है। डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे तभी एक महिला मोपेड से आई और अंदर लगी बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाया और गाड़ी लेकर चली गई। चंद मिनट बाद एक और महिला लोवर-टीशर्ट पहनकर आई और बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाकर चली गई। यहां पूछने पर बताया गया कि ये नर्सिंग स्टाफ में हैं, यहीं स्टाफ क्वार्टर में रहती हैं। 9 बजे ड्यूटी शुरू होती है इसलिए अंगूठा लगाने आई थीं। अब ड्यूटी पर कब आएंगी यह पूछने पर बताया कि डॉक्टर 10 बजे के बाद ही आते हैं, इसलिए ये लोग भी तभी आएंगी।

नाइट शिफ्ट खत्म, सुबह की शिफ्ट शुरू नहीं हुई: 9 बजे मरीजाें के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया, लेकिन डॉक्टर नहीं होने पर उनको बाद में आने की नसीहत निचला स्टाफ दे रहा है। पूछने पर बताया गया कि रात में एक ड्यूटी डॉक्टर रहते हैं। उनकी शिफ्ट सुबह 8 बजे खत्म होती है तो वे निकल जाते हैं। सुबह की शिफ्ट वाले डॉक्टर राउंड पर हैं, इसलिए समय नहीं मिल रहा है।

समाधान- अलग-अलग समय में राउंड लगाएं डॉक्टर… एक डिपार्टमेंट में जहां दो या अधिक डॉक्टर हैं। अगर सभी एक टाइम में राउंड लेने के बजाय आधे घंटे के अंतर पर अलग-अलग समय में राउंड लेने जाएं तो ओपीडी में मरीजों को डॉक्टर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जैसे तीन में एक डॉक्टर सुबह 9 बजे सीधे ओपीडी में आकर मरीज देखे, तो एक वार्ड में भर्ती मरीज देखे। जब राउंड लेकर वह ओपीडी आ जाए ताे दूसरा राउंड लेने जा सकता है।

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