मध्यप्रदेश

उपभोताओ को राहतभरी खबर: रसोई तेल कारोबार में बड़ी मंदी

पिछले वर्ष 140 रुपए किलो था भाव, इस बार 96 से 100 रुपए

न्यूज़ डेस्क :

त्योहारों की शुरुआत के बीच यह राहतभरी खबर हैं। पिछले वर्ष रसोई (सोयाबीन तेल) सितंबर-अक्टूबर में 110 से 140 रुपए प्रति किलो मिल रहा था। इस बार उसकी कीमत 96 से 100 रुपए तक हैं। हालांकि व्यापारी इसे कोरोना काल के बाद तेल कारोबार में आई सबसे बड़ी मंदी के रूप में देख रहे हैं।

बारिश की लंबी खेंच से सोयाबीन की फसलों पर आए संकट से आशंका ये जताई जा रही थी कि तेल की कीमत बढ़ेगी लेकिन इसके विपरीत हो रहा है। व्यापारी इसकी पांच बड़ी वजह बता रहे हैं। साथ ही संभावना जताई जा रही हैं कि फसल की कटाई शुरू व मंडियों की हड़ताल खत्म होने से कीमत में और भी कमी आएगी।

इन तमाम परिस्थितियों के बीच उपभोक्ताओं के रसाई के बजट में कमी आने की उम्मीद हैं। इधर रिटेल किराना व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र जैन कहा कि अभी बाजार में भले ही मंदी हो लेकिन आने वाले दिनों में त्योहारों के दौरान तेल की डिमांड बढ़ेगी।

ये पांच बड़े कारण बताए जा रहे तेल की कीमत में कमी के

  • प्लांटों पर सोयाबीन की पुरानी फसल का स्टॉक होना।
  • विदेशों से निर्बाधित आवक बनी रहता।
  • बंदरगाहों पर भी पर्याप्त स्टॉक का होना।
  • खपत/मांग का कमजोर बना रहना।
  • सीजन की शुरुआत नहीं होना।

शहर में सोयाबीन तेल का कब- क्या भाव रहा

  • जनवरी 2021- एक किलो तेल का पाउच 135 रुपए में बिका और इसी वर्ष मई में कीमत 167 रुपए प्र​ति किलो तक भी पहुंची
  • सितंबर-अक्टूबर 2022- एक किलो तेल पाउच 110 से 140 रुपए व 15 लीटर तेल का डिब्बा 1700 से 2000 रुपए तक
  • सितंबर 2023- एक किलो तेल पाउच की कीमत 96 से 100 रुपए हैं, जबकि 15 लीटर का डिब्बा 1550 से 1600 रुपए तक में मिल रहा है। 15 दिन में ही तेल के डिब्बे कीमत में 160 से 200 रुपए तक की कमी आई हैं।

(जानकारी व आंकड़े तेल के थोक व्यापारियों के अनुसार)

छह सदस्यों के परिवार को 300 रु. से अधिक की बचत

चार से छह सदस्यों के परिवार में औसतन हर महीने 9 से 15 किलो तक तेल की खपत होती हैं। इस हिसाब से पिछले वर्ष से इस बार की कीमत की तुलना करें तो औसतन 300 रुपए से अधिक की बचत है। नई सोयाबीन की आवक के बाद यदि कीमत में और भी गिरावट आई तो बचत बढ़ सकती हैं।

विदेशों के प्लांटों से होती हैं तेल की आपूर्ति

शहर में रसोई तेल की आपूर्ति प्रदेश के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राजील, अर्जेंटीना व अमेरिका के प्लांटों से होती हैं। शहर में तेल के बड़े व प्रमुख 25 से 30 व्यापारी हैं। सामान्य दिनों में शहर से 2 से 3 टन तक तेल का टर्नओवर रोज का हैं।

15 दिन में 160 से 200 रुपए की कमी

रसोई तेल के बाजार में वर्तमान में कोरोना काल के बाद की सबसे बड़ी मंदी आई हुई हैं। 15 दिन में ही 15 लीटर के डिब्बे की कीमत 160 रुपए से 200 रुपए तक कम हुई हैं।
अबीज अत्तार, तेल के थोक व्यापारी

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