भोपाल

मध्यप्रदेश में नियमित के बजाय संविदा पर हो रही भर्तियां: लेकिन भर्ती की रफ्तार सुस्त

अगले दो सालों में 25 हजार से ज्यादा रिटायरमेंट

भोपाल डेस्क :

मंत्रालय में पहले ही करीब एक तिहाई पद खाली, 40% कर्मचारी और हो जाएंगे रिटायर
मप्र में अगले दो सालों में 25 हजार से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों के रिटायरमेंट हो जाएंगे। मंत्रालय में ही 40 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी रिटायर होंगे। दूसरी ओर भर्ती की प्रक्रिया धीमी है। खासतौर पर मप्र में 36 साल पहले ​कनिष्ठ सेवा चयन आयोग के जरिए प्रदेश के अधीनस्थ जिला, तहसील कार्यालयों में बाबुओं की अंतिम भर्ती हुई थी, उसके बाद सिर्फ अनुकंपा नियुक्ति से ही पद भरे गए।
इन नियमित पदों के विरुद्ध सं​विदा पर भर्तियां भी हो रही हैं, लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है।

साथ ही नई भर्तियां कर खाली पदों को भरा भी नहीं जा रहा है। दोहरे मापदंड इस तरह हैं कि स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों के विरुद्ध संविदा पर डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है। इनमें संविदा पर भर्ती डाक्टरों को तो नियमित कर दिया जाता है लेकिन पैरामेडिकल स्टाफ के लिए जो भर्ती हो रही हैं उन्हें सं​विदा में ही रखा जा रहा है। विधिवत भर्तियां न होने से मंत्रालय में ही 689 पद खाली पड़े हैं। जल संसाधन विभाग में 1 जनवरी 2024 की तारीख में 237 अभियंताओं में 39 इंजीनियर ही बचेंगे।

हालात ये हैं कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सब इंजीनियर के ज्यादातर पद खाली हैं। यही स्थिति महिला बाल विकास, कृषि और सहकारिता विभाग की है। आरईएस में सब इंजीनियर, डाटा एंट्री आपरेटर, ड्राफ्ट्समैन के पद खाली पड़े हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना में भी तकनीकी पदों की यही स्थिति है। जल संसाधन विभाग में 1 जनवरी 2024 की स्थि​ति में प्रमुख अभियंता के 3 में से सभी 3 पद खाली रहेंगे। मुख्य अभियंता के 18 पद खाली हो जाएंगे। सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 77 स्वीकृत पदों में से 11 ही कार्यरत रहेंगे और एक्जीक्यूटिव इंजी​नियर के 237 पदों में से 39 ईई कार्यरत रहेंगे।

मंत्रालय के ये हालात

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!