नशा छोड़ना मुश्किल है, परंतु नामुमकिन नहीं, नशा मुक्ति जनजागृति कार्यशाला आयोजित
श्रीगंगानगर/जयपुर डेस्क :
संभाग स्तरीय मंशा नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी व जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के निर्देशानुसार नशामुक्ति जनजागृति थानाधिकारी पुलिस थाना मटीलीराठान कार्यशाला श्रीगंगानगर के गांव 17 ज़ेड के बीएस मेमोरियल सी.से. स्कूल चक 17 ज़ेड में शुक्रवार को आयोजित हुई।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय नशामुक्ति परामर्श एवम् उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रविकांत गोयल ने कहा कि हम सभी सामूहिक रूप से प्रयास करे कि अपने परिवारों में वैवाहिक समारोहों, उत्सवों, त्योहारों पर अपनी खुशी का इजहार नशे के सेवन में ना खोजे। नशा छोड़ना मुश्किल है, परंतु नामुमकिन नहीं। पक्के इरादे से नशा किसी योग्य चिकित्सक की सलाह से छोड़ा जा सकता है। डॉ. गोयल ने नशे से बचने के उपायों से अवगत करवाते हुए नशामुक्त जीवन जीने का आह्वान किया ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह ने नशे का सेवन करने वालों से कहा कि अपने थोड़े से मजे के लिए अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चांें की तकदीर में मुसीबतों के लिए जगह न बना देना। नशे का सेवन करने वाले ऐसे अनेक बच्चों को देखा है, जो मजबूरी में दूसरों के झूठे बर्तन मांजने को मजबूर है। आपके परिवार के बच्चो की बागडोर आपके हाथ है। आप चाहे तो उनकी अच्छी परवरिश कर उनका भाग्य निर्माण कर सकते है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चेयरमैन करनी सिंह ने कहा कि ये ना देखे कि दूसरा क्या कर रहा है। यदि हमने विद्यार्थी जीवन में अपने आप को नशे रूपी दलदल में गिरने से बचा लिया तो हमने अपने जीवन को उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ा दिया और अपने परिवार को बचा लिया। समाज से ही राष्ट्र बनता है। इस तरह हम अपने पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वयं नशे से और बुरी संगत से बचें। अच्छा साहित्य पढ़ें। आज युवाओं के कंधो पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वे देश की आजादी को बचा कर रखें। इसके लिए युवाओं को नशे से बचना होगा।
थानाप्रभारी राकेश जी सांखला कहा कि जो अवैध रूप से नशा बेचते है, उनकी सूचनाएं औषधि नियंत्राण विभाग, शिक्षकों, पुलिस के बीट कांस्टेबल, सुरक्षा सखियों व सीएलजी सदस्यों के माध्यम से साझा करे। अवैध नशा बेचने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जावेगी। सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद् प्रोफेसर बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि बच्चे अपने घरों में जो लोग नशा करते है, उन्हंे एक बार नशा नहीं करने को कहे। हो सकता है कि जिसने किसी के कहने से भी नशा नहीं छोड़ा, वो आप के कहने मात्रा से नशे के दलदल से बाहर आने को तैयार हो जाए। विशिष्ट अतिथि सरपंच श्री मती रमप्रीत बैंस ने कहा कि नशा बेचने वालों व उन्हें संरक्षण देने वालांे का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। नशामुक्ति की मुहिम में विद्यार्थियों में नया जोश जगाकर उन्हें नशामुक्ति अभियान के दूत के रूप में तैयार करने में शिक्षकों को भी प्रभावी भूमिका अदा करनी चाहिए।