पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- महाशिवपुराण की कथा 71 पीढ़ियों को तार देती है: कथा का समापन, CM बोले- नेता भी ईमानदारी से जनता की सेवा कर लें तो ईश्वर की कृपा बरसेगी
भोपाल डेस्क :
भोपाल के करोंद स्थित ग्राउंड में चल रही शिवपुराण कथा का आज समापन हो गया। दोपहर 2 बजे से कथा शुरू हुई, जो शाम सवा 5 बजे तक चली। सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद भी कथा में पहुंचे। कथा सुनने के लिए आखिरी दिन भी लाखों श्रद्धालु पहुंचे। इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान पं. प्रदीप मिश्रा से मिलने एमएलए रेस्ट हाउस पहुंचे। यहां से वे पं. मिश्रा के साथ स्मार्ट पार्क पहुंचे और पौधारोपण किया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी साथ थे। पं. मिश्रा ने कहा कि चेहरे की चमक क्रीम से नहीं,अच्छे कर्म से बनती है।
वृक्ष से बेल पत्र ही तोड़े, डालियां नहीं
पं. मिश्रा जी ने ऐसे वृक्षों से बेल पत्र तोड़ने को कहा जो बहुत ऊंचे और बड़े हों। साथ ही वृक्षों की डालियां नहीं केवल वह बेल पत्र ही तोड़ें। छोटे पेड़ों से बेल पत्र तोड़कर शिवजी को कतई ना चढ़ाएं। इससे शिव नाराज हो जाते हैं। जीवन में वृक्ष जरूर लगाएं हो सके तो किसी सड़क के किनारे बेल पत्र का पेड़ अवश्य लगाएं। उन्होंने बताया कि बेल वृक्ष की छांव पड़ने से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है।
बुधवार को सीएम चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष शर्मा समेत कई मंत्री कथा में शामिल हुए। कथा में पं. मिश्रा कई प्रेरक प्रसंग सुना रहे हैं। खासकर मंदिरों में जल चढ़ाने और बच्चों को अच्छे संस्कार देने की सीख दी है। कथा सुनने के लिए मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु आए।
जैसे खून की जांच करवाते हो, वैसे ही भक्ति की जांच भी करवाओ
कथावाचक पं. मिश्रा ने श्रद्धालुओं से कहा, एक-दो महीने में जैसे ब्लड की जांच करवाते हो कि शरीर में कोई तकलीफ तो नहीं। खून की कमी तो नहीं। वैसे ही हर एक-दो महीने में अपनी भक्ति की भी जांच करवाते रहो। ताकि पता चल सके कि मन भगवान की भक्ति में लग रहा है कि नहीं। इसके लिए कथा, सत्संग और गुरु की शरण में जरूर पहुंचे।
पं. मिश्रा ने कवि और कथाकार को लेकर भी बात बताई। कहा कि कवि और कथाकार में बहुत बड़ा अंतर है। कवि अपने शब्दों से जनमानस को रिझाने का प्रयास करता है, जबकि कथाकार अपनी वाणी से महादेव को रिझाता है। डॉक्टर ब्लड प्रेशर, शूगर की जांच करेगा, पर भोलेनाथ ह्दय के भाव की जांच करते हैं। उन्होंने कह कि जिसने अपना अहंकार छोड़ा, उसकी चमक जिंदगी भर खत्म नहीं होती।
उन्होंने कहा कि घड़ी भले ही एक लाख की पहन लो। उसमें चाहे हीरा लगा हो। घड़ी अपने हाथ में तो रहेगी, लेकिन घड़ी का समय अपने हाथ में नहीं रहेगा। इसलिए समय ऐसा लाना है, जो महादेव के हाथ में हो। इसके लिए भजन-कीर्तन करें। शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाएं, मंदिर आए। सारी समस्या का हल, एक लोटा जल।
महाशिवपुराण की कथा 71 पीढ़ियों को तार देती है
पं. मिश्रा ने महाशिवपुराण का विशेष महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि मनुष्य द्वारा किए जाने वाले सतकर्मों से एक-दो पीढ़ियां ही तर सकती हैं, लेकिन महाशिवपुराण की कथा से 71 पीढ़ियां तर जाती हैं।
पं. मिश्रा ने यह भी कहा
- भक्ति जब फलित होती है तो वो एक का नहीं बल्कि अनेक का कल्याण करती है।
- गलत कार्यों में संलग्न रहने वाला देवराज ब्राह्मण इसलिए कैलाशवासी शिव के पास पहुंचा, क्योंकि उसकी मां भगवान शिव की भक्ति किया करती थी। इसलिए माताएं भी विशेष रूप से शिवभक्ति करें।
- जीवन में जब विपत्तियां आएं, उपद्रव घेरें तब किसी के पास नहीं बल्कि अपने आस-पड़ोस के शिव मंदिर जाएं।
- सात ताले में भी बंद हो जाओंगे तो भी मौत को नहीं रोक पाओंगे।
- धरती पर ऐसा कोई धनपति नहीं है, जो अपने बीते हुए समय को खरीद सके।
- शरीर की चोट मलहम से और मन की चोट में शिवमहापुराण कथा से मिटती है।
- राक्षसों की सिद्धी कुछ ही समय टिकती है लेकिन देवताओं की सिद्धी भले थोड़ी सी हो लंबे समय तक साथ रहती हैं।
- चेहरे की चमक क्रीम से नहीं अच्छे कर्म से बनती है।
नेता, डॉक्टर, शिक्षक ईमानदारी से काम करेंगे तो कृपा बरसेगी-शिवराज
कथा में पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अद्भुत आनंद की वर्षा हो रही है। भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। गुरुदेव ने पूरे देश को शिवमय कर दिया है। आप अद्भुत हैं, जिन्होंने हम सबके मन में भक्ति रस की गंगा बहाई है। सीएम शिवराज ने शिव की महिमा के बारे में भी बताया। कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सब पर बरसें, यह पं. मिश्रा जैसे संतों ने बताया है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर बीमारों का सही इलाज करें, शिक्षक ढंग से पढ़ा लें, कर्मचारी ईमानदारी से काम करें और नेता ईमानदारी से जनता की सेवा कर लें तो ईश्वर की कृपा बरसेगी। मुख्यमंत्री ने बेटियों को बचाने और पढ़ाई का आह्वान किया। कहा कि बेटियां नहीं बचाओंगे तो बहू कहां से लाओंगे। बेटियों की चिंता मत करना, मामा सबकुछ कर देगा। पढ़ाई से लेकर शादी तक। इसलिए लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना योजना चला रहे हैं। चुनाव में भी 50% रिजर्वेशन दिया है। आज भोपाल की महापौर मालती राय क्यों हैं? क्योंकि आरक्षण का फायदा मिला है। मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना के बारे में भी श्रद्धालुओं को बताया। कहा कि बहनें मजबूर नहीं, बल्कि मजबूत बनें और स्वाभिमान के साथ जीवन जीएं।