जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान करवाना जरूरी: अनुसुइया ने कहा – स्तनपान कराने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं
आनंदपुर डेस्क :
करुणा फेलो अनुसुइया भार्गव ने ग्राम लालाटोरा , ओखलीखेडा में आंगनबाड़ी केंद्रों का विजिट करके ग्रामीण महिलाओं को जिसमें गर्भवती धात्री महिलाएं सम्मिलित हैं उनको स्तनपान के महत्व के बारे में बताया एवं अभी उनकी जो शाला पूर्व शिक्षा का प्रशिक्षण हुआ है उसके बारे में भी चर्चा की एवं उनको जो किताबें बच्चों को पढ़ाने के लिए मिली है उन किताबों को भी देखा जिसमें मेरा परिवार शाला पूर्व शिक्षा ऐसे कई किताबें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बच्चों को पढ़ाने के लिए दी गई है।
स्तनपान के फायदे भी बताएं जैसे
. जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान करवाना जरूरी है
स्तनपान कराने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं और मां को भविष्य में कभी मां को भी स्तनपान कराने से कई फायदे होते हैं उसके बारे में भी महिलाओं को बताया ।और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दिए जाने वाले भोजन के ऊपर भी चर्चा की और उनको पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का संदेश दिया बताया कि अगर महिला को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा तो उसके अंदर दूध निर्माण करने की क्षमता बढ़ेगी और वह बच्चे को उचित मात्रा में स्तनपान करा पाएगी।
और इसी के साथ उस दौरान हमारे साथ जितनी भी महिलाएं उपस्थित थी उन सभी को बताया कि वह अपने आसपास और अपने संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करें जिससे कि वह स्तनपान के महत्व को समझ सके और अपना और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रख पाए श्री मति अंसुइया भार्गव करुणा फेलो द्वारा बताया गया की नीति आयोग ने मध्यप्रदेश के। 8जिले में विदिशा जिले को भी पिछड़े जिले की सूची में लिया गया है जिसमे स्वास्थ्य पोषण शिक्षा इन्फेट्रेकचर आदि में हमारा जिला पिछड़ा हैं इसी क्रम में जागरूकता और पोषण शिक्षा में सुधार हो पिरामल फाउंडेशन ने करुणा फेलो को फील्ड विजिट और करके जानकारी प्राप्त करके लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा इसी क्रम में आज आनंदपुर सेक्टर में ओखलीखेड़ा आंगनबाड़ी ललातोरा शहरिया बस्ती केंद्र पर विजिट किया गया शहरिया बस्ती की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रार्थना जड़ोंन ने बताया की उनके ग्राम में सभी आदिवासी समुदाय रहता हे पहले सभी प्रसव घर पर होते है
जागरूकता नही थी लोगो में जिससे कही बार घर पर गर्भवती महिला की डिलेवरी होने से मां और बच्चा दोनो को जान का खतरा बना रहता था और घर पर प्रसव होने से लोगो को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलता था पिछले चार साल से पिरामल फाउंडेशन नीति आयोग के सहयोग से जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समय समय पर होने से अब ग्राम में सभी प्रसव 100 प्रतिशत सरकारी अस्पताल में होने लगे और बच्चो में होने वाले कुपोषण में भी कमी आई है । अंसुईया भार्गव करुणा फेलो ने आज जिन केंद्र पर विजिट किया उन सभी केंद्र पर शाला पूर्व शिक्षा खाना नाश्ता टीकाकरण केंद्र पर बच्चो की उपस्थिति आदि गतिविधि देखी गई