मध्यप्रदेश

स्टेट साइबर पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा: मध्यप्रदेश में 20 हजार वोटर आईडी-आधार कार्ड फर्जी

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में 20 हजार से ज्यादा वोटर आईडी और आधार कार्ड फर्जी हैं। स्टेट साइबर पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है। मामले में बिहार से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। 10वीं पास इस आरोपी ने फर्जी वेबसाइट के जरिए यह दस्तावेज तैयार किए हैं।

स्टेट साइबर एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि आरोपी रंजन चौबे (20) बिहार के चंपारण का रहने वाला है। उसे 12 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था। भोपाल लाने के बाद तीन दिन तक रिमांड पर रखा गया। पूछताछ के बाद 16 अप्रैल को भाेपाल जिला कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।

देशमुख ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ’27 मार्च को भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को एक सूचना भेजी थी। इसमें कहा था- अज्ञात युवक वेबसाइट के माध्यम से लोगों के फर्जी वोटर आईडी समेत दूसरे दस्तावेज बनाने का काम कर रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने स्टेट साइबर पुलिस को इसकी जानकारी दी। 30 मार्च को केस दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पांच अलग-अलग टीमों ने जांच शुरू की। टेक्निकल साक्ष्य इकट्‌ठे किए। इसी बीच बिहार के पूर्वी चंपारण का क्लू मिला।

बैंक पासबुक, पेटीएम क्यूआर और सोर्स कोर्ड भी बरामद

एडीजी देशमुख ने कहा, ‘पूछताछ में आरोपी ने बताया कि सात महीने पहले वेबसाइट बनाई थी। इस पर आधार, वोटर आईडी और पैन का फॉर्मेट बनाया था। वेबसाइट ओपन करते ही ऑप्शन मिलते थे। यूजर दिए गए फॉर्मेट में किसी का भी नाम, पता डालकर अपना फोटो अपलोड कर देते थे। QR कोड के माध्यम से 20 रुपए फीस भी ली जाती थी। इसके बाद फर्जी आईडी तैयार कर ऑनलाइन ही भेज दी जाती थी।’

देशमुख ने बताया कि आरोपी के पास से फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोड आदि जब्त किए गए हैं।

स्टेट साइबर पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से वेबसाइट के नाम का खुलासा नहीं किया है। यह साइट अभी भी एक्टिव है। पुलिस इसे बंद कराने का प्रयास कर रही है। वेबसाइट पर 28 हजार हिट्स हैं।

फर्जी आईडी के माध्यम से खोले कई बैंक अकाउंट

स्टेट साइबर एडीजी देशमुख ने बताया कि आरोपी देश की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रहा था। उसकी बनाई फर्जी आईडी के जरिए कई बैंक खाते खुलने की जानकारी भी मिली है। ऐसे खातों की पहचान कर उन्हें फ्रीज कराने का काम किया जाएगा।

उन्होंने एडवायजरी जारी करते हुए कहा कि यूजर्स वोटर कार्ड, आधार, पैन कार्ड प्रिंट करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें। साथ ही नया दस्तावेज बनवाने के लिए निर्धारित प्रोसेस का ही पालन करना चाहिए।

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