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राजस्थान में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- PM पद के राजनाथ सिंह सीरियस उम्मीदवार, वसुंधरा CM उम्मीदवार बनें तो BJP के जीत के चांस

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- यदि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी वसुंधरा राजे को सीएम पद का उम्मीदवार बनाती है तो पार्टी की जीत के चांस ज्यादा हैं। ऐसा नहीं होता है तो भाजपा की जीत का कोई चांस नहीं है। मलिक ने पीएम पद के लिए राजनाथ सिंह को सीरियस उम्मीदवार बताया। कहा- यदि उनके भाग्य में रहा तो बन भी जाएंगे।

मलिक मंगलवार को सीकर में होने वाले एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। इससे पहले सोमवार शाम करीब सवा छह बजे वह सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए।

कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे
सत्यपाल मलिक ने पुलवामा, अग्निवीर सहित कई मामलों पर खुलकर बात की। मलिक ने पुलवामा हमले पर कहा- मौजूदा परिस्थितियां ठीक नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को पुलवामा और अडानी मामले पर बोलना चाहिए। मैं यह नहीं कहता कि हमला जानबूझ कर करवाया गया था। अटैक तो पाकिस्तान स्पॉन्सर टेरेरिस्ट ने ही किया था। हमारी तो केवल यह गलती थी कि जो इंतजाम होने थे, वो सब नहीं किए गए। सेना ने होम मिनिस्ट्री से एयरक्राफ्ट मांगे थे, जो उन्हें नहीं मिले। 4 महीने तक लेटर पड़ा रहा। उस पर कोई जवाब नहीं दिया गया। जहाज नहीं दिए गए तो सैनिक सड़क से आए। रूट भी सैनेटाइज नहीं था। जहां अटैक हुआ, वहां 10 किलोमीटर में 10 जगह लिंक रोड आकर जुड़ती है। कहीं भी कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।

पीएम ने मुझे चुप करा दिया था
मलिक ने कहा- जब पीएम ने इस बारे में मुझसे पूछा तो मैंने उन्हें यही कहा कि मैं तो बहुत दुखी हूं क्योंकि यह हमारी गलती की वजह से हुआ। उस वक्त पीएम ने मुझे कहा कि तुम अभी चुप रहो। मैं दिल्ली आ रहा हूं। वहां बात करेंगे, लेकिन इस मामले में कुछ नहीं हुआ। मैं अमित शाह का बहुत सम्मान करता हूं। उनसे कोई आर्ग्यूमेंट नहीं करना चाहता। उस दौरान दो मीडिया हाउस में मैंने बाइट दे दी थी। शाह ने कहा कि जब पावर में होते हैं तो ऐसे नहीं कहते। पीएम ने भी मुझे आगे बोलने को मना किया। उस दौरान नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने भी मुझे फोन पर कहा कि अब कुछ मत बोलिए। मुझे इस बात का सख्त अफसोस है कि इतनी बड़ी घटना को हमले बहुत हल्के में लिया। शायद इसलिए कि हम उसका राजनीतिक उपयोग कर सकते थे।

राहुल पर निर्णय जल्दबाजी में लिया
अग्निवीर योजना पर मलिक ने कहा- मजबूरी में युवा सेना में चला जाएगा, लेकिन उसमें वह जज्बा नहीं होगा जो होना चाहिए। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने पर कहा कि यह डिसीजन जल्दबाजी में हुआ। गांधी को टाइम देना चाहिए था। सबसे ख़राब काम हुआ कि राहुल गांधी को संसद में अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी गई, जो उसका अधिकार था। राहुल के खिलाफ तीन मिनिस्टर भी बोले थे, लेकिन स्पीकर ने फिर भी राहुल को बोलने की इजाजत नहीं दी।

जेब में इस्तीफा ले जाता था
मलिक ने कहा कि जब मैं पीएम से मिलने जाता था तो इस्तीफा अपनी जेब में लेकर जाता था। अगर मेरे से एक बार भी मांगते तो मैं दे देता। मैं इस बात का आभारी हूं कि उन्होंने ही मुझे राज्यपाल बनाया और अमित शाह कहते तो एक मिनट में इस्तीफा दे देता, लेकिन मुझे कुछ लोगों ने सलाह दी कि तुम बेवकूफी मत करना। बिना मांगे इस्तीफा मत देना।

हाइडल प्रोजेक्ट में संघ से जुड़ा कोई नहीं था
मलिक जम्मू-कश्मीर में इंश्योरेंस और हाइडल प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले पर भी बोले। कहा – हाइडल प्रोजेक्ट में संघ का कोई आदमी नहीं था। प्रोजेक्ट में जो आदमी था वह पीएम के काफी नजदीक है। उससे मैं मिला तो उसने कहा कि आपने बड़ा बुरा किया, लेकिन हम तो काम करवा लेंगे। जब मैंने पीएम को बताया कि वह तो दलाली का केस दे रहा था तो मैंने मना कर दिया। इस पर पीएम ने भी मुझे सपोर्ट किया। दूसरा जो मामला था उसके बारे में मुझे अफसरों ने ही बताया था। जिस दिन मैंने वह मामला कैंसिल किया उस दिन RSS वाले राम माधव मेरे घर पर सुबह 7 बजे बिना नहाए-धोए आए। उन्होंने मुझे उसकी चिट्ठी के बारे में पूछा। माधव काफी व्यथित थे।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं कोई विपक्ष में जान फूंकने का काम नहीं कर रहा हूं, लेकिन विपक्ष को अब यह जरूरी हो गया है कि वह पीएम के सामने एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करें। राजनीति और चुनाव एक दिन में बदलते हैं। हालांकि मौजूदा परिस्थितियां बीजेपी के लिए ठीक नहीं हैं।

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