ग्राउंड रिपोर्ट: नल जल योजना अधूरी, पांचों हैंडपंप सूखे, कुएं का प्रदूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण: लटेरी ब्लॉक के गांवों में पीने के पानी के लिए मचा हाहाकार
आनंदपुर डेस्क: सीताराम वाघेला
कुआं सूखे, नल सूखे, 8 दिन में आ रहा है नलों से पानी, आम जनता बेहाल पानी के लिए चारों ओर मची हाहाकार यही हाल है लटेरी तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों की आम जनता का
इस समय नौतपा चल रहे हैं लेकिन पीने के पानी के लिए चारों ओर हाहाकार मची हुई है हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत वनारसी की यहां पर कहने को तो तीन-चार कुआं है लेकिन पानी किसी में भी नहीं एकमात्र कुआं में थोड़ा सा गंदा पानी है उसी को ग्रामीण जन मोटरों की सहायता से घंटों के इंतजार के पश्चात अपने घरों में भर पाते हैं यह पानी देखने में ही इतना गंदा है कि आदमी पीना तो दूर की बात देख कर ही उल्टियां कर दे लेकिन क्या करें जीवन जीना जीवन जीने के लिए जल तो अति आवश्यक है ही इसी मजबूरी के चलते ग्रामीण जन इस गंदे पानी को पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं 5 हैंडपंप भी लगे हुए हैं लेकिन उपयोग में कोई भी हैंडपंप नहीं आ रहा क्योंकि जल स्तर इतना नीचे पहुंच गया है कि पूरे हैंडपंप खाली पड़े हैं।
पूरी तहसील में 73 जगह स्वीकृत हैं नलजल योजना
कहने को तो पूरी लटेरी तहसील में 73 जगह नल जल योजना से हर घर पानी पहुंचाने के लिए स्वीकृत हुई हैं।
जिनमें से 12 – 13 ही पूर्ण रूप से चालू हो सकी है और वर्तमान में 25- 26 जगह सिर्फ 50% ही कार्य पूरा हुआ है जबकि बरसात आने को है और ग्रामीण जन बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं यह ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों की धीलपोल के कारण हो रहा है। यह सभी मिलकर शासन की इस महत्वकांक्षी योजना को सही तरीके से धरातल पर लागू नहीं कर पा रहे है। जिससे सभी ग्रामीण जनों को इसका सही तरीके से और समय पर लाभ मिल सके। और अभी लास्ट में लास्ट महीने में ही 34 जगह नई नल जल योजना की लाइन स्वीकृत हुई हैं।
पानी की कहानी ग्रामीणों की जुबानी
ग्राम पंचायत बनारसी के हरिपुर निवासी चिरंजीलाल राजू राजपूत रवि कुमार सहित अन्य ग्रामीणों ने भास्कर दैनिक भास्कर संवाददाता से बात करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत बनारसी में 2 वर्ष पहले नल जल योजना स्वीकृत हुई थी लेकिन उस नल जल योजना का अभी तक कोई भी अता-पता नहीं है ग्राम में तीन-चार कुआ है और 5 हैंडपंप भी हैं लेकिन पानी किसी में भी नहीं है एकमात्र कुआं में बमुश्किल 4- 6 घंटे में 25 से 30 लीटर पानी जमा हो पाता है इसी गंदे पानी को ग्रामीण जन पीने के लिए मजबूर है उसी कुआ में लगभग 15 पानी की मोटर डाल कर रखे हैं रात को कभी 2:00 बजे तो कभी 4:00 बजे तक पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है
सरपंच पति गुलाब सिंह अहिरवार ने बताया कि गहरीकरण के लिए डोलचा मशीन मंगवाई जा रही है और इससे इन कुओं को गहरा कराकर पानी की व्यवस्था की जा रही है हमने ऊपर विभाग से 3 ट्यूबवेल की मोटर मांगे हैं जिससे कि हैंडपंपों में डाली जा सके और ग्रामीणों को इस पानी की भीषण समस्या से निजात दिलाया जा सके नल जल योजना का सर्वे भी चल रहा है।
500 की आबादी लाइट,पानी,सड़क के लिए तरते है
अब बात करते हैं ग्राम पंचायत मदावता के मजरा पालपुर एक पहाड़ी पर लगभग 500 की आबादी है लेकिन यहां के निवासियों को सड़क पानी और बिजली के लिए दिन-रात जूझना पड़ रहा है सुबह से ही महिलाएं पानी की व्यवस्था में जुट जाती है और लगभग 2 से 3 किलोमीटर दूर से पीने की पीने के पानी की व्यवस्था करती हैं मजरा के ग्रामीण जन जयनारायण, रघुवीर सिंह ,क्षमा बाई आदि ने बताया कि हमारे ग्राम में आज तक किसी भी सरपंच द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था नहीं कराई गई और ना ही हमारे मजरा में कोई सड़क है दिन-रात दिन रात भारी मुसीबतों में काटना पड़ रहा है नेता आते हैं बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और हमारा वोट लेकर चले जाते हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर हमें कुछ भी नहीं दिया जाता ग्राम पंचायत सरपंच भी हमारी नहीं सुनता।
300 रू महीना के हिसाब से खरीदना पड़ रहा हैं पानी
ग्राम पंचायत काला देव में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं यहां पर ग्रामीण जनों को 200 से ₹300 में पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है सरवन अहिरवार ने बताया कि सुबह एक एक व्यक्ति प्राइवेट ट्यूबेल चलाता है उसी से हम सब ₹300 महीने के हिसाब से पानी खरीदते हैं ग्राम पंचायत सरपंच ने अभी तक हमारे हमें पीने के पानी की कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की।
ग्राम की राजकुमारी बाई, कलाबाई, मुल्लों बाई आदि ने बताया कि हमें सबसे अधिक पानी की समस्या है हम ₹300 महीने में एक प्राइवेट टूवेल से पानी भरते हैं सरपंच से पानी के संबंध में कहते हैं तो सरपंच बोलता है कि हम खुद ही प्यासे मार रहे हैं तो हम तुम्हारी व्यवस्था कहां से करें।
रामवीर, हरिशंकर, माखन आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत मे ग्राम पंचायत जो भी ट्यूबेल खुदवाती है तो उसमें पानी नहीं निकलता और अन्य कोई व्यक्ति खुदवाता है तो उसमें पानी निकल आता है कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है इसकी निष्पक्षता से जांच की जाए तो सारे आंकड़े सामने नजर आएंगे।
इसी तरह के हालात ग्राम पंचायत उनारसी कला में है वहां पर भी नल जल योजना के तहत पानी की टंकी तो बन चुकी है लेकिन अभी तक गांव में पाइप लाइन भी नहीं डाली गई यहां ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी से कार्य किया जा रहा है जिसका खामियाजा ग्रामीण जन भुगत रहे हैं।
ग्राम पंचायत बापचा में लाइट नहीं आने के कारण पानी की गंभीर समस्या हो जाती है, ग्राम पंचायत जावती, परवरिया काछी खेड़ा, छोटी रुसल्ली, बंदीपुर ओखली खेड़ा, खेर खेड़ी आदि में भी पानी की गंभीर समस्या होती जा रही है।
सरपंच का बेटा देखता है पंचायत के कार्य, देता हैं धमकियां
पानी के लिए पूरे जिले भर में पहले से ही काला पानी के नाम पहचानी जाने वाली ग्राम पंचायत आनंदपुर के हालात तो सभी ने देखे हैं यहां पर तो कभी 8 दिन में तो कभी 10 दिन में पानी की सप्लाई होती है ठेकेदार द्वारा यहां पर पिछले 1 वर्ष से नल जल योजना के की पाइप लाइन सिर्फ दो मोहल्लों में ही डाली गई है और सभी मोहल्लों में पाइप लाइन के लिए सड़कें खुदी पड़ी है लेकिन इस भीषण समस्या की ओर ग्राम पंचायत सरपंच के आग्रह करने पर भी ठेकेदार अपनी मनमानी से कार्य कर रहा है।
पंच जीवन जोगी और पंच पति जीवन राठौर ने बताया कि पानी की बहुत ही गंभीर समस्या है 6- 8 दिन में नलों से पानी आता है और उसके लिए भी कभी रात को 2:00 बजे तो कभी 4:00 बजे पंचायत द्वारा सप्लाई कराई जाती है कोई समय भी निश्चित नहीं है पीएचई की पाइप लाइन जगह-जगह से टूटी पड़ी है जिसमें से आधा पानी तो वहीं पर निकल जाता है जिसके कारण समय पर पानी की टंकी नहीं भरा पाती और पानी की समस्या बिगड़ती जाती है ग्राम पंचायत आनंदपुर के सारे कार्य सरपंच का बेटा राधावल्लभ ही देखता है और हम पानी की बोलते हैं तो हमें दादागिरी बताता है कि मैं तुम्हारा यह करा दूंगा मैं तुम्हारा वह करा दूंगा कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है जबकि राधावल्लभ एक सरकारी शिक्षक है तो वह पंचायत के कार्य कैसे देख सकता है अधिकारियों को इस पर संज्ञान लेना चाहिए
जितनी भी जगह पर नल जल योजना का कार्य चल रहा है वहां पर ठेकेदारों से बातकर कार्य में तेजी लाने का बोल दिया है और जो नवीन नल जल योजना स्वीकृत हुई है उनका भी ग्राम पंचायत से समन्वय कर जल्दी समवेल और पानी की टंकी का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
जे.एस. सिरोही एसडीओ पीएचई सिरोंज