ग्राउंड रिपोर्ट: विजय मर्डर केस का मुख्य आरोपी अवैध रूप से करवाता हैं जंगली जानवरों का शिकार: पीड़ित परिवार को अभी तक नहीं मिली आर्थिक सहायता
आनंदपुर डेस्क : सीताराम वाघेला
विजय मर्डर केस का मुख्य आरोपी अवैध रूप से बाहरी लोग को बुलाकर जंगली जानवरों का शिकार करवाता है
विजय मर्डर केस की जमीनी हकीकत जानने के लिए हम पहुंचे विदिशा जिले के सेमरा मेघनाथ गांव जहां की सारी जमीनी हकीकत ग्रामीण और परिवारजनों से जाना कि आखिर हकीकत क्या हैं।
तो पता चला कि रुस्तम खा बाहरी लोगों को बुलाकर जंगली जानवरों का शिकार करवाता है और शिकार में उपयोग किए हुए हथियारों को लहराकर गांव के लोगों को डरा धमका कर रह रहा है।
मृतक विजय के बड़े भाई किरोड़ी लाल ने बताया कि रुस्तम खा लगभग 1990 के आसपस आया था और यहां पर एक टपरा डालकर रहने लगा। हम गांव वालों ने उससे बोला कि अब यहां से चले जाओ तो वह धारदार हथियार दिखाकर डरा धमकाने लगा और कहने लगा कि यदि तुम लोगों ने किसी से शिकायत करने की गुस्ताखी की तो जान से मार दूंगा हम ठहरे गांव के लोग हथियार देखकर हम डर गए और उससे कुछ नहीं बोले धीरे-धीरे कर उसने हमारी वन विभाग की कब्जे वाली जमीन पर कब्जा जमा लिया।
इसी डर के कारण हम उसकी इन कामो की शिकायत करने की हिम्मत नही जुटा पाते धे।
जमीन के कब्जे को लेकर कई बार शिकायत की तो उसका भी फरियाददियो को कभी इंसाफ नही मिला अगर हमारी फरियाद समय पर सुनी जाती तो शायद हमारा भाई आज जिंदा होता।
कई बार शिकायत की लेकिन पुलिस ने नहीं की कोई भी कार्रवाई।
हमने इसकी शिकायत कई बार मुरवास थाने में जाकर भी की लेकिन थाने वालों ने हमेशा ही उसी का ही पक्ष लिया। क्योंकि थाने वालों से उसने अच्छी पकड़ बना रखी थी। पुलिस वालों की सरपरस्ती के चलते उसके हौसले इतने बुलंद हो गए कि वह हमारी जमीनों पर भी कब्जा करने लगा और इस तरह से उसने 35- 40 बीघा जमीन हथिया ली, उसी समय के सरपंच से मिलकर उसने अवैध रूप से जिस जगह उसके घर बने हैं उसका पट्टा भी करा लिया और आए दिन हमें और ग्रामीण जनों को धमकियां देता रहा। इसी का नतीजा है कि आज हमने हमारा छोटा भाई खो दिया यदि पुलिस इमानदारी से कार्य करती तो हमारा भाई आज जीवित होता पुलिस की लापरवाही के चलते ही हमारा भाई मारा गया।
मृतक के मझले भाई प्रकाश अहिरवार ने बताया कि जिस दिन विजय पर रुस्तम खान और उसकी लड़कों ने धारदार हथियारों से हमला कर घायल कर दिया था उसी दिन 3 जून को तो मुरवास थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए और हमने थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह परमार से कहा कि साहब लड़ाई हो गई है और हमारे भाई को लाठी-डंडों फरसा सब्बल और धारदार हथियारों से अकेला देखकर रुस्तम खान और उसकी लड़कों ने मारपीट की है तब थाना प्रभारी परमार हमसे बोला की मुंह उठाकर थाने चले आते हो, जाओ मार कर आओ या मर कर आओ।
न आरोपियों के घर टूटे और न ही आर्थिक सहायता मिली
तब हम लोग वहां से तुरंत लटेरी हॉस्पिटल पहुंचे वहां से विजय को विदिशा रेफर कर दिया और इलाज के दौरान विजय ने दम तोड़ दिया सुबह हम उसे लेकर लटेरी वापस आए जहां पर समाज जनों के साथ हमने धरना प्रदर्शन भी किया इस धरना प्रदर्शन में उन्हें समाज जनों का भरपूर सहयोग मिला विधायक ने भी खूब मदद की, धरना प्रदर्शन के दिन ही शाम के समय जिला कलेक्टर, एसपी और विधायक उमाकांत शर्मा भी डेड बॉडी के साथ हमारे घर पहुंचे थे और उन्होंने ग्रामीण जनों के सामने आश्वासन दिया था कि आरोपियों के सरकारी जमीन के पट्टे निरस्त करा कर उन पर बुलडोजर चलाया जाएगा और पीड़ित परिवार को ₹8 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा, विजय सिंह के दोनों बच्चों का पढ़ाई लिखाई का खर्च भी शासन-प्रशासन उठाएगा। लेकिन आज दिन तक ना तो कोई हमें आर्थिक सहायता प्राप्त हुई और ना ही आरोपियों के घर टूटे।
5 जून को हमें थाने में बुलाया, देखा कि पुलिस ने 4 लोगों को आरोपी बनाया है जबकि हम लोगों ने 6 लोगों के नाम बताए थे पुलिस अभी भी 2 लोगों को बचा रही है पुलिस ने अभी तक ना ही हमें एफ आई आर की कॉपी दी।
उल्लेखनीय है कि 3 जून को सुबह लगभग 11:00 बजे विजय सिंह को अकेला देखकर रुस्तम खान और उसके लड़के शरीफ खान सफीक खान रफीक खान इकबाल खान अरमान खान आदि ने हरदा हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिसने और विजय ने विदिशा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया जिसके अगले दिन अहिरवार समाज संघ के बैनर तले लटेरी में सीवान चौराहे पर 7 घंटे चक्का जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया गया था
रात को मुंह बांध कर आते हैं बाहरी लोग, पीड़ित परिवार को जान का खतरा
रुस्तम खा के घर अभी प्रतिदिन रात्रि के समय 10 – 12 लोग मुंह बांधकर आते हैं जिससे हमें अभी भी खतरा है कहीं ऐसा ना हो कि यह बाहरी लोग हमें फिर से कोई जान माल कि हानी ना पहुंचा दें।
मृतक विजय अहिरवार की पत्नी रेखा बाई का कहना है कि उसके पति को तभी इंसाफ मिलेगा जब आरोपियों के सरकारी जमीन के पट्टे निरस्त हो और उनके घर पर बुलडोजर चले साथ ही आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए।
अहिरवार समाज संघ लटेरी के ब्लॉक अध्यक्ष पहलवान सिंह प्रभाकर ने बताया कि शासन प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया है लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार के पास कोई भी आर्थिक सहायता नहीं पहुंची और ना ही आरोपियों के घर पर बुलडोजर चला और हमें जानकारी भी मिली है कि पीड़ित परिवार के लोगों को बहारी व्यक्तियों से डर है क्योंकि वहां पर रुस्तम खा के घर कुछ बाहरी व्यक्तियों का रात्रि के समय आवागमन होता है