न्यूज़ डेस्क

अयोध्या में आज से शुरू होंगे रामलला के दर्शन: सुबह 7 बजे खुलेगा मंदिर; हर श्रद्धालु को मिलेंगे 15 से 20 सेकंड

न्यूज़ डेस्क :

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। गर्भगृह में रामलला की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है। अब आज से राम मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा। हर दिन डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए रामलला के दर्शन के लिए हर श्रद्धालु को 15 से 20 सेकेंड का ही समय मिलेगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर को दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से 11.30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन हो सकेंगे। हालांकि, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अगर ज्यादा श्रद्धालु आएंगे, तो मंदिर 18 घंटे तक खोला जाएगा।

रामलला की जिस मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया है, उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इसे शालीग्राम पत्थर से बनाया गया है, जिसे शास्त्रों में भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है।

सुबह-दोपहर-शाम होगी आरती, पहले से करानी होगी बुकिंग

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक, रामलला की दिन में 3 बार आरती होगी। पहली आरती सुबह साढ़े 6 बजे, दूसरी दोपहर 12 बजे और तीसरी शाम को साढ़े 7 बजे होगी। सुबह की आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग करानी पड़ेगी। जबकि शाम की आरती के लिए उसी दिन भी बुकिंग हो सकती है।

आरती में शामिल होने के लिए पास जारी किए जाएंगे, जो श्रीराम जन्मभूमि के कैंप ऑफिस से मिलेंगे। आरती शुरू होने से आधे घंटे पहले तक पास मिलेगा। पास लेने के लिए अपना सरकारी आईडी प्रूफ जैसे आधार कार्ड/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस साथ लाना होगा।

इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट से भी पास लिया जा सकता है। आरती पास सेक्शन के मैनेजर ध्रुवेश मिश्रा ने कहा था कि पास फ्री में जारी किया जाएगा। हालांकि, एक बार की आरती के लिए 30 लोगों को ही पास दिया जाएगा। बाद में इस संख्या को और भी बढ़ाया जा सकता है।

गर्भगृह में तीन मूर्तियां स्थापित
गर्भगृह में तीन मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पहली– मुख्य मूर्ति है, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। दूसरी– चांदी की मूर्ति है। जो चल है। तीसरी- मूर्ति वह है, जो अस्थाई मंदिर में रखी गई थी।

कृष्ण शैली में है रामलला की मूर्ति
रामलला की मूर्ति कृष्ण शैली में बनी हुई है। जिसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। योगीराज ने प्रतिमा को एक ही पत्थर से बनाया है। यानी, पत्थर को कहीं जोड़ा नहीं गया है। मूर्ति में श्रीराम के साथ ही विष्णु जी के दसों अवतारों के भी दर्शन होंगे। मूर्ति के ऊपरी हिस्से में ऊँ, पद्म, चक्र, सूर्य, गदा, शंख और स्वस्तिक के चिह्न भी बनाए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!