भोपाल का हमीदिया अस्पताल देश का पहला सरकारी अस्पताल होगा: जहां एक ही रोबोट से होगी नी-हिप सर्जरी

भोपाल डेस्क :
विवेक राजपूत हमीदिया अस्पताल देश का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जो हिप और नी (कूल्हा और घुटना) रिप्लेसमेंट एक ही रोबोटिक मशीन से करेगा। हमीदिया अस्पताल में 16 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत का रोबोट खरीदने की तैयारी चल रही है। इसके लिए वित्तीय अनुमति मिल गई है। हफ्तेभर पहले रोबोट की खरीदी के लिए आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया था। इस पर अधिकारियों की सहमति बन गई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी में मरीजों को यह सुविधा मिल सकती है।
दरअसल, हमीदिया अस्पताल में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑर्थोपेडिक्स बनाया जा रहा है। यह रोबोट उसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अभी इस सेंटर की बिल्डिंग बनने में समय है। लेकिन, हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में आधुनिक सुविधाओं वाले ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध होने के चलते रोबोट को जल्द से जल्द लाकर सुविधा की शुरुआत करने की तैयारी है। जब सेंटर की बिल्डिंग तैयार होगी तो उसे वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।

एक हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी: राेबोट
की डिलीवरी के साथ ही कंपनी की ओर से ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट को एक हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी। हालांकि, इससे पहले बीते साल सितंबर में हमीदिया अस्पताल में रोबोट के माध्यम से हिप और नी की लाइव सर्जरी की गई थी। इसे हमीदिया अस्पताल अन्य ऑर्थोपेडिक्स सर्जन ने देखा था।
हर महीने 10 मरीजों को जरूरत पड़ती है
ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सुनीत टंडन का कहना है कि यहांं हर महीने 8 से 10 हिप या नी रिप्लेसमेंट होते हैं। अभी प्रदेश में गिने-चुने सेंटर होने से कई बार मरीजों को दिल्ली और मुंबई भी जाना पड़ता है। मेरी कोशिश है कि अगले वर्ष की शुरुआत में यह सुविधा उपलब्ध हो।
सटीक रिप्लेसमेंट, कम डैमेज होते हैं सॉफ्ट टिशू
- रिप्लेसमेंट 100% सटीक होता है। जीरो एरर प्रोसीजर संभव है। अभी की तकनीक में हड्डी 1 एमएम इधर-उधर हुई तो बैलेंस बिगड़ता है। रोबोट से रिप्लेसमेंट में असफलता की आशंका नहीं होती।
- रोबोट से रिप्लेसमेंट में पिन पॉइंट एक्यूरेसी रहती है। यानी जिस जोड़ को बदलना है उसी हड्डी को काटते हैं। इससे आसपास के सॉफ्ट टिशू कम डैमेज होते हैं। मरीज को दर्द कम होता है।
- अभी नी के लिए 20-25 तो हिप के लिए 20-30 सेमी का चीरा लगता है। तब मरीज को रिकवरी में 5-6 दिन लगते हैं। रोबोट से रिप्लेसमेंट में 15 सेमी चीरा लगने से रिकवरी 3-4 दिन में होती है।
आम मरीजों को मिलेगी 50 प्रतिशत की छूट
निजी अस्पताल में एक घुटने के रिप्लेसमेंट के लिए 2.25 लाख तो कूल्हे के लिए 2.00 लाख रुपए खर्च आता है। लेकिन, हमीदिया अस्पताल में आयुष्मान योजना के हितग्राही मरीजों को रोबोटिक सर्जरी की सुविधा नि:शुल्क मिलेगी। जबकि, ऐसे आम मरीज जो किसी सरकारी योजना के लाभार्थी नहीं हैं, वे 50% फीस पर सुविधा का लाभ ले सकेंगे।



