26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे मल्लिकार्जुन खड़गे , राजस्थान में सियासी संकट के बाद एक मंच पर साथ नजर आएंगे गहलोत और पायलट
राजस्थान में सियासी संकट के बीच लंबे समय बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक साथ नजर आएंगे। कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 26 अक्टूबर को अध्यक्ष का चार्ज संभालेंगे। उनके इस कार्यक्रम में राहुल गांधी भी शामिल होंगे। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से दिल्ली लौटे हैं। राहुल 27 अक्टूबर से फिर भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ जाएंगे।
खड़गे के चार्ज संभालने पर होने वाले कार्यक्रम में देशभर से प्रमुख कांग्रेसी नेता शामिल होंगे। मगर सबसे बड़ा फोकस गहलोत और पायलट पर होगा। मई में उदयपुर में हुए राष्ट्रीय चिंतन शिविर के बाद दोनों किसी कार्यक्रम में साथ नजर आएंगे।
एआईसीसी ने पदाधिकारियों को बुलाया
खड़गे के कार्यक्रम के लिए एआईसीसी से तमाम पदाधिकारियों को बुलाया गया है। इसके लिए सीडब्ल्यूसी सदस्यों, एआईसीसी प्रभारियों और सचिव को बुलाया गया है। राजस्थान से इस कार्यक्रम में गहलोत, पायलट के अलावा सीडब्ल्यूसी सदस्य भंवर जितेंद्र सिंह, रघुवीर मीणा, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, यूपी सह प्रभारी धीरज गुर्जर, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नेता शामिल होंगे।
माना जा रहा है कि पिछले महीने नोटिस पाने वाले तीनों नेताओं सहित राजस्थान के और भी कई नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
आज से ठीक एक महीने पहले 25 सितम्बर को राजस्थान में इस्तीफा पॉलिटिक्स हुई थी। उसके बाद से राजस्थान की सियासत में कई उठा-पटक हुई। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि खड़गे के प्रोग्राम में जिस तरह का माहौल होगा। उससे राजस्थान को लेकर काफी कुछ स्थितियां साफ हो जाएगी।
माना जा रहा है कि खड़गे के चार्ज संभालने के बाद अनुशासनहीनता के लिए नोटिस पाने वाले तीनों नेता शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का यह भी कहना है कि गुजरात चुनाव और 4 दिसम्बर को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने के चलते हाईकमान फिलहाल राजस्थान में सब कुछ सामान्य चाहता है। ऐसे में दोनों ही गुटों की हाईकमान पर नजर है।
खड़गे के नामांकन से निर्वाचन तक मौजूद रहे गहलोत
राजस्थान के सीएम गहलोत 30 सितम्बर को मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष पद के नामांकन और 19 अक्टूबर को उनके निर्वाचन में साथ रहे हैं। 30 सितम्बर को गहलोत उनके प्रस्तावक भी बने थे। इसके बाद मतदान से चंद दिन पहले गहलोत ने खड़गे के समर्थन में अपील भी की थी। वहीं खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद भी गहलोत उन्हें बधाई देने पहुंचे थे।
गहलोत-पायलट एक मंच पर आएंगे नजर:सियासी संकट के बाद पहली बार साथ दिखेंगे, दोनों गुटों की हाईकमान पर नजर