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स्वच्छता में नंबर वन के बाद इंदौर का एक ओर कीर्तिमान, अब पानी बचाने में भी नंबर वन: 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में वेस्ट जोन का नंबर वन जिला बना

इंदौर डेस्क :

जल संरक्षण और प्रबंधन में भी इंदौर ने इतिहास रच दिया है। सोमवार को घोषित 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में इंदौर को वेस्ट जोन का नंबर वन जिला घोषित किया गया है। क्योंकि इस बार मई की भीषण गर्मी में भी हमारी नदियों का जल प्रवाह नहीं टूटा, झरनों की रवानी भी पहले से अधिक समय तक बरकरार रही। 22 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर को पुरस्कृत करेंगी।

अन्य विजेताओं में ओडिशा को वर्ष 2023 के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है। उप्र जल जीवन मिशन के तहत 72.78% गांवों को नल से जल पहुंचाने और 15 हजार अमृत‎ सरोवर विकसित करने के लिए दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात व पुडुचेरी संयुक्त रूप से तीसरे पायदान पर है।

सूरत और केरल का गांव पुल्लमपारा भी सर्वश्रेष्ठ‎‎

जल प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतों में पहला पुरस्कार केरल के तिरुअनंतपुरम जिले के पुल्लमपारा गांव को दिया जाएगा।‎ दूसरा पुरस्कार छत्तीसगढ़ के कांकेर के मासुलपानी गांव को मिलेगा। सर्वश्रेष्ठ नगर निकाय के लिए पहला पुरस्कार गुजरात के‎ सूरत, दूसरा पुरस्कार ओडिशा के पुरी और तीसरा पुरस्कार महाराष्ट्र के पुणे को मिलेगा।‎‎

शैक्षिक संस्थानों में सीकर का सरकारी स्कूल अव्वल‎‎

जल प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पहला पुरस्कार राजस्थान के सीकर के गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल को मिलेगा। दूसरा‎ पुरस्कार नई दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित गवर्नमेंट सर्वोदय कन्या विद्यालय को दिया जाएगा। इसके अलावा उच्च शिक्षण‎ संस्थानों में पहला पुरस्कार कोयंबटूर के तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी को दिया जाएगा।‎‎

इंदौर 10/10: तालाब बचाए, झरनों को दिया जीवन, घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग

  • नेशनल पुरस्कार के आकलन में इंदौर को 10 में से 10 अंक मिले। मई में आई टीम ने ग्राम मलेंडी, बड़िया, बुरालिया, जाम बुजुर्ग में बहती नदियां देखीं।
  • इंदौर ने जल संरक्षण के लिए 419 फॉर्म पोंड, 101 अमृत सरोवर, 185 डगआउट पॉड बनाए।
  • बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड, पातालपानी झरनों में पानी के प्रवाह की अवधि और मात्रा में बढ़ोतरी की।
  • नगर निगम क्षेत्र में 1.14 लाख घर व ग्रामीण क्षेत्र में 1400 शासकीय भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग लगाए।
  • परंपरागत जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए 22 अमृत सरोवर से अतिक्रमण हटाया। 25 तालाबों का क्षेत्रफल बढ़ाया।
  • सामुदायिक और निजी फलोद्यान में 3 लाख पौधे मनरेगा से लगाए गए। नगर निगम सालाना 1 लाख पौधे लगा रहा है। शहर में 100 अहिल्यावन बनाए।
  • जल संरक्षण के प्रति जनजागरण के लिए सभी 334 ग्राम पंचायतों का वाटर बजट तैयार किया गया। जलदूत ऐप के माध्यम से भूजल स्तर की निगरानी की जा रही।

(जैसा कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया)

ओडिशा ने 53 हजार जलाशय व रेनवाटर हार्वेस्टिंग ढांचे बनाए‎‎

ओडिशा में कुछ वर्षों में 53 हजार‎ जलाशय और रेनवाटर हार्वेस्टिंग ढांचे‎ खड़े किए गए। जल‎ संरक्षण व प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ जिलों में पूर्वी जोन से ओडिशा का बालांगीर, नॉर्थ ईस्ट से त्रिपुरा का ढालई, दक्षिणी से आंध्र प्रदेश का विशाखापट्टनम और उत्तरी जोन से जम्मू-कश्मीर के गांदरबल व‎ उप्र के बांदा जिले को चुना गया है।

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