विदिशा डेस्क :
इफको और जिला सहकारी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में एक सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कलेक्टर उमाशंकर भार्गव भी मौजूद रहे। इस सम्मेलन में किसानों को खाद और डीएपी की बजाय नैनो टेक्निक का इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी दी गई और उसके फायदे बताए गए।
बताया गया कि इसकी प्रक्रिया खाद और डीएपी के मुकाबले काफी सस्ता और सरल प्रक्रिया है इसको लाने ले जाने में भी परेशानी नहीं होती। किसानों के लिए नैनो टेक्निक के लिए तरल पदार्थ को डालने की मशीन का भी प्रदर्शन भी इस दौरान किया गया। कुछ किसानों को मशीन निशुल्क उपलब्ध नहीं कराई गई।
इस मौके पर बताया कि नैनो डीएपी को पारंपरिक रूप से चलने वाले डीएपी को ध्यान में रखा गया है। पारंपरिक रूप के डीएपी के 50 किलो की कीमत 1350 रुपए है, जबकि नैनो तरल डीएपी की एक बोतल (500 एमएल) की क्षमता डीएपी के एक बैग के बराबर होगी। नैनो डीएपी की एक बोतल की कीमत करीब 600 रुपए है। इस तरह किसानों की बचत हो सकेगी।
नैनो तरल डीएपी की 500 मिली की एक बोतल 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है, यानी एक खेत में जितना असर 45 किलो यूरिया करेगा। उतना ही नैनो डीएपी की एक बोतल कर देगी। जानकारों का कहना है कि लिक्विड होने की वजह से यह परंपरागत डीएपी से कम कैमिकली तौर पर जमीन को प्रभावित करेगी।