न्यूज़ डेस्क :
मऊगंज में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जहां मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव में एक विशेष प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट में गौवंश के गोबर से लकड़ी तैयार की जाएगी। जहां प्लांट के संचालक ने 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की योजना बनाई है। बताया गया कि मऊगंज प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहां पर इस योजना की शुरुआत की गई है।
मऊगंज में “गोबर से धन परियोजना” की शुरूआत
नवीन जिला बनने के बाद मऊगंज में आए दिन नवाचार के प्रयास किए जा रहें हैं। “गोबर से धन परियोजना” के तहत मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव में एक निजी कम्पनी ने प्लांट स्थापित किया गया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर पर इस प्लांट का उद्घाटन किया गया है। “गोबर से धन परियोजना” योजना के अंतर्गत इस प्लांट की शुरुआत शुक्रवार से कर दी गई है। निजी कम्पनी के द्वारा इस प्लांट में लगीं मशीनों के जरिए गोबर से लकड़ी तैयार की जाएगी जो काफी उपयोगी साबित होगी। प्लांट के संचालक लोगों से 2 रूपए प्रति किलो गोवंश के गोबर की खरीदी करेंगे। इसके बाद उसमें कोयले के बारीक पाउडर को मिलाकर उसका मिश्रण तैयार करेंगे। मिश्रण तैयार होने के बाद उसे आटा चक्कीनुमा मशीन में डाला जाएगा। जिसके कुछ ही समय बाद लगभग 3 फिट लंबी और 5 इंच मोटी गोलाकर लकड़ी तैयार होकर बाहर आ जाएगी। कुछ ही मिनटों मे जलाऊ लकड़ी बनकर मशीन से बाहर निकल आएगी। लकड़ी प्लांट के संचालक ने बताया की गोबर और कोयले से तैयार होने वाली लकड़ी सामान्य लकड़ी से 4 गुना अधिक ज्वलनशील होगी। इस मशीन के जरिए रोजाना 6 टन लकड़ी का उत्पादन हो सकेगा। हलांकि गोबर और कोयले से बनाई जानें वाली लकड़ी की बाजारू कीमत क्या होगी यह अभी तय नहीं किया गया है।
परियोजना सफल हुई तो कई समस्याओं से मिलेगी निजात
निजी प्लांट के संचालक रवी ने बीते डेढ़ माह पूर्व मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव से मुलाकात की और उनसे इस योजना के संबंध में चर्चा की। जिसके बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव की पहल और सुझाव से योजना तैयार की गई। जो की समूचे प्रदेश में सिर्फ मऊगंज जिले में शुरु की गई है। बताया गया कि “गोबर से धन परियोजना” योजना को अगर प्रदेश का प्रत्येक जिला अपनाता है तो सालों से चली आ रही ऐरा प्रथा की समस्या कम हो सकेगी। बल्कि इसके साथ ही लोग अपना खुद का रोजगार स्थापित करेंगे और यह लोगों की आमदनी का जरिया भी बनेगा। मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि यह योजना टैक्स फ्री होगी और अगर कोई अपने वाहन से गोबर को लेकर प्लांट में बिक्री के लिए आते हैं तो 2 रुपए प्रति किलो गोबर के अतिरिक्त गोबर का परिवहन करने वाले वाहन का भुगतान भी उन्हें किया जाएगा। अगर कोई अपने गौशाला से ही गोबर की बिक्री करना चाहता है तो प्लांट का एक वाहन मौके पर जाएगा और वजन करके गोबर की राशि का भुगतान किया जाएगा।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बोले सफल हुए तो योजना को अपनाएगा पूरा प्रदेश
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस योजना के जरिए दो बड़ी समस्याओं के निदान होने की संभावना है। एक तो सड़क पर घूमने वाले मवेशी जो अक्सर सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं या किसानों की फसलों का नुकसान करते हैं वो समस्या हल होगी। अब जब 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है तो इससे मवेशियों को बांधने की प्रवृत्ति को बल मिलेगा। वहीं इस योजना से लोगों को आर्थिक तौर पर भी मजबूती मिलेगी।