विदिशा

मध्यप्रदेश के गोदामों में सड़ा 5.76 लाख क्विंटल गेहूं, अब जानवरों के खाने के लायक भी नहीं

काश! मुफ्त ही बांट देते

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश के गोदामों में रखा 58 हजार टन ( 5.76 लाख क्विंटल) गेहूं, ज्वार और बाजरा फिर बर्बाद हो गया। यह अनाज भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत प्रमुख जिलों में रखा था, जो अब इंसानों के खाने लायक नहीं बचा। अब यह जानवरों, मुर्गे (पोल्ट्री के उपयोग) को खिलाया जाएगा। कुछ अनाज तो सिर्फ औद्योगिक इस्तेमाल में ही आने की स्थिति में पहुंच चुका है। यह स्थिति तब है जब मप्र कुपोषण के मामले में देश पर कलंक की तरह है।

पोषण ट्रैकर के जून 2024 के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में 27% बच्चे कम वजन के मिले हैं। यह देश में सर्वाधिक है। फिर भी यहां अनाज सड़ रहा है। हाल ही में खाद्य विभाग ने खराब अनाज बेचने के लिए टेंडर जारी किया है। यानी, समर्थन मूल्य पर खरीदी, परिवहन, भंडारण आदि मिलाकर जिस गेहूं पर प्रतिकिलो 30 रुपए खर्च हुए हैं, उसे 2 से 16 रुपए तक बेचा जाएगा। इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के एमडी पीएन यादव से बात करने की को​शिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

जिस गेहूं पर 30 रुपए खर्च, उसे 2 रुपए किलो तक बेचेंगे

16 लाख टन गेहूं रखने से इंकार कर चुका एफसीआई

खाद्य विभाग के आंकड़े बोल रहे हैं कि 2020-21 से लेकर 2023-24 के बीच चार साल में 16.34 लाख टन अनाज खराब होने की वजह से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) लेने से मना कर चुका है। 2023 में चार मई को 6628.93 टन खराब अनाज बेचा गया। इसी तरह 3 अगस्त 2023 को जारी टेंडर से भी 10 हजार 986 टन अनाज बेचा गया।

भोपाल सबसे ज्यादा अनाज बर्बादी वाले जिलों में शामिल चार साल में सर्वाधिक 9 लाख 84 हजार टन अनाज की बर्बादी राजधानी भोपाल के साथ पूरे संभाग में हुई है। दूसरे नंबर पर जबलपुर है, जहां 3.74 लाख टन और उज्जैन में 1.21 लाख टन अनाज खराब हुआ है। इंदौर में 19,913 टन, सतना में 92,276 टन, सागर में 11,547 टन और ग्वालियर में 30,764 टन अनाज खराब हुआ है।

आश्चर्यजनक… कोई अफसर दोषी नहीं, सिर्फ सहायक सस्पेंड पिछले कुछ सालों में मप्र में बड़ी मात्रा में अनाज खराब हुआ है। पिछले दो साल में कार्रवाई के नाम पर करीब 25 गोदाम सहायक सस्पेंड हुए। एक-दो क्वालिटी कंट्रोलरों से जवाब-तलब हुआ, लेकिन जिम्मेदार अफसरों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। भोपाल संभाग के ही बुधनी, आष्टा, रेहटी, नसरुल्लागंज, दिवटिया के कुछ गोदामों में रखा अनाज जानवरों के खाने लायक बचा है। चावल भी खराब होने की खबर है।

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